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US open tennis: कपड़े बदलने को लेकर भी डबल स्टैंडर्ड!

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 07 सितम्बर, 2018 07:19 PM
  • 07 सितम्बर, 2018 07:18 PM
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एक महिला खिलाड़ी अगर कोर्ट में अपनी शर्ट बदलती है तो उसे चेतावनी दे दी जाती है. और एक पुरुष खिलाड़ी उसी कोर्ट में शर्ट उतारकर बैठ मुस्‍कुराता है, लेकिन उसे कुछ नहीं कहा जाता.

फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट में सेरेना विलियम्‍स की ड्रेस को लेकर जो बवाल मचा था, उसका तूफान थमा भी नहीं था कि यूएस ओपन में नया हंगामा खड़ा हो गया. फ्रांस की ही एक महिला खिलाड़ी एलिजा कॉर्नेट को टेनिस कोर्ट पर अपने कपड़े ठीक करने की सजा भुगतनी पड़ी. जबकि उसी कोर्ट पर बिना शर्ट के मु‍स्‍कुराते जोकोविच का फोटो यूएस ओपन टेनिस एसोसिएशन ने ऑफिशियल हैंडल से ट्वीट किया.

...तो आइए खेलों की दुनिया के इस दोहरे व्‍यवहार का विस्‍तार से समझते हैं. देश कोई भी हो समानता का ढोल हर जगह पीटा जाता है, लेकिन कौन कितने पानी में है गाहे-बगाहे उजागर हो ही जाता है. यूं तो कई महिला विरोधी उदाहरण आपके सामने होंगे, लेकिन वो एक जगह जहां sexism आपको पैर पसारे दिखाई देगा वो है टेनिस का मैदान.

सेरेना विलियम के कैटसूट पर फ्रेंच टेनिस फेडरेशन ने बैन लगा दिया था. क्योंकि सेरेना की ड्रेस उनके ड्रेस कोड के नियमों का उल्लंघन करती थी. फिर फ्रांसीसी खिलाड़ी एलिजा कॉर्नेट पर यूएस ओपन ने Code of Conduct का उल्लंघन करने के लिए चेतावनी दे डाली.

एलिजा कॉर्नेट को कोर्ट में शर्ट बदलने पर मिली चेतावनी

तेज गर्मी की वजह से खिलाड़ियों को दस मिनट का ब्रेक दिया गया था. खेल शुरू होने से पहले कॉर्नेट तेजी से शर्ट बदलकर कोर्ट पर पहुंचीं लेकिन गलती से उन्होंने शर्ट उल्टा पहन लिया था. उनके पुरुष साथी ने जब इस बात का ध्यान दिलाया तो कॉर्नेट ने बेसलाइन के पीछे खड़े होकर जल्दी से अपनी शर्ट सीधी कर पहन ली, और ऐसा करते हुए जाहिर तौर पर उनकी स्पोर्ट्स ब्रा भी दिखाई दी. जिसे आचार सहिंता का उल्लंघन करार दिया और nsportsMANlike conduct कहा गया.

फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट में सेरेना विलियम्‍स की ड्रेस को लेकर जो बवाल मचा था, उसका तूफान थमा भी नहीं था कि यूएस ओपन में नया हंगामा खड़ा हो गया. फ्रांस की ही एक महिला खिलाड़ी एलिजा कॉर्नेट को टेनिस कोर्ट पर अपने कपड़े ठीक करने की सजा भुगतनी पड़ी. जबकि उसी कोर्ट पर बिना शर्ट के मु‍स्‍कुराते जोकोविच का फोटो यूएस ओपन टेनिस एसोसिएशन ने ऑफिशियल हैंडल से ट्वीट किया.

...तो आइए खेलों की दुनिया के इस दोहरे व्‍यवहार का विस्‍तार से समझते हैं. देश कोई भी हो समानता का ढोल हर जगह पीटा जाता है, लेकिन कौन कितने पानी में है गाहे-बगाहे उजागर हो ही जाता है. यूं तो कई महिला विरोधी उदाहरण आपके सामने होंगे, लेकिन वो एक जगह जहां sexism आपको पैर पसारे दिखाई देगा वो है टेनिस का मैदान.

सेरेना विलियम के कैटसूट पर फ्रेंच टेनिस फेडरेशन ने बैन लगा दिया था. क्योंकि सेरेना की ड्रेस उनके ड्रेस कोड के नियमों का उल्लंघन करती थी. फिर फ्रांसीसी खिलाड़ी एलिजा कॉर्नेट पर यूएस ओपन ने Code of Conduct का उल्लंघन करने के लिए चेतावनी दे डाली.

एलिजा कॉर्नेट को कोर्ट में शर्ट बदलने पर मिली चेतावनी

तेज गर्मी की वजह से खिलाड़ियों को दस मिनट का ब्रेक दिया गया था. खेल शुरू होने से पहले कॉर्नेट तेजी से शर्ट बदलकर कोर्ट पर पहुंचीं लेकिन गलती से उन्होंने शर्ट उल्टा पहन लिया था. उनके पुरुष साथी ने जब इस बात का ध्यान दिलाया तो कॉर्नेट ने बेसलाइन के पीछे खड़े होकर जल्दी से अपनी शर्ट सीधी कर पहन ली, और ऐसा करते हुए जाहिर तौर पर उनकी स्पोर्ट्स ब्रा भी दिखाई दी. जिसे आचार सहिंता का उल्लंघन करार दिया और nsportsMANlike conduct कहा गया.

आयोजकों की चेतावनी पर कई महिला खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं आईं, जो इत्तफाक से S open के दोहरे व्यवहार की तरफ इशारा कर रही थीं.

गर्मी का तो ऐसा है कि वो सबको बराबर लगती है, चाहे वो पुरुष हो या महिलाएं. लेकिन बात अगर स्पोर्ट्समैन यानी पुरुष खिलाड़ियों की हो तो वो अर्थर एश के कोर्ट में अपनी शर्ट उतारकर भी बैठ सकते हैं. गर्मी और उमस की वजह से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जॉन मिलमैन को गर्मी लगी तो वो कोर्ट के बाहर शर्ट बदलने चले गए. जबकि सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविक कोर्ट में ही रहे और वो वहीं अपनी शर्ट उतारकर बैठ गए. और जिस इत्मीनान से वो शर्टलेस होकर बैठे वो नजारा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. होना भी चाहिए, क्योंकि नोवक के हावभाव उसी sexism की कहानी जो कह रहे थे.

टेनिस कोर्ट में शर्ट उताकर बैठे नोवक

यूएस ओपन टैनिस के हैंडल से बाकायदा इस पल को शान से ट्वीट भी किया गया. क्या इसे डबल फॉल्ट नहीं कहा जाएगा?

एक महिला खिलाड़ी अगर कोर्ट में अपनी शर्ट बदलती है तो उसे चेतावनी दे दी जाती है. और एक पुरुष खिलाड़ी उसे कोर्ट में शर्ट उतार का बैठ जाता है तो वो कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन नहीं होता. इसे कहते हैं 'डबल स्टैडर्ड' जो यूएस ओपन के आयोजकों ने एक ही खेल के दौरान दिखा दिया.

लेकिन इस तरह के सवाल जब आयोजकों से किए जाते हैं तो वो तुरंत ये याद दिलाना नहीं भूलते कि यूएस ओपन ही ऐसा पहला टूर्नामेंट था जहां 1973 से महिला और पुरुष दोनों को एक समान पैसा दिया जा रहा है.

पैसा बराबर दे रहे हैं, ये कहकर खुद पर गर्व करने वाले कायदे कानून के मामले में बराबरी नहीं दिखा सकते. जोकोविच के शर्टलेस होने से किसी को कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि वो पुरुष हैं. लेकिन कॉर्नेट ने ऐसा क्या किया था जो उन्हें चेतावनी दी गई, उन्होंने शर्ट उतारी लेकिन स्पोर्ट्स ब्रा पहनी हुई थी, नोवक ने क्या पहना था?

लोगों में इस बात से काफी रोश है जो सोशल मीडिया पर भी दिखाई दिया.

इतने सारे लोग जब यूएस ओपन के डबल स्टैडर्ड पर उंगलियां उठा रहे हैं, तो अब वक्त है कि टेनिस खेल के आयोजक लोगों की बातों को गंभीरता से लेते हुए नियमों पर एक बार फिर से विचार करें. फ्रेंच ओपन फेडरेशन अपना ड्रेस कोड लागू भले ही करे लेकिन इस बात को भी तवज्जो दे कि सेरेना का कैटसूट कोई फैशन स्टेटमेंट नहीं बल्कि उनकी सेहत के लिए पहना गया था. उन्हे खुद आकलन करना चाहिए कि पूरी तरह से शरीर को ढकने से दिखने वाले उभार ज्यादा चुभते हैं या पूरी तरह से खुली हुई जांघे. शर्ट उतार कर नग्न होना ज्यादा खराब दिखता है या फिर स्पोर्ट्स ब्रा पहने हुए खिलाड़ी.

पुरुष खिलाडि़यों के प्रति टेनिस एसोसिएशन का झुकाव ही टेनिस कोर्ट में sexism को बढ़ावा देता है. जोकोविच तो एक बार यह भी कह चुके हैं कि क्‍यों पुरुष खिलाडि़यों को महिला खिलाडि़यों से ज्‍यादा पैसा मिलना चाहिए. उनकी दलील थी कि पुरुष खिलाडि़यों की वजह से ही ज्‍यादा दर्शक टेनिस देखने जुटते हैं. ऐसे में महिला खिलाडि़यों को जितना पैसा मिल रहा है, उतना काफी है. ज्‍यादा इनामी राशि पाने के लिए पुरुष खिलाडि़यों को मिलकर संघर्ष करना चाहिए.

अगर यूएस ओपन में खेल के मैदान में महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता रहेगा, तो समान प्राइज मनी पर गर्व करने वाली बात कितनी खोखली रह जाएगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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