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एंटिगा में टीम इंडिया के सामने होगा उनका 'रोल मॉडल'

    • विक्रांत गुप्ता
    • Updated: 21 जुलाई, 2016 08:04 PM
  • 21 जुलाई, 2016 08:04 PM
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तब से अब तक 14 साल बीत चुके हैं. कुंबले उस पुराने एंटिगा रिक्रिएशन ग्राउंड में टूटे हुए जबड़े और उस पर चढ़ी पट्टी के साथ गेंदबाजी करने उतरे थे. आज वहीं वे विराट कोहली एंड कंपनी के कोच के रूप में मौजूद हैं.

पूरी तरह तो नहीं लेकिन कह सकते हैं कि चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट के लिए जब एंटिगा में टीम इंडिया के साथ अनिल कुंबले टीम बस से उतर कर सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम की ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़ रहे होंगे, तो वो लम्हा उनके लिए इतिहास में झांकने के जैसा होगा.

तब से अब तक 14 साल बीत चुके हैं. जब कुंबले उस पुराने एंटिगा रिक्रिएशन ग्राउंड में टूटे हुए जबड़े और उस पर चढ़ी पट्टी के साथ गेंदबाजी करने उतरे थे. उन्होंने उस चोट के दर्द के बावजूद 14 ओवर की गेंदबाजी की. और तब दुनिया ने भी उस फाइटर की एक झलक देखी. हालांकि, वह टेस्ट ड्रा की ओर मुड़ गया लेकिन तब कुंबले ने ब्रायन लारा का विकेट लेकर भारत की उम्मीदों को जगा दिया था. अगले दिन वे सर्जरी के लिए बेंगलुरु लौटे, इस बात पर संतोष करते हुए कि, 'मैंने अपना भरपूर प्रयास किया'.

यह भी पढ़ें- वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतेगी टीम इंडिया

कैरेबियाई द्वीपों में गुरुवार की सुबह खास होगी. क्योंकि कोच कुंबले कप्तान विराट कोहली के साथ एक नए युग की सुबह के अगुआ के तौर पर चहलकदमी करते नजर आएंगे. यही नहीं, अगर कोहली को भी अपनी टीम में जोश भरने की जरूरत हुई तो सबसे बड़े उदाहरण कुंबले वहीं मौजूद होंगे. कोहली को अपने साथी खिलाड़ियों को बस ये बताने की जरूरत होगी कि कुंबले ने 2002 के एंटिगा टेस्ट में क्या किया था.

 2002 का वो एंटिगा टेस्ट...

उस टेस्ट में सौरव गांगुली तब कुंबले के कप्तान थे. उन्होंने इंडिया टूडे के साथ...

पूरी तरह तो नहीं लेकिन कह सकते हैं कि चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट के लिए जब एंटिगा में टीम इंडिया के साथ अनिल कुंबले टीम बस से उतर कर सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम की ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़ रहे होंगे, तो वो लम्हा उनके लिए इतिहास में झांकने के जैसा होगा.

तब से अब तक 14 साल बीत चुके हैं. जब कुंबले उस पुराने एंटिगा रिक्रिएशन ग्राउंड में टूटे हुए जबड़े और उस पर चढ़ी पट्टी के साथ गेंदबाजी करने उतरे थे. उन्होंने उस चोट के दर्द के बावजूद 14 ओवर की गेंदबाजी की. और तब दुनिया ने भी उस फाइटर की एक झलक देखी. हालांकि, वह टेस्ट ड्रा की ओर मुड़ गया लेकिन तब कुंबले ने ब्रायन लारा का विकेट लेकर भारत की उम्मीदों को जगा दिया था. अगले दिन वे सर्जरी के लिए बेंगलुरु लौटे, इस बात पर संतोष करते हुए कि, 'मैंने अपना भरपूर प्रयास किया'.

यह भी पढ़ें- वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतेगी टीम इंडिया

कैरेबियाई द्वीपों में गुरुवार की सुबह खास होगी. क्योंकि कोच कुंबले कप्तान विराट कोहली के साथ एक नए युग की सुबह के अगुआ के तौर पर चहलकदमी करते नजर आएंगे. यही नहीं, अगर कोहली को भी अपनी टीम में जोश भरने की जरूरत हुई तो सबसे बड़े उदाहरण कुंबले वहीं मौजूद होंगे. कोहली को अपने साथी खिलाड़ियों को बस ये बताने की जरूरत होगी कि कुंबले ने 2002 के एंटिगा टेस्ट में क्या किया था.

 2002 का वो एंटिगा टेस्ट...

उस टेस्ट में सौरव गांगुली तब कुंबले के कप्तान थे. उन्होंने इंडिया टूडे के साथ बात करते हुए उस दौर को याद किया. बकौल गांगुली, 'कुंबले ने तब साबित कर दिया था कि वे स्वार्थ को पीछे छोड़ कर क्रिकेट खेलते हैं. मैंने उनसे कहा था कि वे अपने जबड़े का ख्याल रखें और गेंदबाजी का दबाव नहीं ले. लेकिन उन्होंने जिद की और कहा कि वे अपनी टीम में बीच मझधार में नहीं छोड़ सकते. हमारे फीजियो एंड्रियू लिपस ने तब उनके जबड़े पर बैंडेज किया और कहा कि वे ज्यादा अपील न करें और न ही ज्यादा बात ही करें. उन्होंने जब लारा का विकेट लिया, मैं उनके पास दौड़ता हुआ गया और तब वे काफी इमोशनल नजर आ रहे थे.'

गांगुली को उम्मीद है कि कुंबले बतौर कोच भी वैसे ही नजर आएंगे जैसा कि वे बतौर खिलाड़ी थे. गांगुली के मुताबिक, 'वह चैंपियन थे और मेरी नजर में हमेशा चैंपियन रहेंगे.'

यह भी पढ़ें- तीन टेस्ट सीरीज से तय होगी दुनिया की बेस्ट टीम!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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