किसी हिंदी फिल्म का एक मशहूर गीत है, झुकता है आसमान... झुकानेवाला चाहिए. और पंजाब की इस कुड़ी ने सचमुच आसमान झुका दिया. दिखा दिया कि अगर आपमें हुनर हो और आप मेहनत से जी ना चुराएं तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं. कुछ भी मतलब कुछ भी.
आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की महिला टीम भले ही मैच हार गई लेकिन फाइनल और सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर का शानदार प्रदर्शन देखकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरमनप्रीत को पंजाब पुलिस में डीएसपी की नौकरी का ऑफर दिया है. पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार अलग से.
हरमन के सेमीफाइनल मैच में नाबाद 171 रनों की पारी ही ऑस्ट्रेलिया की हार की वजह बनी थी. इस पारी को खेलने के बाद देश ही नहीं विदेशों में भी करोड़ों लोग उसके फैन हो गए. हरमनप्रीत ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश खेलने वाली इकलौती भारतीय प्लेयर हैं. वो इस बार इंग्लैंड की टीम से टी-20 लीग खेलने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी भी बनेंगी.
भले ही हरमनप्रीत अभी शोहरत की बुलंदियों को छू रही हों लेकिन इस शोहरत के पीछे एक लंबा संघर्ष भी है, जो पंजाब के एक छोटे से शहर मोगा से शुरू होकर लार्ड्स के मैदान तक पहुंचा.
- मेहनत और तकदीर की जुगलबंदी का असर देखिए कि यही हरमनप्रीत पंजाब पुलिस में एक अदद कांस्टेबल की नौकरी के लिए तरसती थी. बेटी का सपना पूरा करने के लिए उसके पिता ने कई बार आला पुलिस अफसरों के आगे गुहार लगाई. उन्होंने सरकार के मंत्रियों से लेकर नौकरशाहों तक को बेटी के क्रिकेट-हुनर...
किसी हिंदी फिल्म का एक मशहूर गीत है, झुकता है आसमान... झुकानेवाला चाहिए. और पंजाब की इस कुड़ी ने सचमुच आसमान झुका दिया. दिखा दिया कि अगर आपमें हुनर हो और आप मेहनत से जी ना चुराएं तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं. कुछ भी मतलब कुछ भी.
आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की महिला टीम भले ही मैच हार गई लेकिन फाइनल और सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर का शानदार प्रदर्शन देखकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरमनप्रीत को पंजाब पुलिस में डीएसपी की नौकरी का ऑफर दिया है. पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार अलग से.
हरमन के सेमीफाइनल मैच में नाबाद 171 रनों की पारी ही ऑस्ट्रेलिया की हार की वजह बनी थी. इस पारी को खेलने के बाद देश ही नहीं विदेशों में भी करोड़ों लोग उसके फैन हो गए. हरमनप्रीत ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश खेलने वाली इकलौती भारतीय प्लेयर हैं. वो इस बार इंग्लैंड की टीम से टी-20 लीग खेलने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी भी बनेंगी.
भले ही हरमनप्रीत अभी शोहरत की बुलंदियों को छू रही हों लेकिन इस शोहरत के पीछे एक लंबा संघर्ष भी है, जो पंजाब के एक छोटे से शहर मोगा से शुरू होकर लार्ड्स के मैदान तक पहुंचा.
- मेहनत और तकदीर की जुगलबंदी का असर देखिए कि यही हरमनप्रीत पंजाब पुलिस में एक अदद कांस्टेबल की नौकरी के लिए तरसती थी. बेटी का सपना पूरा करने के लिए उसके पिता ने कई बार आला पुलिस अफसरों के आगे गुहार लगाई. उन्होंने सरकार के मंत्रियों से लेकर नौकरशाहों तक को बेटी के क्रिकेट-हुनर के बारे में बताया लेकिन किसी ने तवज्जो नहीं दी. हरमनप्रीत कौर और उनके पिता को पुलिस अधिकारियों ने कई चक्कर कटवाए लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.
- पंजाब के एक पुलिस अधिकारी ने तो एकबार चिढ़कर कहा था कि आपकी कुड़ी क्या हरभजन सिंह हैं, जो सीधा डीएसपी बना दें??
- हरमन ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है. पहले इस प्रतिभा को रेलवे ने पहचाना और हरमन को नौकरी दी. अब पंजाब सरकार ने भी पूर्व अकाली सरकार की गलती को न दोहराते हुए बिना देर किए हरमन को डीएसपी पद से नवाजने के साथ 5 लाख देने की घोषणा की है.
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