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वास्तव में मोद्रिच हैं बेस्ट फुटबॉल प्लेयर

    • बिजय कुमार
    • Updated: 26 सितम्बर, 2018 01:09 PM
  • 26 सितम्बर, 2018 01:09 PM
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2008 से बेस्ट फुटबॉल प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी का प्रभुत्व था जिसे क्रोएशिया के लुका मोद्रिच ने खत्म कर दिया है.

क्रोएशिया फुटबॉल टीम के कप्तान और एक बेहतरीन मिडफील्डर माने जाने वाले लुका मोद्रिच को फीफा ने बेस्ट फुटबॉल प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया है. साल 2008 से इस अवार्ड पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी का प्रभुत्व था जिसे मोद्रिच ने खत्म कर दिया है. बता दें कि इस साल फीफा बेस्ट प्लेयर की टॉप थ्री शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों में क्रोएशिया के लुका मोद्रिच के अलावा पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और मिस्र के मोहम्मद सालाह का नाम शामिल था, जबकि 12 साल में ऐसा पहली बार था कि अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी फीफा के बेस्ट प्लेयर की रेस में नहीं थे.

पिछले 10 साल के विजेता इस प्रकार हैं-

रोनाल्डो (2008), मेसी (2009-2012), रोनाल्डो (2013-2014), मेसी (2015), रोनाल्डो (2016-2017), और अब मोद्रिच (2018)

लुका मोद्रिच को फीफा ने बेस्ट फुटबॉल प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया

क्रोएशिया के मिडफील्डर मोद्रिच को कुल 29 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि रोनाल्डो को 19 प्रतिशत, मोहम्मद सालाह को 11.2 प्रतिशत, मबापे को 10 प्रतिशत और मेसी को 9 प्रतिशत. प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित होने पर अपनी प्रतिक्रिया में 33 वर्षीया मोद्रिच ने कहा कि 'ये अवार्ड केवल मेरा नहीं है. ये क्रोएशिया और रियाल मैड्रिड के मेरे साथी खिलाडियों का भी है. उन्होंने कहा कि बिना मेरे कोच की मदद के मैं ये अवार्ड नहीं जीत पाता और बिना अपने परिवार के मैं वो खिलाडी नहीं बन पाता जो आज हूं". लंदन में आयोजित इस अवॉर्ड कार्यक्रम में रोनाल्डो और मेसी व्यस्तता के कारण उपस्थित नहीं हुए.

रूस में हाल ही में संपन्न हुए फुटबॉल विश्वकप में क्रोएशिया लुका मोद्रिच के नेतृत्व में पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था लेकिन उसे फाइनल में फ्रांस के हाथों...

क्रोएशिया फुटबॉल टीम के कप्तान और एक बेहतरीन मिडफील्डर माने जाने वाले लुका मोद्रिच को फीफा ने बेस्ट फुटबॉल प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया है. साल 2008 से इस अवार्ड पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी का प्रभुत्व था जिसे मोद्रिच ने खत्म कर दिया है. बता दें कि इस साल फीफा बेस्ट प्लेयर की टॉप थ्री शॉर्टलिस्ट खिलाड़ियों में क्रोएशिया के लुका मोद्रिच के अलावा पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और मिस्र के मोहम्मद सालाह का नाम शामिल था, जबकि 12 साल में ऐसा पहली बार था कि अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी फीफा के बेस्ट प्लेयर की रेस में नहीं थे.

पिछले 10 साल के विजेता इस प्रकार हैं-

रोनाल्डो (2008), मेसी (2009-2012), रोनाल्डो (2013-2014), मेसी (2015), रोनाल्डो (2016-2017), और अब मोद्रिच (2018)

लुका मोद्रिच को फीफा ने बेस्ट फुटबॉल प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया

क्रोएशिया के मिडफील्डर मोद्रिच को कुल 29 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि रोनाल्डो को 19 प्रतिशत, मोहम्मद सालाह को 11.2 प्रतिशत, मबापे को 10 प्रतिशत और मेसी को 9 प्रतिशत. प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित होने पर अपनी प्रतिक्रिया में 33 वर्षीया मोद्रिच ने कहा कि 'ये अवार्ड केवल मेरा नहीं है. ये क्रोएशिया और रियाल मैड्रिड के मेरे साथी खिलाडियों का भी है. उन्होंने कहा कि बिना मेरे कोच की मदद के मैं ये अवार्ड नहीं जीत पाता और बिना अपने परिवार के मैं वो खिलाडी नहीं बन पाता जो आज हूं". लंदन में आयोजित इस अवॉर्ड कार्यक्रम में रोनाल्डो और मेसी व्यस्तता के कारण उपस्थित नहीं हुए.

रूस में हाल ही में संपन्न हुए फुटबॉल विश्वकप में क्रोएशिया लुका मोद्रिच के नेतृत्व में पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था लेकिन उसे फाइनल में फ्रांस के हाथों 4-2 से शिकस्त मिली थी. क्रोएशियाई टीम ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 2-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. बता दें कि इस सफर में कप्तान मोद्रिच की काफी अहम भूमिका रही थी और लोगों ने उनके और उनकी टीम के प्रदर्शन को काफी सराहा था.

रोएशिया लुका मोद्रिच के नेतृत्व में पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था

बता दें कि लुका ने चार साल इंग्लैंड में क्लब फुटबॉल खेला और आखिर में 2012 में वह स्पैनिश क्लब रियाल मैड्रिड से जुड़े थे. रीयाल मैड्रिड की ओर से छह साल में मोद्रिच ने चार चैंपियंस लीग खिताब जीते और ला लीगा और कोपा डे रे टूर्नामेंट भी जीता. मार्च 2006 में क्रोएशिया की ओर से अर्जेंटीना के खिलाफ मैत्री मैच में पदार्पण करने के बाद उनकी टीम दो बार विश्व कप के ग्रुप चरण से बाहर हो गई जबकि 2010 में तो टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई ही नहीं कर पाई.

लुका मोद्रिच की कहानी काफी प्रेरणादायी है. उनका बचपन रिफ्यूजी कैंप और बम धमाकों की आवाज के बीच गुजरा है, जब वह मात्रा 6 साल के थे, तो उनके दादा को गोली मार दी गई थी. उनका परिवार युद्ध क्षेत्र में शरणार्थी था. उनके कोच कहते हैं कि वो फुटबॉल खेलने के लिए बहुत कमजोर थे. लेकिन उसी मोद्रिच ने अपने देश क्रोएशिया को ना सिर्फ पहली बार फुटबॉल वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाया बल्कि गोल्डन बॉल का ख़िताब भी अपने नाम किया था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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