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मेसी ये तुमने क्या किया, अब स्पेन के भी गुनहगार बन गए

    • राहुल मिश्र
    • Updated: 06 जुलाई, 2016 05:56 PM
  • 06 जुलाई, 2016 05:56 PM
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स्वाभाविक है कि कोई खिलाड़ी वित्तीय मामलों में समझ न रखता हो लेकिन यह दावा भी नहीं किया जा सकता कि उसे यह भी न पता हो कि उसकी मोटी कमाई पर मोटा टैक्स भी बनता है.

लियोनेल मेसी का और गिरना बाकी है. अर्जेंटीना के लिए गोल दागने में विफल होकर वह पहले देश की उम्मीद से गिर गए. फिर अंतरराषट्रीय फुटबाल से अचानक संन्यास लेकर वह दुनियाभर में फैले लाखों फैंस की नजर से गिर गए. शायद इतना काफी नहीं था इसलिए मेसी अब स्पेन के टैक्स विभाग की नजरों में भी गिर गए हैं.

स्पेन की एक अदालत ने टैक्स फ्रॉड के तीन मामलों में मेसी और उनके पिता जॉर्ज मेसी को 21 महीने की सजा सुनाई है. 21वीं सदी में फुटबाल के जिस खिलाड़ी ने 20वीं सदी के मराडोना की कमी को पूरा किया उसने अपने देश को ही लगभग 46 लाख डॉलर का चूना लगा दिया. ऐसा कोर्ट में स्पेन सरकार के रखे सुबूत बोलते हैं.

गौरतलब है कि मैराडोना न सिर्फ मौजूदा वक्त के एक महान खिलाड़ी हैं बल्कि वह दुनिया के सबसे अमीर खिलाड़ियों में भी शुमार हैं. फुटबाल से जुड़ी कई मल्टीनैशनल कंपनियां जैसे बैंको साबाडेल, अदिदास, पेप्सी-कोला, प्रॉक्टर और गैंबल से मेसी का लाखों डॉलर का कांट्रैक्ट था. इन कंपनियों से करार के चलते ही अपने खेल जीवन में मेसी ने काफी धन बटोरा.

 स्पेन की अदालत में लियोनल मेसी और पिता जार्ज मेसी

अपनी इसी कमाई पर स्पेन सरकार को टैक्स देने के बजाए मेसी ने अपने पिता और मैनेजर के साथ मिलकर चोरी-छिपे अपने पैसे को टैक्स हैवन देश पहुंचा दिया. अदालत में पूछे जाने पर मेसी ने अपने व्यस्त फुटबाल करियर का सहारा लेते हुए दलील दी कि वह अपने फाइनेंस के बारे में कुछ नहीं जानते क्योंकि वह खेल में ज्यादा व्यस्त रहते हैं. लिहाजा, आमतौर पर वित्तीय मामलों में पिता द्वारा दी गई किसी राय को वह मान लेते थे और बिना पढ़े कॉन्ट्रैक्ट के कागजातों पर साइन कर दिया करते थे.

लियोनेल मेसी का और गिरना बाकी है. अर्जेंटीना के लिए गोल दागने में विफल होकर वह पहले देश की उम्मीद से गिर गए. फिर अंतरराषट्रीय फुटबाल से अचानक संन्यास लेकर वह दुनियाभर में फैले लाखों फैंस की नजर से गिर गए. शायद इतना काफी नहीं था इसलिए मेसी अब स्पेन के टैक्स विभाग की नजरों में भी गिर गए हैं.

स्पेन की एक अदालत ने टैक्स फ्रॉड के तीन मामलों में मेसी और उनके पिता जॉर्ज मेसी को 21 महीने की सजा सुनाई है. 21वीं सदी में फुटबाल के जिस खिलाड़ी ने 20वीं सदी के मराडोना की कमी को पूरा किया उसने अपने देश को ही लगभग 46 लाख डॉलर का चूना लगा दिया. ऐसा कोर्ट में स्पेन सरकार के रखे सुबूत बोलते हैं.

गौरतलब है कि मैराडोना न सिर्फ मौजूदा वक्त के एक महान खिलाड़ी हैं बल्कि वह दुनिया के सबसे अमीर खिलाड़ियों में भी शुमार हैं. फुटबाल से जुड़ी कई मल्टीनैशनल कंपनियां जैसे बैंको साबाडेल, अदिदास, पेप्सी-कोला, प्रॉक्टर और गैंबल से मेसी का लाखों डॉलर का कांट्रैक्ट था. इन कंपनियों से करार के चलते ही अपने खेल जीवन में मेसी ने काफी धन बटोरा.

 स्पेन की अदालत में लियोनल मेसी और पिता जार्ज मेसी

अपनी इसी कमाई पर स्पेन सरकार को टैक्स देने के बजाए मेसी ने अपने पिता और मैनेजर के साथ मिलकर चोरी-छिपे अपने पैसे को टैक्स हैवन देश पहुंचा दिया. अदालत में पूछे जाने पर मेसी ने अपने व्यस्त फुटबाल करियर का सहारा लेते हुए दलील दी कि वह अपने फाइनेंस के बारे में कुछ नहीं जानते क्योंकि वह खेल में ज्यादा व्यस्त रहते हैं. लिहाजा, आमतौर पर वित्तीय मामलों में पिता द्वारा दी गई किसी राय को वह मान लेते थे और बिना पढ़े कॉन्ट्रैक्ट के कागजातों पर साइन कर दिया करते थे.

स्वाभाविक है कि कोई खिलाड़ी वित्तीय मामलों में समझ न रखता हो लेकिन यह दावा भी नहीं किया जा सकता कि उसे यह भी न पता हो कि उसकी मोटी कमाई पर मोटा टैक्स भी बनता है. ऐसे में पहले भले मेसी के पिता ने ही क्यों न की हो मेसी के गुनाह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

अब यह बात अलग है कि स्पेन के कानून के मुताबिक मेसी और उनके पिता वास्तव में जेल जाने से बच जाएंगे. वहां कानूनी प्रावधान है कि 2 साल से कम जेल की सजा से मोटा जुर्माना देकर बचा जा सकता है. लेकिन एक बार फिर सवाल वहीं कि जिस देश की जर्सी और जिस देश के झंडे ने आप को पहचान दी उससे धोखा और फ्रॉड करना कहां तक उचित है. स्पेन की नजरों से इस तरह गिरने के बाद शायद मेसी के पास अब और अधिक गिरने के लिए कुछ न बचा हो.

इन सबके बावजूद बस सुखद सच्चाई यही है कि मेसी तुम एक महान खिलाड़ी थे. आज न तुम उस अर्जेंटीना के हो जहां इटली से आकर तुम्हारा खानदान बसा, पला और बढ़ा. और न ही तुम उस बार्सिलोना (स्पेन) के हो जिसने तुम्हारी बचपन की बीमारियों के इलाज में मदद की और दुनिया का सबसे बड़ा फुटबाल सितारा बनाया. तुम बस एक महान खिलाड़ी हो.

 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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