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देखिए, अखबारों ने कैसे कवर किया चैम्पियंस ट्रॉफी की हार को

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 19 जून, 2017 06:30 PM
  • 19 जून, 2017 06:30 PM
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मैच के बाद न्यूज चैनल्स पर टीम इंडिया की हार की जमकर समीक्षा हुई. लेकिन, अगले दिन ज्‍यादातर अखबारों ने लोगों के मूड का ख्‍याल रखा. चुभने वाली खबर से ज्‍यादा तवज्‍जो दो-दो खुशखबरी को दी.

चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाक फाइनल मुकाबले का मजा इंडियन फैंस के लिए शाम 7 बजते-बजते किरकिरा हो गया था. टीवी चैनलों ने शुरुआती समीक्षा करने के बाद अपने कार्यक्रमों में तेजी से बदलाव किए. जीत की आस के साथ देर रात तक के लिए की गई प्‍लानिंग को टीवी पर ताबड़तोड़ बदल दिया गया. क्‍योंकि, ज्‍यादातर लोग क्रिकेट नहीं देखना चाहते थे. ऐसे में असली चुनौती अखबारों के लिए थी. देखिए, किस अखबार ने भारतीय टीम की हार को कैसे कवर किया:

TOI : हॉकी के लिए हीरो ने गौरव लौटाया

लोगों की मानसिकता को समझते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया ने हॉकी और बैडमिंटन में भारत की जीत की खबर को ज्‍यादा प्रमुखता दी. बता दें, क्रिकेट में जहां भारत पाकिस्तान के साथ फाइनल मुकाबला खेल रहा था वहीं हॉकी में भारत पाकिस्तान से दो-दो हाथ कर रहा था. यही नहीं इंडोनेशिया ओपन (बैडमिंटन) में शटलर श्रीकांत किदंबी ने जापान के काजूमासा साकाई को हराकर टाइटल जीता. यह टाइटल जीतने वाले वो पहले भारतीय खिलाड़ी बने. कवरेज में इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे हॉकी टीम ने 1982 के एशियन गेम्‍स फाइनल में पाकिस्‍तान से मिली 1-7 की हार का बदला ले लिया है.

दैनिक भास्कर : 61 में पाकिस्‍तान के खिलाफ सबसे बड़ी जीत

इस पेपर ने लोगों को ऐसी जानकारी दी जो शायद ही कोई जानता हो. कि हॉकी में भारत ने पाकिस्तान पर 61 साल बाद सबसे बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने फ्रंट पेज क्रिकेट और हॉकी दोनों की खबर चलाई. पहले उन्होंने हॉकी में पाक पर 7-1 से जीत की खबर लगाई. साथ ही भारत-पाक क्रिकेट मैच की भी खबर लगाई. वो भी नए फैक्ट के साथ. जो लोगों को जानना जरूरी था.

चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाक फाइनल मुकाबले का मजा इंडियन फैंस के लिए शाम 7 बजते-बजते किरकिरा हो गया था. टीवी चैनलों ने शुरुआती समीक्षा करने के बाद अपने कार्यक्रमों में तेजी से बदलाव किए. जीत की आस के साथ देर रात तक के लिए की गई प्‍लानिंग को टीवी पर ताबड़तोड़ बदल दिया गया. क्‍योंकि, ज्‍यादातर लोग क्रिकेट नहीं देखना चाहते थे. ऐसे में असली चुनौती अखबारों के लिए थी. देखिए, किस अखबार ने भारतीय टीम की हार को कैसे कवर किया:

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लोगों की मानसिकता को समझते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया ने हॉकी और बैडमिंटन में भारत की जीत की खबर को ज्‍यादा प्रमुखता दी. बता दें, क्रिकेट में जहां भारत पाकिस्तान के साथ फाइनल मुकाबला खेल रहा था वहीं हॉकी में भारत पाकिस्तान से दो-दो हाथ कर रहा था. यही नहीं इंडोनेशिया ओपन (बैडमिंटन) में शटलर श्रीकांत किदंबी ने जापान के काजूमासा साकाई को हराकर टाइटल जीता. यह टाइटल जीतने वाले वो पहले भारतीय खिलाड़ी बने. कवरेज में इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे हॉकी टीम ने 1982 के एशियन गेम्‍स फाइनल में पाकिस्‍तान से मिली 1-7 की हार का बदला ले लिया है.

दैनिक भास्कर : 61 में पाकिस्‍तान के खिलाफ सबसे बड़ी जीत

इस पेपर ने लोगों को ऐसी जानकारी दी जो शायद ही कोई जानता हो. कि हॉकी में भारत ने पाकिस्तान पर 61 साल बाद सबसे बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने फ्रंट पेज क्रिकेट और हॉकी दोनों की खबर चलाई. पहले उन्होंने हॉकी में पाक पर 7-1 से जीत की खबर लगाई. साथ ही भारत-पाक क्रिकेट मैच की भी खबर लगाई. वो भी नए फैक्ट के साथ. जो लोगों को जानना जरूरी था.

इंडियन एक्सप्रेस: 'संडे पाकिस्तान का'

इस न्यूज पेपर ने बड़े कॉलम में पाकिस्तान की वाहवाही की. वहीं हॉकी और बैडमिंटन में भारत की कामयाबी को छोटे से कॉलम में बता दिया. क्रिकेट में भले ही टीम इंडिया को हार मिली हो. लेकिन हॉकी में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया यह जिक्र फ्रंट पेज पर कहीं देखने को नहीं मिला. लगभग इसी से मिलता-जुलता कवरेज और भाषा पाकिस्‍तानी अखबारों में भी रहा.

हिंदुस्तान टाइम्स : लगाया एक नमक छिड़कने वाला हेडलाइन

इस न्यूजपेपर ने क्रिकेट में भारत की पाक से हार की खबर तो दिखाई. लेकिन फ्रंट पेज पर हॉकी में भारत की कामयाबी के बारे में जिक्र नहीं किया और हेडिंग में वो रखी जो कोई इंडियन फैन कभी पढ़ना नहीं चाहेगा. हेडिंग है- 'पाकिस्तान से अपमानित हुआ भारत.'

दैनिक जागरण ने तीनों खबर को एक ही जगह बताया

भारत में क्रिकेट हर कोई देखना और पढ़ना पसंद करता है. हर जानकारी पाठक जानना चाहता है. लेकिन अन्य स्पोर्ट्स की खबरों को अवगत कराना न्यूज पेपर का काम है. इन्होंने भी यही किया. फ्रंट पेज पर क्रिकेट, हॉकी और बैडमिंटन की खबर को छापा और लोगों को जानकारी दी. कुल मिलाकर लोग जहां क्रिकेट में टीम इंडिया से उम्मीद लगाकर बैठे तो वहीं हॉकी में भारत ने पाकिस्तान को 7-1 से धो डाला और बैडमिंटन में भी श्रीकांत ने भारत को गौरवांवित किया. टाइम्स ऑफ इंडिया ने फ्रंट पेज पर हार को छिपाते हुए हॉकी और बैडमिंटन में मिली कामयाबी को लोगों तक पहुंचाया जिससे संडे को क्रिकेट से मिली बैड न्यूज का गम अगले दिन थोड़ा कम हुआ और गुड न्यूज देकर लोगों का दिन बना दिया.

खैर, इसमें कोई दो राय नहीं कि क्रिकेट में भारत की हार करारी थी. जो भी इस खेल से इमोशन के साथ जुड़ा हुआ है, वह उसके बारे में वैसा ही सुनना चाहता है. कुछ अखबारों ने इस इमोशन का ख्‍याल रखा, तो कुछ के लिए यह सिर्फ एक और इमोशन-लेस कवरेज था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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