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आखिर क्या बदला जो धोनी इतने घातक लगने लगे हैं

    • अभिनव राजवंश
    • Updated: 27 अप्रिल, 2018 09:43 PM
  • 27 अप्रिल, 2018 09:43 PM
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हालिया दिनों में धोनी की धीमी बल्लेबाजी के लिए उनके हैंड ऑय कोआर्डिनेशन की कमी को दोषी माना गया, और इसके लिए मुख्य रूप से धोनी की बढ़ती उम्र को जिम्मेदार माना गया. लेकिन एकदम से फॉर्म में बदलाव कुछ और ही इशारा कर रहा है.

हारी बाजी को जीतना जिसे आता है, वो धोनी ही दोस्तों कहलाता है. वाकई पिछले तीन आईपीएल मैचों में जिस तरह की बल्लेबाजी महेंद्र सिंह धोनी ने दिखाई है, उससे यह बेशक ही कहा जा सकता कि धोनी के बल्लेबाजी क्रीज पर रहते शायद ही कोई लक्ष्य मुश्किल नजर आ रहा है. हालाँकि, अभी कुछ समय पहले तक ही ऐसी बातें की जा रही थीं कि अब शायद धोनी अपने सुनहरे समय को पीछे छोड़ चुके हैं, और अब उनसे ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की उम्मीद बेमानी ही होगी. मगर पिछले दो तीन परियों के दौरान धोनी ने जिस तरह की पावर हिटिंग दिखाई है, वो बिल्कुल उसी तरह का है जैसा वो अपने करियर के शुरुआती दिनों में मारा करते थे. तो आखिर इन दिनों में क्या बदला जो धोनी की पुरानी रंगत फिर से दर्शकों को देखने को मिल रही है.

हालिया दिनों में धोनी की धीमी बल्लेबाजी के लिए उनके हैंड ऑय कोआर्डिनेशन की कमी को दोषी माना गया, और इसके लिए मुख्य रूप से धोनी की बढ़ती उम्र को जिम्मेदार माना गया. हालाँकि, तस्वीर का दूसरा पहलु यह भी था कि भले ही धोनी की बढ़ती उम्र को उनके धीमी बल्लेबाजी के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था मगर बावजूद इसके धोनी की फिटनेस और विकेट के पीछे उनकी चपलता में किसी भी तरह की कमी नहीं आयी थी. यानी धोनी की उम्र उनकी बल्लेबाजी में बाधक नहीं थी. बल्कि इसके पीछे धोनी का बदला हुआ स्टान्स और बहुत हद तक धोनी के माइंडसेट में आये बदलाव भी इसके पीछे थे. हालाँकि, आईपीएल के मैचों में धोनी ने अपने स्टान्स में बदलाव किया और साथ ही धोनी ने खुद को बैटिंग आर्डर में भी प्रमोट किया है. धोनी वर्तमान समय में उस माइंडसेट में भी दिख रहे हैं, जिसमें वो गेंदबाजों को डॉमिनेट करते हैं. इन्हीं बदलावों का नतीजा है धोनी फिर से अपने उसी रूप में नजर आ रहे हैं, जिसके लिए पूरी दुनिया में उनका डंका बजता है.

हालाँकि, इन सब बदलावों के इत्तर यह धोनी की जीवटता ही है जो...

हारी बाजी को जीतना जिसे आता है, वो धोनी ही दोस्तों कहलाता है. वाकई पिछले तीन आईपीएल मैचों में जिस तरह की बल्लेबाजी महेंद्र सिंह धोनी ने दिखाई है, उससे यह बेशक ही कहा जा सकता कि धोनी के बल्लेबाजी क्रीज पर रहते शायद ही कोई लक्ष्य मुश्किल नजर आ रहा है. हालाँकि, अभी कुछ समय पहले तक ही ऐसी बातें की जा रही थीं कि अब शायद धोनी अपने सुनहरे समय को पीछे छोड़ चुके हैं, और अब उनसे ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की उम्मीद बेमानी ही होगी. मगर पिछले दो तीन परियों के दौरान धोनी ने जिस तरह की पावर हिटिंग दिखाई है, वो बिल्कुल उसी तरह का है जैसा वो अपने करियर के शुरुआती दिनों में मारा करते थे. तो आखिर इन दिनों में क्या बदला जो धोनी की पुरानी रंगत फिर से दर्शकों को देखने को मिल रही है.

हालिया दिनों में धोनी की धीमी बल्लेबाजी के लिए उनके हैंड ऑय कोआर्डिनेशन की कमी को दोषी माना गया, और इसके लिए मुख्य रूप से धोनी की बढ़ती उम्र को जिम्मेदार माना गया. हालाँकि, तस्वीर का दूसरा पहलु यह भी था कि भले ही धोनी की बढ़ती उम्र को उनके धीमी बल्लेबाजी के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था मगर बावजूद इसके धोनी की फिटनेस और विकेट के पीछे उनकी चपलता में किसी भी तरह की कमी नहीं आयी थी. यानी धोनी की उम्र उनकी बल्लेबाजी में बाधक नहीं थी. बल्कि इसके पीछे धोनी का बदला हुआ स्टान्स और बहुत हद तक धोनी के माइंडसेट में आये बदलाव भी इसके पीछे थे. हालाँकि, आईपीएल के मैचों में धोनी ने अपने स्टान्स में बदलाव किया और साथ ही धोनी ने खुद को बैटिंग आर्डर में भी प्रमोट किया है. धोनी वर्तमान समय में उस माइंडसेट में भी दिख रहे हैं, जिसमें वो गेंदबाजों को डॉमिनेट करते हैं. इन्हीं बदलावों का नतीजा है धोनी फिर से अपने उसी रूप में नजर आ रहे हैं, जिसके लिए पूरी दुनिया में उनका डंका बजता है.

हालाँकि, इन सब बदलावों के इत्तर यह धोनी की जीवटता ही है जो धोनी को खुद को लगातार साबित करने के लिए प्रेरित करती रहती है. वर्ना धोनी को पिछले आईपीएल में ही चूका हुआ मान लिया गया था. पिछले सीजन में पुणे की टीम ने न केवल धोनी से टीम की कप्तानी छीन ली थी, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों को आज भी पुणे के ओनर के भाई हर्ष गोयनका का वो ट्वीट याद होगा जिसमें उन्होंने धोनी को ऑस्ट्रेलिया के निलंबित क्रिकेटर स्टीवन स्मिथ के मुक़ाबले नीचा दिखाने की कोशिश की थी. मगर एक साल बाद फिर से धोनी के चौके छक्कों के बात हो रही है तो यह क्रिकेट प्रेमियों के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी सुखद कहा जा सकता है. क्योंकि अब से एक साल बाद भारतीय टीम वर्ल्ड कप को जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगी और अगर धोनी अपने वर्तमान फॉर्म को बरक़रार रख पाएंगे तो यह टीम के काफी अच्छा होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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