कुछ लोग जहर की तरह होते हैं. खुद तो वो जो होते हैं सो होते हैं लेकिन अपने आस-पास के लोगों पर भी अपना चरस फैलाते हैं. अपनी नकारात्मकता को दूसरों को भी ट्रांसफर करते रहते हैं. जीवन में कई अच्छी-बुरी चीजों की तरह इस तरह के लोगों को भी खुद से दूर रखना चाहिए. ऐसे लोग हमारे समय और ऊर्जा के लायक नहीं होते, ना ही उनपर कभी ये खर्च करना चाहिए.
ऐसे टॉक्सिक लोग हमारी जिंदगी में अनावश्यक जटिलता, झगड़े और तनाव पैदा करते हैं. जर्मनी के फ्रेडरिक शिलर यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक रिसर्च से पता चलता है कि टॉक्सिक लोग अपनी नकारात्मकता के घेरे में सभी को ले लेते हैं. और इस नकारात्मकता से सभी को बचना चाहिए.
अक्सर ऐसा कहा जाता है कि हमारी पर्सनालिटी पर उन पांच लोगों का असर पड़ता है जिनके साथ हम अपना सबसे अधिक समय बिताते हैं. इन लोगों में से अगर किसी एक को भी हम अपनी जिंदगी में थोड़ी भी तवज्जो देते हैं तो पता चलता है कि एक निगेटिव आदमी हमारी जिंदगी को किस तरह तहस-नहस कर सकता है.
लेकिन मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और खुद को टॉक्सिक लोगों से दूर रखना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में जबतक आप ये नहीं जान लेते की आखिर ये टॉक्सिक लोग हैं कौन तब तक उनसे दूर रहने की उम्मीद नहीं कर सकते. तो चलिए आपको बताएं 10 वैसे टॉक्सिक लोगों के बारे में जिनसे दूर रहना चाहिए.
1. बातूनी लोग
जिन लोगों को बेकार की बकबक करने की आदत होती है अकसर वो दूसरों की परेशानियों के बारे में सुनकर खुश होते हैं. शुरू में तो इसमें अपने दोस्तों या सहकर्मियों की किसी गलती...
कुछ लोग जहर की तरह होते हैं. खुद तो वो जो होते हैं सो होते हैं लेकिन अपने आस-पास के लोगों पर भी अपना चरस फैलाते हैं. अपनी नकारात्मकता को दूसरों को भी ट्रांसफर करते रहते हैं. जीवन में कई अच्छी-बुरी चीजों की तरह इस तरह के लोगों को भी खुद से दूर रखना चाहिए. ऐसे लोग हमारे समय और ऊर्जा के लायक नहीं होते, ना ही उनपर कभी ये खर्च करना चाहिए.
ऐसे टॉक्सिक लोग हमारी जिंदगी में अनावश्यक जटिलता, झगड़े और तनाव पैदा करते हैं. जर्मनी के फ्रेडरिक शिलर यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक रिसर्च से पता चलता है कि टॉक्सिक लोग अपनी नकारात्मकता के घेरे में सभी को ले लेते हैं. और इस नकारात्मकता से सभी को बचना चाहिए.
अक्सर ऐसा कहा जाता है कि हमारी पर्सनालिटी पर उन पांच लोगों का असर पड़ता है जिनके साथ हम अपना सबसे अधिक समय बिताते हैं. इन लोगों में से अगर किसी एक को भी हम अपनी जिंदगी में थोड़ी भी तवज्जो देते हैं तो पता चलता है कि एक निगेटिव आदमी हमारी जिंदगी को किस तरह तहस-नहस कर सकता है.
लेकिन मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और खुद को टॉक्सिक लोगों से दूर रखना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में जबतक आप ये नहीं जान लेते की आखिर ये टॉक्सिक लोग हैं कौन तब तक उनसे दूर रहने की उम्मीद नहीं कर सकते. तो चलिए आपको बताएं 10 वैसे टॉक्सिक लोगों के बारे में जिनसे दूर रहना चाहिए.
1. बातूनी लोग
जिन लोगों को बेकार की बकबक करने की आदत होती है अकसर वो दूसरों की परेशानियों के बारे में सुनकर खुश होते हैं. शुरू में तो इसमें अपने दोस्तों या सहकर्मियों की किसी गलती का मजाक बननाने में मजा आ सकता है लेकिन बाद में ये एक थकाऊ और पकाऊ काम हो जाता है. बाद में ये भद्दा लगने लगेगा साथ ही सामने वाले को इससे ठेस भी पहुंच सकती है. दुनिया में करने और सीखने के लिए कई सारी पॉजिटिव बातें हैं. हमारे आस-पास में कई सारे पॉजिटिव लोग भी हैं जिनसे हम कुछ अच्छा सीख सकते हैं. तो नकारात्मक लोगों के साथ टाइम खराब करने से अच्छा है कि इनके साथ समय बिताएं और खुश रहें.
2. मूडी लोग
कुछ लोगों का अपनी भावनाओं पर कोई कंट्रोल नहीं होता. कभी वो आप पर अपना सारा गुस्सा ऐसे उतारेंगे जैसे उनके जीवन की सारी प्रॉब्लम की जड़ आप ही हैं. मूडी लोगों को अपने जीवन से बाहर करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि आप उनके लिए बुरा महसूस कर सकते हैं. लेकिन यही मूडी लोग जरुरत पड़ने पर आपको एक मोहरे की तरह इस्तेमाल करने से नहीं चूकते हैं. इसलिए जितनी जल्दी हो सके इनसे छुटकारा पा लेना चाहिए.
3. रोतलू लोग
वैसे लोग जो हमेशा अपनी प्रॉब्ल्म को लेकर रोते रहते हैं उनसे दूर रहना चाहिए. दिक्कत ये है कि शुरू-शुरू में ऐसे लोगों को पहचानने में दिक्कत होती है. क्योंकि हमें उनकी परेशानियों से सहानुभूति है और हम उन्हें इमोशनल सपोर्ट देते हैं. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, आपको यह महसूस होने लगता है कि उन्हें तो 24 घंटे हमारी मदद की जरूरत होती है. ऐसे लोग राई का पहाड़ बनाने में माहिर होते हैं और हर छोटी से छोटी प्रॉब्लम को बड़ा बताते हैं. इनकी डिक्शनरी में कठिन समय का मतलब कुछ सीखना होता ही नहीं है.
एक पुरानी कहावत है: 'दुख-दर्द जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन दुखी रहना हमारी अपनी च्वाइस होती है.' ये कहावत ऐसे ही लोगों पर सटीक बैठती है जो हर बात में दुखी रहने का तरीका ढूंढ लेते हैं.
4. आत्मलीन रहने वाले
आत्मलीन रहने वाले लोग इसलिए खतरनाक होते हैं क्योंकि वो खुद तो अकेले रहते ही हैं साथ ही आपको भी अकेले रहने पर मजबूर कर देते हैं. जब आप सेल्फ ऑब्सेस्ड यानि की आत्मलीन व्यक्तियों के साथ रहते हैं तो आपको खुद इस बात का एहसास हो जाता है. क्योंकि इनके सानिध्य में रहने के बाद आप लोगों से मिलना जुलना छोड़ देते हैं और अकेला रहने लगते हैं. ऐसा इसलिए होता है कि अपने स्वाभिमान को पूरा करने के लिए ये आपको लोगों से काट देते हैं.
5. ईर्ष्या करने वाले लोग
ईर्ष्या करने वाले लोगों को हमेशा ही दूसरों की घास हरी दिखाई देती है. यहां तक की ऐसे लोगों के साथ अगर कुछ अच्छा भी होता है तो भी इन्हें संतोष नहीं मिलता. इसका कारण यह है कि अपनी एचिवमेंट को दूसरों के मुकाबले तौलते रहते हैं, जबकि आंतरिक खुशी के लिए हमें खुद के अंदर झांकना चाहिए. और इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि हमसे अच्छा करने वालों की दुनिया में कोई कमी नहीं है. जलनखोर लोगों के साथ ज्यादा समय बिताना खतरनाक होता है क्योंकि अपने साथ-साथ ये आपको भी खुद की सफलताओं में खुश ना होने का तरीका इंजेक्ट कर देते हैं.
6. जुगाड़ु लोग
ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं. मैनिपुलेटर या कहें कि अपनी बात को मनवाने वाले लोगों के साथ दोस्ती रखना अपना नाश करने के बराबर होता है. ये दोस्ती की आड़ में आपके जीवन से समय और एनर्जी को बर्बाद करते हैं. इनसे निपटना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि ये हमारे दोस्त का चोला पहनकर हमारे साथ खड़े होते हैं. उन्हें अच्छी तरह से पता होता है कि आपको क्या पसंद है, आप किस चीज से खुश होते हैं और किन बातों को आप मजाक के रूप में लेते हैं. अंतर सिर्फ इतना ही है कि इन जानकारियों का उपयोग ये अपने गुप्त एजेंडे के लिए करते हैं.
ऐसे लोगों को हमेशा ही आपसे कुछ ना कुछ चाहिए होता है. और अगर आप इनके साथ के अपने रिश्ते को पीछे मुड़कर देखेंगे तो आपने सिर्फ इन्हें दिया ही होगा और उनकी तरफ से आपको कुछ ना के बराबर या फिर नहीं ही मिला होगा. वो आपका भरोसा जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं ताकि बाद में वो आपको अपने हिसाब से चला सकें.
भावनात्मक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप अपने बटन को धकेलने से रोक नहीं सकते हैं।
7. जोंक की तरह खून चूसने वाले
'हैरी पॉटर' देखने वाले सभी लोगों को डिमेन्टर्स के बारे में जरूर पता होगा. जे. के. रॉलिंग की इस कृति में डिमेन्टर्स एक तरह का ऐसा जीव था जो लोगों की आत्मा को उनके शरीर से बाहर निकाल कर उन्हें सिर्फ हाड़-मांस का एक पुतला बनाकर छोड़ देता था. डिमेन्टर जब भी आता है तो कमरे में अंधेरा हो जाता है, लोग ठंडे पड़ जाते हैं और जीवन की अपनी सारी बुरी बातों को याद करने लगते हैं. रॉलिंग का कहना था- 'डिमेन्टर की अवधारणा उन्हें निजी जिंदगी में अत्यधिक नकारात्मक लोगों से मिलने पर आई. ये ऐसे लोग होते हैं जो कमरे के अंदर आते ही लोगों के अंदर से प्राण खींच लेती है.
भले ही थोड़ी देर बाद डिमेन्टर कमरे से बाहर चले जाते हैं, लेकिन कमरे में मौजूद हर आदमी में वो अपनी नकारात्मकता और निराशा की जद में कर जाते हैं. इनके नजर में गिलास हमेशा आधा खाली होते हैं. और किसी भी परिस्थिति को वो भयानक और कठिन बनाकर प्रस्तुत कर सकते हैं.
8. विकृत लोग
कुछ लोग ऐसे खतरनाक और बुरे इरादे वाले होते हैं जो दूसरों को दुख और तकलीफ में देखकर संतुष्टि पाते हैं. वो आपकी जिंदगी में आते ही हैं, आप को चोट पहुंचाने के लिए, आपको बुरा महसूस कराने के लिए या फिर आपसे कुछ पाने के लिए. इसके अलावा आप में इन्हें ना तो कोई इंटरेस्ट होता है ना ही आपसे कोई मतलब. ऐसे लोगों के बारे में सिर्फ एक ही अच्छी बात होती है. वो ये कि इन्हें पहचानना बहुत आसान होता है. और इसलिए आप जितनी जल्दी इन्हें पहचान लें उतनी ही जल्दी इन्हें अपनी जिंदगी से बाहर फेंकने का ऑप्शन मौजूद होता है.
9. जजमेंटल लोग
ऐसे लोग क्या सही है और क्या गलत ये बताने में जरा भी देर नहीं करते. आपकी पसंदीदा चीजों या कामों में नुक्स निकालने में ये कोई देरी नहीं करते. और यही नहीं उसके बारे में ये ऐसे तर्क देंगे कि फिर आपको खुद भी लगने लगा कि ये दुनिया की वाहियात चीजों में से एक है. अपने से अलग लोगों से सीखने के बजाए ऐसे लोग उनको ही नीचे गिराने की जुगत लगाते रहते हैं. जजमेंटल लोग आपको भी अपनी पसंदीदा चीजों से दूर कर देंगे इसलिए जितनी जल्दी हो आप उनसे छुटकारा पा लें.
10. घमण्डी लोग
अहंकारी या घमण्डी लोग सिर्फ आपके समय की बर्बादी करते हैं और कुछ नहीं क्योंकि आप जो कुछ भी करते हैं वो उसे व्यक्तिगत चुनौती के रूप में लेते हैं. अहंकार एक तरह का झूठा आत्मविश्वास होता है और ये हमेशा ही कई तरह की असुरक्षाओं से घिरा होता है. यहां तक की एक स्टडी में पाया गया है कि अभिमानी लोगों का प्रदर्शन कमतर ही होता है. साथ ही वो अधिक असुविधाजनक भी होते हैं.
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