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घरवालों को फेसबुक पर दोस्त बनाना आखिर क्यों भारी पड़ता है?

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 07 अक्टूबर, 2018 12:55 PM
  • 07 अक्टूबर, 2018 12:55 PM
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ये मैं इसलिए बता सकती हूं क्योंकि मैं और मेरे आस-पास की लड़कियां इसी समस्या से झूझ रही हैं. अब महिलाओं को जज करने का और उनपर टिप्पणी करने का एक नया तरीका सोशल मीडिया के रूप में मिल गया है.

फेसबुक और इंस्टाग्राम के आने के बाद से लोगों की जिंदगी कुछ बदल गई है. जब से स्मार्टफोन का चलन बढ़ा है और जियो ने भारत में अपनी एंट्री ली है तब से ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी बहुत बढ़ गया है और अब बंटी के पापा से लेकर शर्मा जी और बीकानेर वाली बुआ तक (सभी काल्पनिक किरदार हैं) सभी इंस्टेंट सोशल मीडिया फैन हो गए हैं. ये वो लोग हैं जो अधिकतर घरों में पाए जाते हैं. पर इनके सोशल मीडिया पर आने से एक बहुत बड़ा नुकसान भी हुआ है. वैसे तो सभी बच्चों के लिए नुकसान हुआ है, लेकिन भारतीय महिलाओं और खास कर होने वाली बहुओं के लिए अब भयानक दुविधा हो गई है. ये मैं इसलिए बता सकती हूं क्योंकि मैं और मेरे आस-पास की लड़कियां इसी समस्या से झूझ रही हैं. अब महिलाओं को जज करने का और उनपर टिप्पणी करने का एक नया तरीका सोशल मीडिया के रूप में मिल गया है.

रिश्तेदारों को सोशल मीडिया पर एड करना भारतीय महिलाओं के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है

क्या होता है?

अब अलग-अलग लोगों के हिसाब से महिलाओं को नई कैटेगरी में डाला जाने लगा है. कुछ दिन पहले एक खबर आई थी कि यूपी की एक लड़की से शादी के लिए इसलिए मना कर दिया गया क्योंकि ससुराल वालों को लगता था कि वो जरूरत से ज्यादा वॉट्सएप का इस्तेमाल करती है.

- कैसे घर वाले देखते हैं

घर वाले कैसे देखते हैं इसका जवाब उन वीडियोज में मिल जाएगा जो आजकल सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं. टाइटल होता है 'When relatives join social media' (या ऐसा ही कुछ) ये बात लड़कों के लिए छोड़िए लड़कियों के लिए ज्यादा ही सिरदर्द बन जाती है. किसी रेस्त्रां के चेकइन से लेकर किसी ग्रुप फोटो तक पर टिप्पणी होती है. रिश्तेदारों की जो सुई सिर्फ किसी फैमिली फंक्शन में आप को चुभती थी वो रोजाना की बात...

फेसबुक और इंस्टाग्राम के आने के बाद से लोगों की जिंदगी कुछ बदल गई है. जब से स्मार्टफोन का चलन बढ़ा है और जियो ने भारत में अपनी एंट्री ली है तब से ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी बहुत बढ़ गया है और अब बंटी के पापा से लेकर शर्मा जी और बीकानेर वाली बुआ तक (सभी काल्पनिक किरदार हैं) सभी इंस्टेंट सोशल मीडिया फैन हो गए हैं. ये वो लोग हैं जो अधिकतर घरों में पाए जाते हैं. पर इनके सोशल मीडिया पर आने से एक बहुत बड़ा नुकसान भी हुआ है. वैसे तो सभी बच्चों के लिए नुकसान हुआ है, लेकिन भारतीय महिलाओं और खास कर होने वाली बहुओं के लिए अब भयानक दुविधा हो गई है. ये मैं इसलिए बता सकती हूं क्योंकि मैं और मेरे आस-पास की लड़कियां इसी समस्या से झूझ रही हैं. अब महिलाओं को जज करने का और उनपर टिप्पणी करने का एक नया तरीका सोशल मीडिया के रूप में मिल गया है.

रिश्तेदारों को सोशल मीडिया पर एड करना भारतीय महिलाओं के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है

क्या होता है?

अब अलग-अलग लोगों के हिसाब से महिलाओं को नई कैटेगरी में डाला जाने लगा है. कुछ दिन पहले एक खबर आई थी कि यूपी की एक लड़की से शादी के लिए इसलिए मना कर दिया गया क्योंकि ससुराल वालों को लगता था कि वो जरूरत से ज्यादा वॉट्सएप का इस्तेमाल करती है.

- कैसे घर वाले देखते हैं

घर वाले कैसे देखते हैं इसका जवाब उन वीडियोज में मिल जाएगा जो आजकल सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं. टाइटल होता है 'When relatives join social media' (या ऐसा ही कुछ) ये बात लड़कों के लिए छोड़िए लड़कियों के लिए ज्यादा ही सिरदर्द बन जाती है. किसी रेस्त्रां के चेकइन से लेकर किसी ग्रुप फोटो तक पर टिप्पणी होती है. रिश्तेदारों की जो सुई सिर्फ किसी फैमिली फंक्शन में आप को चुभती थी वो रोजाना की बात बन जाती है.

- कैसे समाज देख रहा है

समाज के लिए तो अगर कोई लड़की लड़कों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डाल रही है या फिर वो रात में देर तक ऑनलाइन दिख रही है तो ये बहुत बुरी बात बन जाती है. अगर यहां बहुएं हैं तब तो और आफत. सास वॉट्सएप का स्टेटस चेक करेगी और दूर की चाची घर वालों को बताएंगी कि देखो इसने 5 साल पहले ऐसे छोटे कपड़ों में फोटो डाली थी. गलत लड़की ले आए हैं.

- इतने समय फोन पर क्या करती हो?

अगर बहु और बेटी ज्यादा फोन पर बात कर रही है या यूट्यूब पर मिस्टर बीन का वीडियो देखकर ही हंस रही है तो भी कुछ लोगों के कान जरूर खड़े हो जाते हैं. और इसपर अगर गलती से हेडफोन लगाए हों और किसी की आवाज़ न सुनें तब तो आफत. दुनिया भर की लानतें दी जाएंगी और ये कहा जाएगा कि इस फोन के चक्कर में ही आप बिगड़ गए हैं. वैसे तो ये प्वाइंट लड़के और लड़की दोनों के लिए होगा, लेकिन फिर भी मैं ये कहूंगी कि यहां भी लड़कियां ज्यादा परेशान होती हैं. फोन कितने समय इस्तेमाल किया जा रहा है और किससे चैट कर रही हो ये वाला सवाल जरूर आ जाता है.

- हर फोटो पर कमेंट..

ये सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन सच मानिए बहुत बड़ा सिरदर्द है. अगर ऑफिस की किसी बात को लेकर पोस्ट डाली है तो भले ही लड़की की शादी हो गई हो या होने वाली हो पर उसकी हर फोटो हर पोस्ट पर 'बहू' शब्द जरूर जोड़ दिया जाएगा. अगर किसी को लग रहा है कि ये समस्या नहीं है तो जरा सोचिए कि ऑफिस के कोलीग्स के साथ अगर किसी ऑफिशियल मीटिंग की फोटो डाली है और उसमें बॉस से लेकर नए आए इंटर्न तक सभी कोई टैग हो और फिर उस समय ससुराल वाले 'बहू' शब्द के साथ नाइस पिक के साथ-साथ, 'अरे बहु तुम तो इस कपड़े में मोटी लग रही हो' कहें तो कैसा लगेगा? ऐसे में रिश्तेदारों को न ही फेसबुक से अनफ्रेंड किया जा सकता है, न ही उनके कमेंट को डिलीट किया जा सकता है और न ही बिना रिप्लाई किए छोड़ा जा सकता है क्योंकि आपको हर बात पर याद दिलाया जाएगा कि आप बहु हैं और रिश्तेदारों को बुरा लग जाएगा. 

- हर पोस्ट पर जवाब दो..

ये भी एक अनोखी दिक्कत है. किसी रिश्तेदार (खास तौर पर मम्मी-पापा) की पोस्ट को लाइक या कमेंट नहीं किया तो भी दिक्कत और आपने किसी तरह का कोई स्टेटस डाल दिया हो तो भी दिक्कत. कोई सैड स्टेटस डाला हो तो क्या हो गया पूछने वाले रिश्तेदार सामने आ जाएंगे, फिर भले ही वो स्टेटस किसी नए गाने की लाइने हों. ये पोस्ट क्यों डाला, ये फोटो क्यों डाला, इसके साथ क्यों डाला, क्या तुम ऐसे कपड़े पहनती हो..... वगैराह-वगैराह. पहले जहां बाहर रहने वाली लड़कियां इससे थोड़ा बच जाया करती थीं वहीं अब ये भी मुमकिन नहीं है.

ये जो सारी बातें हैं वो किसी न किसी तरह से महिलाओं के लिए ज्यादा बड़ी बना दी जाती हैं. जैसे कि हमारे समाज की रीत रही है कि महिलाओं के लिए जिंदगी मुश्किल बना दो वो सब कुछ होता है. अब सोशल मीडिया के आने से 24*7 नजर रखने की सुविधा मिल गई है. सोचने वाली बात है कि क्या अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल को भी अपने हिसाब से चलाने की सुविधा नहीं है?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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