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रोज़े की इससे अच्छी शुरुआत और क्या हो सकती है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 मई, 2018 01:33 PM
  • 30 मई, 2018 01:33 PM
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जम्मू कश्मीर से अपनी तरह का अनूठा एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक सिख व्यक्ति रोजे के लिए मुसलमानों को सेहरी में जगाता हुआ नजर आ रहा है.

एक ऐसे दौर में जब हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर नफरत अपने चरम पर है, हमारे समाज में, हमारे आस-पास कुछ चीजें ऐसी भी गठित होती हैं, जिनको देखकर न सिर्फ खुशी मिलती है. बल्कि जो सुकून देती हैं और ये बताती हैं कि भले ही कुछ लोग धर्म के नाम पर एक दूसरे को लड़ाने भिड़ाने का काम करें. मगर अब भी हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो प्रेम, अमन और शांति के पुरोधा हैं और लगातार अपनी मुहीम को अंजाम दे रहे हैं. इस बात को अगर समझना हो तो हमें जम्मू-कश्मीर चलना होगा. जहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से हैरत में डालने वाला एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक सिख व्यक्ति सहरी के दौरान अपने मुस्लिम पड़ोसियों को जगाने का काम करता हुआ नजर आ रहा है.

सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रही 21 सेकेंड की इस वीडियो क्लिप में सिख व्यक्ति अपने आस पड़ोस के लोगों को जगाने के लिए ड्रम बजाता नजर आ रहा है. इस वीडियो को देखने पर मिल रहा है कि ड्रम बजाते हुए व्यक्ति आवाज़ लगा रहा है और कह रहा है कि 'अल्लाह रसूल दे प्यारों, जन्नत दे तलबगारों, उठो रोजा रखो.'

फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप जैसे दीगर सोशल मीडिया माध्यमों पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर लोगों के दो तरह के तर्क हैं. कुछ लोगों का कहना है कि ड्रम बजाकर लोगों को उठाने वाला व्यक्ति सिख न होकर मुसलमान है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी दाढ़ी ट्रिम है और हाव भाव से वो सिख नहीं मालूम दे रहा है. दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे हैं जिनका मानना है कि ड्रम बजाने वाला व्यक्ति सिख समुदाय से है और एक ऐसी पहल को अंजाम दे रहा है जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है.

कह सकते हैं कि इस वीडियो से हिन्दू मुस्लिम के बीच की खाई काफी हद तक पाटी जा सकती है

इस वायरल होते वीडियो पर...

एक ऐसे दौर में जब हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर नफरत अपने चरम पर है, हमारे समाज में, हमारे आस-पास कुछ चीजें ऐसी भी गठित होती हैं, जिनको देखकर न सिर्फ खुशी मिलती है. बल्कि जो सुकून देती हैं और ये बताती हैं कि भले ही कुछ लोग धर्म के नाम पर एक दूसरे को लड़ाने भिड़ाने का काम करें. मगर अब भी हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो प्रेम, अमन और शांति के पुरोधा हैं और लगातार अपनी मुहीम को अंजाम दे रहे हैं. इस बात को अगर समझना हो तो हमें जम्मू-कश्मीर चलना होगा. जहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से हैरत में डालने वाला एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक सिख व्यक्ति सहरी के दौरान अपने मुस्लिम पड़ोसियों को जगाने का काम करता हुआ नजर आ रहा है.

सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रही 21 सेकेंड की इस वीडियो क्लिप में सिख व्यक्ति अपने आस पड़ोस के लोगों को जगाने के लिए ड्रम बजाता नजर आ रहा है. इस वीडियो को देखने पर मिल रहा है कि ड्रम बजाते हुए व्यक्ति आवाज़ लगा रहा है और कह रहा है कि 'अल्लाह रसूल दे प्यारों, जन्नत दे तलबगारों, उठो रोजा रखो.'

फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप जैसे दीगर सोशल मीडिया माध्यमों पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर लोगों के दो तरह के तर्क हैं. कुछ लोगों का कहना है कि ड्रम बजाकर लोगों को उठाने वाला व्यक्ति सिख न होकर मुसलमान है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी दाढ़ी ट्रिम है और हाव भाव से वो सिख नहीं मालूम दे रहा है. दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे हैं जिनका मानना है कि ड्रम बजाने वाला व्यक्ति सिख समुदाय से है और एक ऐसी पहल को अंजाम दे रहा है जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है.

कह सकते हैं कि इस वीडियो से हिन्दू मुस्लिम के बीच की खाई काफी हद तक पाटी जा सकती है

इस वायरल होते वीडियो पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और लोगों का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसका ये मानना है कि ड्रम बजाता व्यक्ति कश्मीर में सदियों से चले आ रहे सांप्रदायिक सौहार्द और एकता को दर्शा रहा है. बहरहाल अब इस वीडियो की सच्चाई क्या है इसपर कुछ कहना अभी जल्दबाजी है. मगर जिस तरह एक अन्य अधर्म के व्यक्ति द्वारा इस तरह की पहल को अंजाम दिया गया वो अपने आप में कई मायनों में हैरत में डालने वाला है.

खैर, तमाम प्लेटफ़ॉर्म पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देखने के बाद ये कहना गलत न होगा कि ये वीडियो उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो अपनी हरकतों से लगातार दो समुदायों को तोड़ने और उन्हें बांटने का काम कर रहे हैं और लगातार अपनी ओछी मानसिकता का परिचय देते नजर आ रहे हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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