• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सोशल मीडिया

एक विज्ञापन जो छा गया भारत और पाकिस्तान दोनों जगह, जानिए क्यों?

    • आईचौक
    • Updated: 26 जून, 2017 11:14 AM
  • 26 जून, 2017 11:14 AM
offline
पाकिस्तान में बना एक ऐड भारत में भी छा गया है, सर्फ एक्सेल द्वारा बनाया गए इस ऐड को यूट्यूब से 6 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है, आखिर ऐसा क्या है इस ऐड में, जानें?

अच्छी चीजें अच्छी ही होती हैं. फिर चाहें वह पाकिस्तान हो या हिंदुस्तान, अच्छाई की चमक तो हर जगह एक जैसी ही होती है. इसीलिए पाकिस्तान में बना एक ऐड दोनों ही देशों में छा गया है. रमजान के पाक महीने के अवसर पर बनाए गए इस ऐड ने दोनों देशों के लोगों का दिल जीत लिया है.

दरअसल ये ऐड बनाया है पाकिस्तान के सर्फ एक्सेल ने. हां जी, बिल्कुल सही पहचाना दाग अच्छे होते हैं कि पंचलाइन वाले भारतीय सर्फ एक्सेल ने. दरअसल सर्फ को बनाने वाली कंपनी यूनिलीवर इसे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीनों ही जगहों पर बेचती हैं. अब पाकिस्तान के सर्फ एक्सेल ने एक ऐड बनाया है जिसमें रमजान के जश्न के दौरान कुछ बच्चों द्वारा एक बूढ़े आदमी की मदद करते हुए दिखाया गया है.

काफी पसंद किया जा रहा है ये विज्ञापन

क्यों छा गया है ये ऐडः

इस ऐड में रमजान के पवित्र महीने की रौनक को दिखाया गया. इस त्योहार के दौरान अमान नाम का एक बच्चा अपने घर से नए कुर्त्ते पहनकर निकलता है, रास्ते में अमान के दो और दोस्त मिलते हैं. ये तीनों बच्चे नए कपड़े पहने और खुशी से उछलते हए जब बाजार पहुंचते हैं तो उनका सामना ठेले पर समोसे और जलेबियां बेचने वाले एक ऐसे बूढ़े इंसान से होता है जिसकी ठेला गड्ढे में फंस गया है. ऐन मौके पर इस तरह ठेले के अटक जाने से उसका धंधा चौपट हो सकता है, उस बूढ़े के चेहरे पर परेशानी और लाचारी के भाव साफ देखे जा सकते हैं.

देखें वीडियोः सोशल मीडिया पर छा गया सर्फ एक्सेल का ऐड

उस बूढ़े को देखकर ये बच्चे उसके पास पहुंचते हैं और उसके ठेले से समोसे और जलेबियां उठाकर अपने नए कुर्ते में भर लेते हैं. अपने कुर्तों में समोसे और जलेबियां लेकर ये दोनों उसे बेचने के लिए निकल पड़ते हैं.

अपनी कोशिशों से जल्द...

अच्छी चीजें अच्छी ही होती हैं. फिर चाहें वह पाकिस्तान हो या हिंदुस्तान, अच्छाई की चमक तो हर जगह एक जैसी ही होती है. इसीलिए पाकिस्तान में बना एक ऐड दोनों ही देशों में छा गया है. रमजान के पाक महीने के अवसर पर बनाए गए इस ऐड ने दोनों देशों के लोगों का दिल जीत लिया है.

दरअसल ये ऐड बनाया है पाकिस्तान के सर्फ एक्सेल ने. हां जी, बिल्कुल सही पहचाना दाग अच्छे होते हैं कि पंचलाइन वाले भारतीय सर्फ एक्सेल ने. दरअसल सर्फ को बनाने वाली कंपनी यूनिलीवर इसे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीनों ही जगहों पर बेचती हैं. अब पाकिस्तान के सर्फ एक्सेल ने एक ऐड बनाया है जिसमें रमजान के जश्न के दौरान कुछ बच्चों द्वारा एक बूढ़े आदमी की मदद करते हुए दिखाया गया है.

काफी पसंद किया जा रहा है ये विज्ञापन

क्यों छा गया है ये ऐडः

इस ऐड में रमजान के पवित्र महीने की रौनक को दिखाया गया. इस त्योहार के दौरान अमान नाम का एक बच्चा अपने घर से नए कुर्त्ते पहनकर निकलता है, रास्ते में अमान के दो और दोस्त मिलते हैं. ये तीनों बच्चे नए कपड़े पहने और खुशी से उछलते हए जब बाजार पहुंचते हैं तो उनका सामना ठेले पर समोसे और जलेबियां बेचने वाले एक ऐसे बूढ़े इंसान से होता है जिसकी ठेला गड्ढे में फंस गया है. ऐन मौके पर इस तरह ठेले के अटक जाने से उसका धंधा चौपट हो सकता है, उस बूढ़े के चेहरे पर परेशानी और लाचारी के भाव साफ देखे जा सकते हैं.

देखें वीडियोः सोशल मीडिया पर छा गया सर्फ एक्सेल का ऐड

उस बूढ़े को देखकर ये बच्चे उसके पास पहुंचते हैं और उसके ठेले से समोसे और जलेबियां उठाकर अपने नए कुर्ते में भर लेते हैं. अपने कुर्तों में समोसे और जलेबियां लेकर ये दोनों उसे बेचने के लिए निकल पड़ते हैं.

अपनी कोशिशों से जल्द ही वे बूढ़े आदमी के सारे समोसे और जलेबियां बेच देते हैं. बूढ़ा आदमी खुश होकर उन बच्चों को बची हुई जलेबियां और समोसे उपहार में दे देता है. लेकिन इस अच्छे काम के दौरान एक गड़बड़ हो जाती है और इन बच्चों के नए कुर्त्ते दाग से सन जाते हैं. फिर जब अमान के उसकी मां आती है तो वह सहम जाता है लेकिन मां नेक काम करने के लिए मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखती हैं.

वैसे तो सर्फ एक्सेल पहले भी 'दाग अच्छे हैं.' पंचलाइन से कई सारे ऐड्स बनाता रहा है. लेकिन इस ऐड की कहानी दिल को छू लेती है और पिछले सारे ऐड्स से बीस है. शायद यही वजह है कि इसे न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि हिंदुस्तान में भी खूब सराहा जा रहा है. इसे यूट्यूब पर 6 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

महीना रमजान का है तो सर्फ एक्सेल की पंचलाइन भी उतनी ही बेहतरीन है, 'किसी की मदद करना भी एक इबादत है. और अगर मदद करने में दाग लग भी जाएं, दाग अच्छे होते हैं.'


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    नाम बदलने की सनक भारी पड़ेगी एलन मस्क को
  • offline
    डिजिटल-डिजिटल मत कीजिए, इस मीडियम को ठीक से समझिए!
  • offline
    अच्छा हुआ मां ने आकर क्लियर कर दिया, वरना बच्चे की पेंटिंग ने टीचर को तारे दिखा दिए थे!
  • offline
    बजरंग पुनिया Vs बजरंग दल: आना सरकार की नजरों में था लेकिन फिर दांव उल्टा पड़ गया!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲