• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सोशल मीडिया

इस बार सचिन पर निशाना... शोभा डे हैं कि मानती नहीं!

    • अभिनव राजवंश
    • Updated: 29 अगस्त, 2016 08:43 PM
  • 29 अगस्त, 2016 08:43 PM
offline
अभी हाल ही रियो गए भारतीय दल पर तंज करते हुए शोभा डे ने एक ट्वीट किया था, जिनके बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी. अब शोभा का एक और ट्वीट आया है. उस कार्यक्रम को लेकर जिसमें सचिन ने ओलंपिक पदक विजेताओं को बीएमडब्ल्यू कार भेंट किया..

कुछ लोग अपने आप को 'ज्ञानी' दिखाने का कोई भी मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहते. कुछ ऐसा ही हाल राइटर शोभा डे का भी है, अभी हाल ही रियो गए भारतीय दल पर तंज करते हुए शोभा डे ने एक ट्वीट किया था, जिनके बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी. हालांकि पीवी सिंधू और साक्षी मालिक के मेडल जीतने के बाद शोभा डे ने अपनी गलती सुधारने की कोशिश की, मगर उसपर भी उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

एक बार फिर शोभा डे ने अपने ट्वीट के जरिये एक बहुत बड़ा 'मुद्दा' उठाया है (शोभा डे को कुछ ऐसा ही लगता है). दरअसल, एक कार्यक्रम में ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन के लिए पीवी सिंधू ,साक्षी मालिक, दीपा कर्माकर और बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को रियो के ब्रांड एम्बेसडर रहे सचिन तेंदुलकर के हाथों बीएमडब्ल्यू कारें भेंट की गईं. ये लग्जरी कारें हैदराबाद जिला बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष चमुंडेश्वरनाथ ने इन चारों खिलाड़ियों को भेंट में दी.

सचिन के साथ रियो ओलंपिक के पदक विजेता

मगर लगता है कि शोभा डे अभी तक रियो में भारतीयों को मेडल मिलने की बात को पचा नहीं पायी हैं. तभी तो इन खिलाडियों को जब सचिन तेंदुलकर के हाथों सम्मानित किया गया तब शोभा के मन में जो सबसे बड़ा सवाल आया वो ये कि क्या इन गाड़ियों के दाम सचिन ने अपने जेब से दिए हैं? शोभा डे ने ट्वीट करते हुए लिखा 'यह छोटा, कष्टदायक मगर उचित सवाल है कि क्या सचिन तेंदुलकर ने खिलाडियों को दिए BMW का पैसा खुद चुकाया?'

बेशक अपने इस ट्वीट से शोभा डे ने सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधने की कोशिश की है,...

कुछ लोग अपने आप को 'ज्ञानी' दिखाने का कोई भी मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहते. कुछ ऐसा ही हाल राइटर शोभा डे का भी है, अभी हाल ही रियो गए भारतीय दल पर तंज करते हुए शोभा डे ने एक ट्वीट किया था, जिनके बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी. हालांकि पीवी सिंधू और साक्षी मालिक के मेडल जीतने के बाद शोभा डे ने अपनी गलती सुधारने की कोशिश की, मगर उसपर भी उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

एक बार फिर शोभा डे ने अपने ट्वीट के जरिये एक बहुत बड़ा 'मुद्दा' उठाया है (शोभा डे को कुछ ऐसा ही लगता है). दरअसल, एक कार्यक्रम में ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन के लिए पीवी सिंधू ,साक्षी मालिक, दीपा कर्माकर और बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को रियो के ब्रांड एम्बेसडर रहे सचिन तेंदुलकर के हाथों बीएमडब्ल्यू कारें भेंट की गईं. ये लग्जरी कारें हैदराबाद जिला बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष चमुंडेश्वरनाथ ने इन चारों खिलाड़ियों को भेंट में दी.

सचिन के साथ रियो ओलंपिक के पदक विजेता

मगर लगता है कि शोभा डे अभी तक रियो में भारतीयों को मेडल मिलने की बात को पचा नहीं पायी हैं. तभी तो इन खिलाडियों को जब सचिन तेंदुलकर के हाथों सम्मानित किया गया तब शोभा के मन में जो सबसे बड़ा सवाल आया वो ये कि क्या इन गाड़ियों के दाम सचिन ने अपने जेब से दिए हैं? शोभा डे ने ट्वीट करते हुए लिखा 'यह छोटा, कष्टदायक मगर उचित सवाल है कि क्या सचिन तेंदुलकर ने खिलाडियों को दिए BMW का पैसा खुद चुकाया?'

बेशक अपने इस ट्वीट से शोभा डे ने सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधने की कोशिश की है, मगर शायद शोभा डे इस बात को नजरअंदाज कर गयी कि सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के मैदान के बाहर भी अपने कामों से कई मापदंड स्थापित किये हैं. सचिन के राज्य सभा में उपस्थिति को लेकर बेशक कई सवाल उठाये गए हैं, मगर सांसद ग्राम योजना में सबसे बेहतर करने वाले सांसदों में सचिन का नाम काफी ऊपर आता है.

यह भी पढ़ें- क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की लेखिका शोभा डे पर "गुगली"

बतौर रियो के गुडविल एम्बेसडर भी सचिन ने न केवल रियो जाकर खिलाडियों का उत्साहवर्धन किया बल्कि सोशल मीडिया पर भी सचिन ने खिलाडियों को काफी उत्साहित किया. यह सच है कि आज खिलाडियों को दिए गए BMW का पैसा सचिन की जेब से नहीं गया है. मगर यह बात कोई छुपी हुई नहीं और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र भी है. अब ऐसे में हो सकता है कि इतना बड़ा और 'उचित' सवाल उठाने पर शोभा डे फिर से एक बार सोशल मीडिया में निशाने पर आ जाएं!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    नाम बदलने की सनक भारी पड़ेगी एलन मस्क को
  • offline
    डिजिटल-डिजिटल मत कीजिए, इस मीडियम को ठीक से समझिए!
  • offline
    अच्छा हुआ मां ने आकर क्लियर कर दिया, वरना बच्चे की पेंटिंग ने टीचर को तारे दिखा दिए थे!
  • offline
    बजरंग पुनिया Vs बजरंग दल: आना सरकार की नजरों में था लेकिन फिर दांव उल्टा पड़ गया!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲