खून अपना हो या पराया हो
नस्ले-आदम का खून है आखिर
जंग मग़रिब में हो कि मशरिक में
अमने आलम का खून है आखिर
आक्रोश कितना भी हो, लेकिन जंग अच्छी नहीं होती, देश कोई भी हो लेकिन जंग सिर्फ दर्द देती है. क्योंकि जंग के बाद के नजारों में उजड़े हुए घर, खून और कफन दिखते हैं. सीरिया में जंग छिड़ी हुई है, आए दिन दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरों से सामना होता है. पर ये नजारा इतना दुखी करने वाला था कि इसे टीवी पर बयां करते करते बीबीसी की न्यूज एंकर भी अपने आंसू रोक नहीं पाईं.
एक महीने की बच्ची को मलबे से निकाला गया |
गुरुवार को सीरिया के इदलिब में एक इमारत पर बम गिरा, बचाव दल के एक सदस्य ने उस इमारत के मलबे से एक 30 दिन की बच्ची को बाहर निकाला. उस बच्ची को अपनी गोद में उठाए वो तेजी से एंबुलेंस की तरफ दौड़ा और उसे जीवित देखकर अपने आंसू रोक नहीं पाया.
ये भी पढ़ें- खूंखार रासायनिक हथियार झेल रहे हैं सीरिया के बच्चे
बच्ची को जिंदा देखकर भावुक हो गया... खून अपना हो या पराया हो नस्ले-आदम का खून है आखिर जंग मग़रिब में हो कि मशरिक में अमने आलम का खून है आखिर आक्रोश कितना भी हो, लेकिन जंग अच्छी नहीं होती, देश कोई भी हो लेकिन जंग सिर्फ दर्द देती है. क्योंकि जंग के बाद के नजारों में उजड़े हुए घर, खून और कफन दिखते हैं. सीरिया में जंग छिड़ी हुई है, आए दिन दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरों से सामना होता है. पर ये नजारा इतना दुखी करने वाला था कि इसे टीवी पर बयां करते करते बीबीसी की न्यूज एंकर भी अपने आंसू रोक नहीं पाईं.
गुरुवार को सीरिया के इदलिब में एक इमारत पर बम गिरा, बचाव दल के एक सदस्य ने उस इमारत के मलबे से एक 30 दिन की बच्ची को बाहर निकाला. उस बच्ची को अपनी गोद में उठाए वो तेजी से एंबुलेंस की तरफ दौड़ा और उसे जीवित देखकर अपने आंसू रोक नहीं पाया. ये भी पढ़ें- खूंखार रासायनिक हथियार झेल रहे हैं सीरिया के बच्चे
सफेद हेल्मेट पहने इस शख्स का नाम अबू खलीफ है जिन्होंने दो घंटे तक मलबा खोदा और कड़ी मशक्कत के बाद इस बच्ची को वहां से बाहर निकाला और एंबुलेंस में बैठाकर उसे अस्पताल ले जाया गया. ये बेहद भावुक कर देने वाला वीडियो है. इसे जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गईं. जब इस खबर को बीबीसी न्यूज पर प्रसारित किया जा रहा था तो न्यूज एंकर केट सिलवरटन इस वीडियो को देखकर रो पड़ीं. हालांकि वो खबर पढ़ती रहीं, लेकिन आंसुओं से डबडबाई हुई आंखे साफ देखी जा सकती हैं. इदलिब में हुए इस हमले में 11 लोग मारे गए जिनमें 7 बच्चे शामिल थे. एक साल से रूस सीरिया पर बमबारी कर रहा है, जिसमें अब तक करीब 3,800 लोगों की जान गई है. ये भी पढ़ें- वो गाना गा रही थी, अचानक बम फटा और...
पिछले पांच सालों से चल रही इस जंग में करीब तीन लाख लोग मारे गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पूर्वी अलेप्पो में ढ़ाई लाख लोगों पर केवल 35 डॉक्टर ही बचे हैं.
एक अस्पताल के मैनेजर के मुताबिक 'आईसीयू भरे हुए हैं. मरीजों को आईसीयू में बिस्तर पाने के लिए दूसरों के मरने का इंतजार करना होता है'.
ये भी पढ़ें- एलन कुर्दी के बाद अब उमरान की ये वायरल तस्वीर दुनिया को रुला रही है जंग होती है तो ये सब होता ही है. दर्द से भीगी हुई ये तस्वीरें सीरिया की हैं, लेकिन ऐसी तस्वीरें किसी भी देश की हो सकती हैं. इसलिए ए शरीफ इंसानों जंग टलती रहे तो बेहतर है आप और हम सभी के आंगन में शम्मा जलती रहे तो बेहतर है.. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |