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इंसान की संवेदनाएं कैसे मर चुकी हैं ? कन्नौज में एक लड़की के साथ हुई घटना से समझिये!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 26 अक्टूबर, 2022 02:51 PM
  • 26 अक्टूबर, 2022 02:51 PM
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इंसान की संवेदनाएं कैसे मर चुकी हैं? और किस तरह वो हर चीज का फिल्मांकन कर उसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल करना चाहता है? यूपी में हुई इस घटना से समझिए.

दौर जब सोशल मीडिया का हो. और हर दूसरे इंसान का उद्देश्य चीजों को वायरल कर लाइक, कमेंट, शेयर जुटाना हो. तो आदमी बेगैरत भी होता है और बेहया भी. ये बात सुनकर कोई विचलित हो सकता है मगर आज के वक़्त का बड़ा सच यही है. अगर इसका अंदाजा लगाना है तो यूपी के कन्नौज चलिए और उस घटना को देखिये जहां एक लड़की घायल अवस्था में पड़ी मदद की गुहार लगाती रही और मौके पर उपस्थित लोग बजाए मदद के उसका वीडियो बना रहे थे. सिर्फ ज्यादा से ज्यादा वायरल करने के उद्देश्य से लॉन्ग शॉट, क्लोज शॉट लेते लोगों को देखकर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि आज इंसान की संवेदनाएं मर चुकी हैं और उसे सिर्फ सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने या फिर इन्फ्लुएंसर बनने से मतलब है. 

कन्नौज में जो लोगों ने एक घायल लड़की के साथ किया वो पूरी मानवता पर सवालिया निशान लगाता है

दरअसल कन्नौज से आ रहे एक 25 सेकंड के एक वायरल वीडियो में, एक लड़की, जो बुरी तरह से घायल है और जिसके हाथों पर खून के धब्बे हैं, मदद की गुहार लगाती दिख रही है, उसके आस पास भीड़ तो है लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर रहा बल्कि मौके पर मौजूद लोग अपने-अपने मोबाइल से घटना का वीडियो बना रहे हैं.

ध्यान रहे अभी बीते दिनों ही एक खबर वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि कन्नौज की एक 13 वर्षीय लड़की अपने घर से लापता है जिसे बाद में घायल अवस्था में पाया गया. लड़की के शरीर पर चोट के कई निशान थे.

जिक्र वीडियो का हुआ है जिसमें युवा लड़की को मदद मांगते हुए देखा जा सकता है, लेकिन आसपास खड़े लोग घायल लड़की की मदद करने के बजाए उसका फिल्मांकन करना ज्यादा जरूरी समझते हैं.

मामले में...

दौर जब सोशल मीडिया का हो. और हर दूसरे इंसान का उद्देश्य चीजों को वायरल कर लाइक, कमेंट, शेयर जुटाना हो. तो आदमी बेगैरत भी होता है और बेहया भी. ये बात सुनकर कोई विचलित हो सकता है मगर आज के वक़्त का बड़ा सच यही है. अगर इसका अंदाजा लगाना है तो यूपी के कन्नौज चलिए और उस घटना को देखिये जहां एक लड़की घायल अवस्था में पड़ी मदद की गुहार लगाती रही और मौके पर उपस्थित लोग बजाए मदद के उसका वीडियो बना रहे थे. सिर्फ ज्यादा से ज्यादा वायरल करने के उद्देश्य से लॉन्ग शॉट, क्लोज शॉट लेते लोगों को देखकर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि आज इंसान की संवेदनाएं मर चुकी हैं और उसे सिर्फ सोशल मीडिया पर पॉपुलर होने या फिर इन्फ्लुएंसर बनने से मतलब है. 

कन्नौज में जो लोगों ने एक घायल लड़की के साथ किया वो पूरी मानवता पर सवालिया निशान लगाता है

दरअसल कन्नौज से आ रहे एक 25 सेकंड के एक वायरल वीडियो में, एक लड़की, जो बुरी तरह से घायल है और जिसके हाथों पर खून के धब्बे हैं, मदद की गुहार लगाती दिख रही है, उसके आस पास भीड़ तो है लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर रहा बल्कि मौके पर मौजूद लोग अपने-अपने मोबाइल से घटना का वीडियो बना रहे हैं.

ध्यान रहे अभी बीते दिनों ही एक खबर वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि कन्नौज की एक 13 वर्षीय लड़की अपने घर से लापता है जिसे बाद में घायल अवस्था में पाया गया. लड़की के शरीर पर चोट के कई निशान थे.

जिक्र वीडियो का हुआ है जिसमें युवा लड़की को मदद मांगते हुए देखा जा सकता है, लेकिन आसपास खड़े लोग घायल लड़की की मदद करने के बजाए उसका फिल्मांकन करना ज्यादा जरूरी समझते हैं.

मामले में दिलचस्प ये भी रहा कि लड़की पुलिस के आने तक लोगों से मदद की गुहार लगाती रही. चूंकि लड़की ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी इसलिए  एक पुलिसकर्मी ने  उसे गोद में उठाकर  इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया.

मामले में जो बात काबिल ए गौर है. वो ये कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लड़की का यौन उत्पीड़न और उसपर हमला हुआ है या नहीं. लेकिन  लड़की के परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. बताते चलें कि मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.

मामला चूंकि लड़की से जुड़ा था और घटना उत्तर प्रदेश की है इसलिए प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अपनेऑफिशियल हैंडल से वीडियो ट्वीट किया है और लिखा है कि, 'कन्नौज में खून से लथपथ एक मासूम बच्ची सड़क के किनारे तड़प रही थी लेकिन लोग फिल्म बनाते रहे. लेकिन सवाल यह है कि अपराधी कौन है और कब पकड़ा जाएगा?'

यूपी कांग्रेस ने जो सवाल उठाया है वो बिलकुल माकूल है हमारा भी सवाल यही है कि इस मामले में दोषी कौन है? उसे कब गिरफ्तार किया जाएगा? लेकिन इस पूरे मामले में जो बात विचलित करती है वो है लोगों का नजरिया. क्या हम सोशल मीडिया की इस खोखली दौड़ में इस हद तक अंधे हो गए हैं कि हमें इस बात का एहसास तक न रहा कि हम इंसान है और हमारी ये नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उस इंसान की मदद हर सूरत में करें जो हमसे मदद की उम्मीद कर रहा है. 

यूं तो कहने के लिए इस विषय पर कई बातें हैं लेकिन हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि जो कुछ भी कन्नौज में हुआ. या ये कहें कि जनता ने एक घायल लड़की के साथ किया वो बतौर इंसान सम्पूर्ण मानवता को शर्मसार करने वाला है. बतौर मानव हमें इस घटना को देखना होगा और पूरी गहनता के साथ इसका अवलोकन करना होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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