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The Great Khali याद रखें सोशल मीडिया के कमोड काल में सेल्फी ही टॉइलेट पेपर है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 12 जुलाई, 2022 06:38 PM
  • 12 जुलाई, 2022 06:38 PM
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WWE के पूर्व चैम्पियन द ग्रेट खली सुर्ख़ियों में हैं. खली का एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें वो एक टोल प्लाजा पर वहां के कर्मचारियों से लड़ रहे हैं. और वजह सेल्फी है.बतौर सेलिब्रिटी खली याद रखें कि सोशल मीडिया के कमोड काल में सेल्फी ही टॉइलेट पेपर है. इसलिए अगर कोई ले रहा है तो उससे क्या ही गुरेज करना.

सोशल मीडिया के इस दौर में दिखना और बिकना सबको है. लाइक कमेंट और शेयर की भूख कुछ ऐसी कि आदमी 'कुछ तूफानी' करने के चक्कर में जान तक जोखिम में डालने से गुरेज नहीं करता. चूंकि हमारी पूरी जिंदगी फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के इर्द गिर्द है. तो गुरु हम कुछ भी नकार दें. लेकिन अगर हमने सेल्फी को नकारा, तो हमें कोई अधिकार नहीं है कि हम अपने को सोशल मीडिया का कॉमरेड या फिर कर्मठ सिपाही कहे. और हां एक बात और. ये नियम जितना सेल्फी खींचने वाले पर लागू होता है. उतना ही जरूरी ये उसके लिए है जो सेल्फी खिंचवा रहा हो. आज के टाइम में जैसा सेल्फी का महत्व है कहना गलत नहीं है कि सोशल मीडिया के इस कमोड काल में सेल्फी ही टॉयलेट पेपर है. बात सेल्फी की हुई है तो हमें जान लेना चाहिए कि इस मुई सेल्फी के चक्कर में WWE के पूर्व चैम्पियन 'द ग्रेट खली' यानी दिलीप सिंह राणा को गुस्सा आया है. खली ने न केवल एक टोल प्लाजा पर वहां के कर्मचारियों से बहस की बल्कि गुंडई का परिचय देते हुए उन्हें अपने रेसलिंग वाले अंदाज में कूटा.

WWE रेसलर खली पर आरोप है कि सेल्फी के चलते उन्होंने एक टोल प्लाजा पर वहां काम करने वाले लोगों से मारपीट की    

असल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जंगल में लगी आग की तरह वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो को देखें और उसपर गौर करें तो मिलता है कि खली टोल प्लाजा पर वहां काम करने वाले कर्मचारियों से बहस करते नजर आ रहे हैं. खली जालंधर से करनाल जा रहे थे और घटना फिल्लोर टोल प्लाजा के पास की बताई जा रही है.

वीडियो के माध्यम से दावा यही है कि खली से टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने जब उनका...

सोशल मीडिया के इस दौर में दिखना और बिकना सबको है. लाइक कमेंट और शेयर की भूख कुछ ऐसी कि आदमी 'कुछ तूफानी' करने के चक्कर में जान तक जोखिम में डालने से गुरेज नहीं करता. चूंकि हमारी पूरी जिंदगी फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के इर्द गिर्द है. तो गुरु हम कुछ भी नकार दें. लेकिन अगर हमने सेल्फी को नकारा, तो हमें कोई अधिकार नहीं है कि हम अपने को सोशल मीडिया का कॉमरेड या फिर कर्मठ सिपाही कहे. और हां एक बात और. ये नियम जितना सेल्फी खींचने वाले पर लागू होता है. उतना ही जरूरी ये उसके लिए है जो सेल्फी खिंचवा रहा हो. आज के टाइम में जैसा सेल्फी का महत्व है कहना गलत नहीं है कि सोशल मीडिया के इस कमोड काल में सेल्फी ही टॉयलेट पेपर है. बात सेल्फी की हुई है तो हमें जान लेना चाहिए कि इस मुई सेल्फी के चक्कर में WWE के पूर्व चैम्पियन 'द ग्रेट खली' यानी दिलीप सिंह राणा को गुस्सा आया है. खली ने न केवल एक टोल प्लाजा पर वहां के कर्मचारियों से बहस की बल्कि गुंडई का परिचय देते हुए उन्हें अपने रेसलिंग वाले अंदाज में कूटा.

WWE रेसलर खली पर आरोप है कि सेल्फी के चलते उन्होंने एक टोल प्लाजा पर वहां काम करने वाले लोगों से मारपीट की    

असल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जंगल में लगी आग की तरह वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो को देखें और उसपर गौर करें तो मिलता है कि खली टोल प्लाजा पर वहां काम करने वाले कर्मचारियों से बहस करते नजर आ रहे हैं. खली जालंधर से करनाल जा रहे थे और घटना फिल्लोर टोल प्लाजा के पास की बताई जा रही है.

वीडियो के माध्यम से दावा यही है कि खली से टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने जब उनका आईडी कार्ड मांगा तो ये बात उन्हें नागवार गुजरी और उन्होंने अपना आपा खो दिया और आईडी कार्ड मांगने पर टोल प्लाजा कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया. जब हम वीडियो को देखते हैं तो खली उसमें ये कहते पाए जा रहे हैं कि कर्मचारी उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं.

मामले पर खाली से लेकर टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारियों तक हर आदमी का अपना पक्ष होगा. लेकिन सच्चाई शायद इसके ठीक विपरीत हो. हो सकता है कि सेलिब्रिटी स्टेटस रखने वाले खली की गाड़ी टोल प्लाजा पर रुकी हो. और क्योंकि खली किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं वहां काम करने वाले किसी कर्मचारी ने उन्हें पहचान लिया हो, और वो सेल्फी लेने के उद्देश्य से उनकी गाड़ी के अंदर आया हो. ऐसी स्थिति में बहुत से सेलिब्रिटी अपने फैंस के साथ कॉपरेट करते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें खली की तरह फैंस का ये रवैया अपनी प्राइवेसी में खलल लगता है.

हो सकता है कि ठीक ऐसी ही फीलिंग खली को भी आई हो. बाद में बात का बतंगड़ बन गया हो और बोबत लड़ाई झगड़े के बाद पुलिस बुलाने की आ गयी हो. खली का आरोप है कि पहले एक कर्मचारी फोटो खिंचवाने के लिए उनकी कार में घुसा. लेकिन जब उन्होंने इसका विरोध किया तो वहां काम करने वाले और लोग आ गए और वो लोग उनकी कार को घेरकर उन्हें ब्लैकमेल करने लग गए.

हम फिर इसी बात को दोहराना चाहेंगे कि मामले के मद्देनजर सच्चाई क्या है इसका जवाब या तो खली दे सकते हैं. या फिर टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारी. लेकिन जिस विषय पर बात होनी चाहिए और जो चीज इस पूरे विवाद की जड़ है वो और कुछ नहीं बल्कि सेल्फी है.

जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं. चाहे लेना हो या फिर सेल्फी देना. क्योंकि सबको दिखना है. बिकना है, और अपने जानने वालों के बीच अपना भौकाल मेंटेन करना है इसके लिए इंसान कुछ भी करने से गुरेज नहीं कर रहा. जैसे भी हों एक सेलिब्रिटी के रूप में खली को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि फिल्लोर टोल प्लाजा की तरह उनके जीवन में ऐसे बहुत से मौके आएँगे जब उनसे फैंस सेल्फी की डिमांड करेंगे इसलिए उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि गुस्सा काबू में रहे. 

वहीं फैंस से हम बस ये कहते हुए अपनी बात को विराम देंगे कि अगर कोई सेलिब्रिटी सोशल मीडिया के इस कमोड काल में सेल्फी जैसी चीज के लिए भाव खा रहा ही तो क्या ही सेल्फी लेना. बेहतर है कि ऐसे घमंडी लोगों को फैंस इग्नोर कर ब्लॉक मार दें और अपने दिमाग से उनकी यादों को परमानेंटली डिलीट कर दें.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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