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जिन्‍हें सरकार की आलोचना की, और भुगतनी पड़ी सजा

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 26 जुलाई, 2017 07:58 PM
  • 26 जुलाई, 2017 07:58 PM
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पिछले तीन सालों में नए जुर्म का जन्म हुआ. जी हां, वो है सरकार की आलोचना करना. जिसने भी सरकार के लिए सोशल मीडिया पर लिखा. उसको सजा भुगतनी पड़ी.

पिछले तीन सालों से सबसे ज्यादा सुना और पढ़ा जा रहा है कि सरकार की आलोचना करने वालों को जेल में डाल दिया गया या उस पर फाइन ठोक दिया हो. देशद्रोह, मानहानि का आरोप, गंभीर धमकी और धमकाने का मामला जैसे आरोप दर्ज किए गए.

किसी ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाया तो, किसी ने शहर की गंदगी को सबके सामने मजाकिया अंदाज में पेश कर दिया तो, उन्हें सजा का हकदार माना गया. सैलेब हो या आम आदमी सभी को सजा दी गई. आइए जानते हैं पिछले तीन सालों में किसे और क्यों जाना पड़ा जेल...

आरजे मलिश्का ने किया मुंबई महानगरपालिका पर कटाक्ष तो ठोक दिया जुर्माना

रेडियो की लोकप्रिय आवाज आरजे मलिष्का ने ऑनलाइन वीडियो में एक गीत - 'मुंबई तुला बीएमसी वर भरोसा नाय का (मुंबई ... तुझे बीएमसी पर विश्वास नहीं है क्या)' के द्वारा मुंबई की महानगरपालिका पर कटाक्ष किया था. मराठी भाषा के इस गीत में मुंबई में ट्रैफिक, गंदगी और बारिश का उल्लेख करते हुए इन समस्याओं के लिए बीएमसी को जिम्मेदार ठहराया गया है. वीडियो खूब वायरल हुआ जिसके बाद बीएमसी ने आरजे मलिष्का पर 10 हजार रुपये का फाइन लगाया है.

पीएम मोदी पर टिप्पणी की और जाना पड़ा जेल

2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देवू ने फेसबुक फोरम गोवा+ पर कमेंट किया था कि मोदी प्रधानमंत्री बने तो विध्वंस को बढ़ाव देंगे. इस फोरम से 47,000 लोग जुड़े हैं. हालांकि बाद में देवू ने अपना विवादित पोस्ट हटा लिया, लेकिन गोवा पुलिस की सायबर सेल के इसकी शिकायत कर दी गई. बाद में धारा 153(अ), 295(अ), जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 तथा आईटी एक्ट की धारा 66-अ के तहत केस दर्ज कराया गया. कमेंट के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.

पिछले तीन सालों से सबसे ज्यादा सुना और पढ़ा जा रहा है कि सरकार की आलोचना करने वालों को जेल में डाल दिया गया या उस पर फाइन ठोक दिया हो. देशद्रोह, मानहानि का आरोप, गंभीर धमकी और धमकाने का मामला जैसे आरोप दर्ज किए गए.

किसी ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाया तो, किसी ने शहर की गंदगी को सबके सामने मजाकिया अंदाज में पेश कर दिया तो, उन्हें सजा का हकदार माना गया. सैलेब हो या आम आदमी सभी को सजा दी गई. आइए जानते हैं पिछले तीन सालों में किसे और क्यों जाना पड़ा जेल...

आरजे मलिश्का ने किया मुंबई महानगरपालिका पर कटाक्ष तो ठोक दिया जुर्माना

रेडियो की लोकप्रिय आवाज आरजे मलिष्का ने ऑनलाइन वीडियो में एक गीत - 'मुंबई तुला बीएमसी वर भरोसा नाय का (मुंबई ... तुझे बीएमसी पर विश्वास नहीं है क्या)' के द्वारा मुंबई की महानगरपालिका पर कटाक्ष किया था. मराठी भाषा के इस गीत में मुंबई में ट्रैफिक, गंदगी और बारिश का उल्लेख करते हुए इन समस्याओं के लिए बीएमसी को जिम्मेदार ठहराया गया है. वीडियो खूब वायरल हुआ जिसके बाद बीएमसी ने आरजे मलिष्का पर 10 हजार रुपये का फाइन लगाया है.

पीएम मोदी पर टिप्पणी की और जाना पड़ा जेल

2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देवू ने फेसबुक फोरम गोवा+ पर कमेंट किया था कि मोदी प्रधानमंत्री बने तो विध्वंस को बढ़ाव देंगे. इस फोरम से 47,000 लोग जुड़े हैं. हालांकि बाद में देवू ने अपना विवादित पोस्ट हटा लिया, लेकिन गोवा पुलिस की सायबर सेल के इसकी शिकायत कर दी गई. बाद में धारा 153(अ), 295(अ), जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 तथा आईटी एक्ट की धारा 66-अ के तहत केस दर्ज कराया गया. कमेंट के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.

पीएम मोदी के लिए किया अभद्र कमेंट और जाना पड़ा जेल

सीपीआई के कर्मचारी राजेश कुमार को जेल जाना पड़ा क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी पर अभद्र भाषा का उपयोग सोशल मीडिया पर किया था. उन्होंने एक फोटो भी पोस्ट की थी जिसमें पीएम मोदी को जूता दिखाया जा रहा था. सांप्रदायिक तनाव के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

वेब सेलेब तन्मय भट्ट पर की गई एफआईआर

AIB द्वारा टि्वटर पर पोस्ट किए गए फोटो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह दिखने वाला एक शख्स एक स्टेशन पर खड़े होकर मोबाइल चेक करते हुए दिख रहा है. एआईबी की हरकत जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई लोगों ने इसकी खिंचाई शुरू कर दी. इसके बाद कॉमेडी ग्रुप ने तत्काल पोस्ट डिलीट कर दी. लेकिन पुलिस के पास ये ट्वीट पहुंच चुका था. जिसके बाद तन्मय भट्ट पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया.

कुल मिलाकर सरकार के कामकाज को लेकर जिसने भी खुलकर बात की तो उसे जेल का रास्ता देखना पड़ा. तो किसी को मोटी रकम चुकानी पड़ी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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