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ब्रिटेन का न और भारत का, कोहिनूर है किसी और का !

    • आईचौक
    • Updated: 14 नवम्बर, 2016 09:09 PM
  • 14 नवम्बर, 2016 09:09 PM
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अभी तक सबको यही बताया गया है कि भारत से कोहिनूर हीरा चोरी किया गया था, लेकिन इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल के अनुसार ये पूरा सच नहीं है.

कोहिनूर. नाम सुनते ही कई बातें मन में आने लगती हैं. भारत में जन्‍मा एक ऐसा हीरा जो पूरे विश्व में चर्चित है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कोहिनूर मामले को लेकर केंद्र से रिपोर्ट मांगी है. सीनियर एडवोकेट सोमो चक्रवर्ती ने ये बयान भी दिया कि ऐसा बताया जाता है कि ब्रिटिश सरकार को महाराजा दिलीप सिंह ने ये भेंट में दिया था, लेकिन असल में ये चोरी किया गया था.

अभी तक सबको यही बताया गया है कि भारत से ये हीरा चोरी किया गया था, लेकिन इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल के अनुसार ये पूरा सच नहीं है.

 ब्रिटेन की रानी के ताज में लगा कोहिनूर

विलियम का कहना है कि ये सही है कि भारत में ये पाया गया था, लेकिन भारत और अंग्रेजों के अलावा ये कई अन्य सभ्यताओं के हाथ भी रहा. ये बात सच है कि अंग्रेजों ने ये हीरा जबरदस्ती लिया था, महाराजा रंजीत सिंह जिन्होंने ये हीरा हमेशा अपने पास रखा इसे किसी को दे ही नहीं सकते थे. उनके बेटे दिलीप सिंह के शासनकाल में अंग्रेजों ने ये जबरदस्ती लिया था.

विलियम डालरेम्पल के अनुसार ये है सच-

विलियम का दावा है कि ये हीरा रंजीत सिंह के पास भी किसी तोहफे के रूप में नहीं आया था बल्कि उन्होंने भी इसे जबरदस्ती लिया था. विलियम ने कुछ अफ्गानी दस्तावेजों का हावाल देते हुए कहा है कि उनमें साफ लिखा है ये हीरा रंजीत सिंह ने अफ्गानों से छीना था.

ये भी पढ़ें- व्यंग्य: कश्मीर के साथ अब पाकिस्तान को चाहिए कोहिनूर...

कोहिनूर. नाम सुनते ही कई बातें मन में आने लगती हैं. भारत में जन्‍मा एक ऐसा हीरा जो पूरे विश्व में चर्चित है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कोहिनूर मामले को लेकर केंद्र से रिपोर्ट मांगी है. सीनियर एडवोकेट सोमो चक्रवर्ती ने ये बयान भी दिया कि ऐसा बताया जाता है कि ब्रिटिश सरकार को महाराजा दिलीप सिंह ने ये भेंट में दिया था, लेकिन असल में ये चोरी किया गया था.

अभी तक सबको यही बताया गया है कि भारत से ये हीरा चोरी किया गया था, लेकिन इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल के अनुसार ये पूरा सच नहीं है.

 ब्रिटेन की रानी के ताज में लगा कोहिनूर

विलियम का कहना है कि ये सही है कि भारत में ये पाया गया था, लेकिन भारत और अंग्रेजों के अलावा ये कई अन्य सभ्यताओं के हाथ भी रहा. ये बात सच है कि अंग्रेजों ने ये हीरा जबरदस्ती लिया था, महाराजा रंजीत सिंह जिन्होंने ये हीरा हमेशा अपने पास रखा इसे किसी को दे ही नहीं सकते थे. उनके बेटे दिलीप सिंह के शासनकाल में अंग्रेजों ने ये जबरदस्ती लिया था.

विलियम डालरेम्पल के अनुसार ये है सच-

विलियम का दावा है कि ये हीरा रंजीत सिंह के पास भी किसी तोहफे के रूप में नहीं आया था बल्कि उन्होंने भी इसे जबरदस्ती लिया था. विलियम ने कुछ अफ्गानी दस्तावेजों का हावाल देते हुए कहा है कि उनमें साफ लिखा है ये हीरा रंजीत सिंह ने अफ्गानों से छीना था.

ये भी पढ़ें- व्यंग्य: कश्मीर के साथ अब पाकिस्तान को चाहिए कोहिनूर भी!

विलियम कहते हैं कि 19वीं सदी तक जब कोहिनूर अंग्रेजों के पास पहुंचा तब तक वो बहुत से लोगों के हाथ लग चुका था. महाराजा रंजीत सिंह के पास पहुंचने से पहले कोहिनूर अफ्गानी लोगों के पास था और करीब दो-तीन पीढ़ियों तक रहा. इसके बाद वो शाह शुजा के पास आया. शाह शुजा की जीवनी में ये लिखा है कि कैसे रंजीत सिंह ने उसके बेटे को यातनाएं दीं और हीरा छीन लिया.

विलियम का मानना है कि जितना हक कोहिनूर पर भारत जता रहा है उतना ही ईरानी और अफगानी भी जता सकते हैं. जिस समय कोहिनूर अलग-अलग राजाओं के हाथ में था उस समय देश की सीमाएं निर्धारित नहीं थीं और जिस समय नादिर शाह ने भारत पर हमला किया था उस समय दिल्ली से ही काबुल और कंधार पर राज किया जाता था. पाकिस्तान और अफ्गानिस्तान के कुछ हिस्से भारत में शामिल थे. इतना ही नहीं कोहिनूर को लेकर पाकिस्तान में तीन केस भी चल रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कोहिनूर ही क्यों, इन्हें भी भारत वापस लाया जाए

कोहिनूर यकीनन भारत की गोलकॉन्डा सुरंगों से निकला हो, लेकिन नादिर शाह के समय ही ये पारसियों के पास चला गया था. ये अंग्रेजों के पास जाने से कुछ सौ साल पहले की बात है. जब तक अंग्रोजों की ताकत बढ़ी थी तब तक पहले से ही मुगलों को पारसियों ने कंगाल कर दिया था. अंग्रेजों ने यकीनन भारत को लूटा था, लेकिन कोहिनूर को भारत से छीनने का काम नादिर शाह का था.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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