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Coronavirus ही कलयुग है, आदमी घरों में बंद और जंगली जानवरों का सड़कों पर राज

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 27 मार्च, 2020 09:32 PM
  • 27 मार्च, 2020 09:32 PM
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कोरोना वायरस (Corona virus )के चलते लॉक डाउन (Lock down )के इस समय में आदमी घरों में बंद है और जंगली जानवर सड़कों पर चहल कदमी कर रहे हैं. बात हैरत में डालने वाली हैं मगर जब कर्नाटक (karnataka) के चिकमंगलूर (Chikmaglur ) से वायरल हुए वीडियो को देखें तो ये फ़साना हकीकत में बदलता नजर आ रहा है.

कोरोना वायरस (Coronavirus) को हिंदुस्तान की धरती से उखाड़ फेंका जा सके, लोग अपने-अपने परिवार के साथ घरों में रहने को मजबूर हैं. अच्छा एक दो दिन की बात हो तो सब चलता है मगर घर पर 21 दिन रहना है. सरकार ने 21 दिन के लॉक डाउन (Lockdown) की घोषणा की है. लॉक डाउन को लेकर सरकार सख्त है. वो जिन्हें ज़रूरी काम है वही बाहर निकल सकते हैं और वो जो बेवजह सड़कों की शोभा बढ़ा रहे हैं उनके लिए पुलिस के पास अपने जुआड़ हैं. नियम सिर्फ इंसानों के लिए हैं जंगल के जानवरों (Wild Animals on Roads during Lock down) को इससे कोई लेना देना नहीं है. वो बेरोक टोक कहीं भी जा सकते हैं. दक्षिण भारत से तमाम वीडियो आ रहे हैं जिनमें हम मालाबार सिवेट से लेकर इंडियन बायसन (गौर) तक को सड़कों पर चहल कदमी करते हुए देख सकते हैं.

लॉक डाउन के दौरान चिकमंगलूर की  सड़कों पर घूमता गौर

आईएफएस सुशांत नंदा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला है जिसमें गौर या इंडियन बायसन बड़े ही इत्मिनान के साथ सड़कों पर घूमता हुआ नजर आ रहा है. क्यों कि बायसन एक एग्रेसिव जानवर है इसलिए इसका यूं सड़कों पर घूमना अचरज में डालने वाला है.

8 सेकंड का ये वीडियो कर्नाटक के चिकमंगलूर का बताया जा रहा है. इस वीडियो में दिलचस्प बात ये रही कि लोग घरों में बंद इसे देखते रहे और ये सड़क पर मौज मस्ती करता रहा.

लॉक डाउन के इस दौर में वीडियो को सोशल मीडिया पर वीडियो को खूब प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं लोग तो यहां तक कह रहे हैं अब उन्हें पता चला कि चिड़िया घर में पिंजड़े में बंद जानवर की हालत कैसी होती है ? एक खतरनाक जंगली जानवर को इस तरह सड़क पर घूमते लोग भी कह...

कोरोना वायरस (Coronavirus) को हिंदुस्तान की धरती से उखाड़ फेंका जा सके, लोग अपने-अपने परिवार के साथ घरों में रहने को मजबूर हैं. अच्छा एक दो दिन की बात हो तो सब चलता है मगर घर पर 21 दिन रहना है. सरकार ने 21 दिन के लॉक डाउन (Lockdown) की घोषणा की है. लॉक डाउन को लेकर सरकार सख्त है. वो जिन्हें ज़रूरी काम है वही बाहर निकल सकते हैं और वो जो बेवजह सड़कों की शोभा बढ़ा रहे हैं उनके लिए पुलिस के पास अपने जुआड़ हैं. नियम सिर्फ इंसानों के लिए हैं जंगल के जानवरों (Wild Animals on Roads during Lock down) को इससे कोई लेना देना नहीं है. वो बेरोक टोक कहीं भी जा सकते हैं. दक्षिण भारत से तमाम वीडियो आ रहे हैं जिनमें हम मालाबार सिवेट से लेकर इंडियन बायसन (गौर) तक को सड़कों पर चहल कदमी करते हुए देख सकते हैं.

लॉक डाउन के दौरान चिकमंगलूर की  सड़कों पर घूमता गौर

आईएफएस सुशांत नंदा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला है जिसमें गौर या इंडियन बायसन बड़े ही इत्मिनान के साथ सड़कों पर घूमता हुआ नजर आ रहा है. क्यों कि बायसन एक एग्रेसिव जानवर है इसलिए इसका यूं सड़कों पर घूमना अचरज में डालने वाला है.

8 सेकंड का ये वीडियो कर्नाटक के चिकमंगलूर का बताया जा रहा है. इस वीडियो में दिलचस्प बात ये रही कि लोग घरों में बंद इसे देखते रहे और ये सड़क पर मौज मस्ती करता रहा.

लॉक डाउन के इस दौर में वीडियो को सोशल मीडिया पर वीडियो को खूब प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं लोग तो यहां तक कह रहे हैं अब उन्हें पता चला कि चिड़िया घर में पिंजड़े में बंद जानवर की हालत कैसी होती है ? एक खतरनाक जंगली जानवर को इस तरह सड़क पर घूमते लोग भी कह रहे हैं कि अब इंसानों को इन जानवरों के लिए इस जगह को छोड़ देना चाहिए . यहां इंसान बहुत लम्बे समय तक रहे हैं.

गौर को इस तरह सड़कों पर घूमते देख लोग हंसी मजाक करने से भी खुद को नहीं रोक पाए. लोगों का तर्क है कि ये एक ऐसा जानवर है जिससे जरूर लोग सोशल डिस्टेंसिंग करना पसंद करेंगे.

अपने अपने घरों में बंद लोग किस हद तक खाली है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोगों ने इस जानवर का नाम पता सब कुछ बताना शुरू कर दिया है.

जो भी हो जैसी लोगों की प्रतिक्रिया है इतना तो साफ़ है कि इस तरह गौर का सड़क पर घूमना लोगों को खूब भाया है. लोग चाहते हैं कि जानवर यूं ही प्रकृति के पास रहें.

बहरहाल, जिस तरह कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के इस दौर में जंगल से निकल कर जंगली जानवर सड़कों पर आ रहे हैं और स्थिति की जांच पड़ताल कर रहे हैं आज हमें वाक़ई उन जानवरों की हालत का अंदाजा हो गया है जिन्हें देखने के लिए हम टिकट लेकर चिड़ियाघर जाते हैं. समझ आ गया है कि इस तरह लंबे समय तक एक ही जगह कैद रहना कहीं से भी सुखद नहीं है. तकलीफ होती है. बेहद होती है. बेहिसाब होती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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