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काले धन-वित्त मंत्री को लेकर ट्विटर पर अपने ही ट्रैप में फंस गए हैं बाबा रामदेव!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 01 जुलाई, 2021 11:16 PM
  • 01 जुलाई, 2021 10:39 PM
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काले धन और वित्त मंत्री पर एक पुराना ट्वीट बाबा रामदेव के गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है. ट्वीट पर लोगों के एक से एक रिएक्शन आ रहे हैं और साफ़ हो गया है कि लोगों को बस मौज और मौज लेने से मतलब है. इस बार बाबा रामदेव ने दे दी है लोग भी कहां चूकने वाले.

तारीख - 26 जून, 2012

समय- सुबह के 10 बजकर 2 मिनट और कुछ सेकंड

देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और पहले प्रणब मुखर्जी फिर पी चिदंबरम वित्त मंत्री थी. तब देश में यूं तो शांति ही थी लेकिन अंदर ही अंदर भ्रष्टाचार और कालेधन की बातें चल रही थीं. तब उस दौर में बाबा रामदेव आज जैसे नहीं थे. योग गुरु हुआ करते थे. अच्छा क्योंकि सरकार की आलोचना एक नागरिक के तौर पर देश के प्रत्येक व्यक्ति का 'मौलिक अधिकार' है बाबा रामदेव ने भी सरकार की आलोचना करते हुए एक ट्वीट किया. बाबा का ट्वीट कुछ ऐसा था जिससे सियासी अमले या ये कहें कि कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया. बाबा ने अपने ट्वीट में वित्त मंत्री को घेरा था. घटना / ट्वीट को भले ही आज 9 साल बीत चुके हैं मगर राजनीति में गड़े मुर्दे कब उखाड़ लिए जाएं कोई नहीं जानता आज बाबा का वो पुराना ट्वीट एक बार फिर वायरल हो रहा है और यूजर्स जमकर योग गुरु बाबा रामदेव को खरी खोटी सुना रहे हैं.

एक पुराने ट्वीट की बदौलत अपने ही जाल में फंस गए हैं बाबा रामदेव

क्या लिखा था अपने ट्वीट में बाबा ने

जिक्र अगर बाबा रामदेव के उस पुराने ट्वीट का हो तो बाबा ने वित्त मंत्री के संदर्भ में लिखा था कि 'भारत का वित्त मंत्री यदि अच्छा व ईमानदार हो जाए तो हिंदुस्तान का कालाधन एक दिन में आ जाएगा.

काले धन के मद्देनजर वर्तमान स्थिति कुछ और है

ध्यान रहे काला धन ही 2014 के आम चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा हथियार था और इसी के दम पर...

तारीख - 26 जून, 2012

समय- सुबह के 10 बजकर 2 मिनट और कुछ सेकंड

देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और पहले प्रणब मुखर्जी फिर पी चिदंबरम वित्त मंत्री थी. तब देश में यूं तो शांति ही थी लेकिन अंदर ही अंदर भ्रष्टाचार और कालेधन की बातें चल रही थीं. तब उस दौर में बाबा रामदेव आज जैसे नहीं थे. योग गुरु हुआ करते थे. अच्छा क्योंकि सरकार की आलोचना एक नागरिक के तौर पर देश के प्रत्येक व्यक्ति का 'मौलिक अधिकार' है बाबा रामदेव ने भी सरकार की आलोचना करते हुए एक ट्वीट किया. बाबा का ट्वीट कुछ ऐसा था जिससे सियासी अमले या ये कहें कि कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया. बाबा ने अपने ट्वीट में वित्त मंत्री को घेरा था. घटना / ट्वीट को भले ही आज 9 साल बीत चुके हैं मगर राजनीति में गड़े मुर्दे कब उखाड़ लिए जाएं कोई नहीं जानता आज बाबा का वो पुराना ट्वीट एक बार फिर वायरल हो रहा है और यूजर्स जमकर योग गुरु बाबा रामदेव को खरी खोटी सुना रहे हैं.

एक पुराने ट्वीट की बदौलत अपने ही जाल में फंस गए हैं बाबा रामदेव

क्या लिखा था अपने ट्वीट में बाबा ने

जिक्र अगर बाबा रामदेव के उस पुराने ट्वीट का हो तो बाबा ने वित्त मंत्री के संदर्भ में लिखा था कि 'भारत का वित्त मंत्री यदि अच्छा व ईमानदार हो जाए तो हिंदुस्तान का कालाधन एक दिन में आ जाएगा.

काले धन के मद्देनजर वर्तमान स्थिति कुछ और है

ध्यान रहे काला धन ही 2014 के आम चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा हथियार था और इसी के दम पर उन्होंने चुनाव भी जीता था. 2014 में सत्ता में आने से पहले पीएम मोदी ने देश की जनता को भरोसा दिलाया था कि यदि उनकी सरकार आती है तो विदेश विशेषकर स्विस बैंक में जमा काला धन वापस आ जाएगा. पीएम द्वारा तब कही बातों के बीच अगर वर्तमान स्थिति को देखें तो जो आंकड़े स्विट्जरलैंड के बैंकों से आ रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं. बताया जा रहा है कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों और भारतीय कंपनियों के पैसे में साल 2020 में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी हुई है.

आ रही हैं मजेदार प्रतिक्रियाएं 

जैसा कि हम बता चुके हैं 2012 में लिखा बाबा का पुराना ट्वीट फिर वायरल है, लोगों को बाबा रामदेव के अलावा सरकार की आलोचना का मौका मिल गया है. यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि बाबा रामदेव बताएं कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं या नहीं? आपकी इच्छानुसार बीजेपी की सरकार बने 7 वर्ष से अधिक बीत गए पर हिंदुस्तान का काला धन अभी तक वापस नहीं आया. एक दिन में आने वाला कालाधन स्वामी जी कहां गया? यूजर्स बाबा रामदेव से उनके कथन का अपडेट मांग रहे हैं.

बाबा रामदेव के पुराने ट्वीट पर नई प्रतिक्रियाओं की भरमार है. लोग जमकर मजे ले रहे हैं और बाबा रामदेव से तरह तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं.जैसी प्रतिक्रियाएं हैं यूजर्स कह रहे हैं कि सरकार आए हुए 2555 दिन हो गए हैं इसका मतलब बाबा कहना चाहते हैं कि ये सरकार भरोसे के लायक नहीं है, ये सरकार बिकाऊ है. लोग डिमांड कर रहे हैं कि बाबा के उस पुराने ट्वीट का संज्ञान लेते हुए उनपर अलग अलग धाराएं लगाई जाएं और उन्हें जेल भेजा जाए.

वहीं ट्विटर पर ऐसे यूजर्स की भी भरमार है जो कह रहे हैं कि आखिर बाबा रामदेव काले धन, पेट्रोल, डीजल , सरकार और महंगाई पर क्यों खामोश हैं? क्या वो डरते हैं या फिर वो भी सरकार से मिले हुए हैं?

गौरतलब है कि बाबा के पुराने ट्वीट पर जबरदस्त रिएक्शन आ रहे हैं और उनसे माकूल सवाल पूछे जा रहे हैं. 9 साल पुराना ट्वीट बाबा को परेशानी में डालता है या फिर बाबा बच के निकल जाएंगे. जवाब वक़्त देगा लेकिन जो वर्तमान है उसे देखकर साफ है कि भले ही लोग व्यंग्य के सहारे बाबा से चुटकी ले रहे हों मगर लोगों में एक टीस है जो धीरे धीरे बाहर आ रही है.

बाबा रामदेव जब इस मामले का संज्ञान लें तब लें लेकिन एक बार मोदी सरकार को लोगों की प्रतिक्रियाएं पड़नी चाहिए. आज तमाम लोग ऐसे हैं जिनका मानना है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी लच्छेदार बातों से एक जाल बिछाया और देश की बोली भाली जनता को उसमें फंसाया.

विषय बहुत सीधा है. देश की जनता को अपने प्रधानमंत्री और उसकी कार्यप्रणाली से बहुत उम्मीदें हैं लेकिन जैसे हालात हैं और जो महंगाई और भ्रष्टाचार का लेवल है नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री होने के बावजूद एक बड़ी आबादी अपने को ठगा हुआ महसूस कर रही है.

जिक्र चूंकि बाबा रामदेव और उनके ट्वीट का हुआ है तो हम बस उन्हें ये याद दिलाकर अपनी बातों को विराम देंगे कि अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप बाकी तो जो है वो देश और देश की जनता दोनों ही देख रहे हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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