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Ban Tiktok In India ट्रेंड कर रहा है लेकिन बिल्कुल सही कारण से

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 19 मई, 2020 09:07 PM
  • 19 मई, 2020 09:07 PM
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कंटेंट के नाम पर जो पर जो फूहड़ता टिक टॉक (Tiktok) पर सेलिब्रिटी के रूप में फैज़ान ने की है और जिस तरह उन्होंने एसिड अटैक (Acid Attack ) को बढ़ावा दिया है मांग तेज हुई है कि भारत में टिक टॉक बैन (Tiktok Ban In India) होना चाहिए.

एक ऐसे समय में जब सोशल मीडिया अपने स्वर्णिम काल में हो लोगों के बीच स्टार बनने की होड़ लगी है. आज हमारे बीच ऐसे तमाम प्लेटफार्म मौजूद हैं जिनमें बस लॉगिन करने की देर हैं किस्मत अच्छी हुई तो व्यक्ति रातों रात स्टार बन जाएगा. बात जब स्टार बनने की हुई है तो किसी भी सूरत में टिक टॉक को नहीं भूला जा सकता. अपने कंटेंट को लेकर अक्सर ही सुर्खियों में रहने वाला टिक टॉक एक बार फिर अपने आलोचकों के निशाने पर है. कारण फिर कंटेंट है कि और मांग की जा रही है कि इसे भारत में बैन किया जाए. ऐसा क्यों हुआ कारण बने हैं टिक टॉक (Tiktok) स्टार फैजल सिद्दीकी जिन्होंने अपने एक एक्ट में एसिड अटैक (Acid Attack) को प्रमोट किया.

कंटेंट के नाम पर लगातार टिकटॉक पर अश्लीलता परोसी जा रही है ताजा मामला फैजल का है

एक टिक टॉक सेलिब्रिटी के रूप में मशहूर फैजल के इस एक्ट के बाद समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग सामने आया है जिसका कहना है कि एसिड अटैक जैसे अपराध को बढ़ावा देने के मद्देनजर फ़ैज़ल को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए साथ ही भारत में टिक टॉक अकाउंट बैन होना चाहिए.

इस मामले का संज्ञान खुद NCW ने लिया है और इसे महिला सुरक्षा के विरुद्ध बताया है. संगठन कीद मुखिया स्वाति मालीवाल ने इसके लिए टिक टॉक इंडिया से बात की है. स्वाति ने जहां एक तरफ इस वीडियो को हटाने की मांग की है तो वहीं दूसरी तरफ फैसल का एकाउंट भी सस्पेंड करने की मांग रखी है. माना यही जा रहा है कि वीडियो का ऐसा कंटेंट समाज को केवल और केवल पीछे ढकेलने का काम करेगा.

मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि जब अन्य टिकटॉक यूजर घटना के विरोध में सामने आए तो...

एक ऐसे समय में जब सोशल मीडिया अपने स्वर्णिम काल में हो लोगों के बीच स्टार बनने की होड़ लगी है. आज हमारे बीच ऐसे तमाम प्लेटफार्म मौजूद हैं जिनमें बस लॉगिन करने की देर हैं किस्मत अच्छी हुई तो व्यक्ति रातों रात स्टार बन जाएगा. बात जब स्टार बनने की हुई है तो किसी भी सूरत में टिक टॉक को नहीं भूला जा सकता. अपने कंटेंट को लेकर अक्सर ही सुर्खियों में रहने वाला टिक टॉक एक बार फिर अपने आलोचकों के निशाने पर है. कारण फिर कंटेंट है कि और मांग की जा रही है कि इसे भारत में बैन किया जाए. ऐसा क्यों हुआ कारण बने हैं टिक टॉक (Tiktok) स्टार फैजल सिद्दीकी जिन्होंने अपने एक एक्ट में एसिड अटैक (Acid Attack) को प्रमोट किया.

कंटेंट के नाम पर लगातार टिकटॉक पर अश्लीलता परोसी जा रही है ताजा मामला फैजल का है

एक टिक टॉक सेलिब्रिटी के रूप में मशहूर फैजल के इस एक्ट के बाद समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग सामने आया है जिसका कहना है कि एसिड अटैक जैसे अपराध को बढ़ावा देने के मद्देनजर फ़ैज़ल को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए साथ ही भारत में टिक टॉक अकाउंट बैन होना चाहिए.

इस मामले का संज्ञान खुद NCW ने लिया है और इसे महिला सुरक्षा के विरुद्ध बताया है. संगठन कीद मुखिया स्वाति मालीवाल ने इसके लिए टिक टॉक इंडिया से बात की है. स्वाति ने जहां एक तरफ इस वीडियो को हटाने की मांग की है तो वहीं दूसरी तरफ फैसल का एकाउंट भी सस्पेंड करने की मांग रखी है. माना यही जा रहा है कि वीडियो का ऐसा कंटेंट समाज को केवल और केवल पीछे ढकेलने का काम करेगा.

मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि जब अन्य टिकटॉक यूजर घटना के विरोध में सामने आए तो गलती मानने के बजाए टिक टॉक ने इन ही लोगों की आवाज़ बंद करने की कोशिश की. एसिड अटैक सरवाइवर लक्ष्मी अग्रवाल ने इस मामले पर फैजल और टिक टॉक को आड़े हाथों लेते हुए तमाम गंभीर बातें कहीं. लक्ष्मी के अनुसार भारत में टिक टॉक का इस्तेमाल गलत्त चीजों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है.

ये कोई पहली बार नहीं है जब अश्लीलता के कारण टिक टॉक चर्चा में आया है. अभी बीते दिनों ही टिक टॉकर मुजीब रहमान ने एक ऐसा वीडियो डाला था जो एक रेप सीन से इंस्पायर था. इसमें यूजर द्वारा रेप सीन की एक्टिंग की गयी थी.

मामले को भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अपने ट्विटर पर उठाया था और मांग की थी कि ऐसे वीडियो का शासन और प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए. इस वीडियो में बग्गा ने NCW की चेयरपर्सन को टैग किया था और इसपर एक्शन लेने की बात की थी.

मामले पर रेखा शर्मा ने भी आपत्ति दर्ज की थी और कहा था कि भारत में टिक टॉक पर पूरी तरह से बैन लगना चाहिए.

वाक़ई ये बड़ा विचलित करने वाला है कि चंद मिनटों का फेम पाने के नाम पर आज टिक टॉक सेलिब्रिटी एसिड अटैक से लेकर घरेलू हिंसा और रेप, जानवरों के साथ बर्बरता जैसी चीजें सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं और इस भौंडेपन को 'कंटेंट ' की संज्ञा दे रहे हैं.

सवाल ये है कि आखिर ये किस तरह के इंफ्लुएंसर हैं और इनके छिछोरेपन से आखिर कोई किस तरह इंफ्लुएंस होगा. सस्ती लोकप्रियता के नाम पर जो कुछ भी ये लोग कर रहे हैं उसे न सिर्फ बैन होना चाहिए बल्कि देश के कानून को भी इनपर सख्ती दिखाते हुए इनपर एक्शन लेना चाहिए.

टिक टॉक यूजर्स कैसे नैतिकता को दरकिनार कर समाज को गलत संदेश दे रहे हैं ये हम उस वीडियो से भी समझ सकते हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो में एक कुत्ते के हाथ पैर बांधकर उसे मरने के लिए नदी में फेंक दिया गया.

टिक टॉक में जैसी अश्लीलता परोसी जा रही है उसको देखकर इतना तो साफ़ है कि आज आदमी अपने मनोरंजन के लिए ऐसा बहुत कुछ कर जा रहा है जोकि समाज के लिए कहीं से भी सही नहीं है.

कहावत है कि स्वतंत्रता, जिम्मेदारी के साथ आती है और चूंकि भारत में लोगों को स्वतंत्रता तो चाहिए मगर उन्हें जिम्मेदारी का एहसास नहीं है. इसलिए टिक टॉक जैसी वाहियात चीज पर बैन लगाना ही एक मात्र विकल्प है. तमाम तरह की फूहड़ता देखकर जिस तरह मांग की जा रही है कि टिक टॉक को बैन कर देना चाहिए तो अब वो वक़्त आ गया है जब जनता को भी इसके समर्थन में आगे आना चाहिए. आज हमारा टिक टॉक का त्याग करना हमें भविष्य की चुनौतियों से बचाएगा और शायद तब हम एक सही समाज की रचना कर सकें. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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