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Nadav Lapid ने कश्मीर फाइल्स को प्रोपोगेंडा बताया, twitter पर गाज अनुराग ठाकुर पर गिरी

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 नवम्बर, 2022 02:11 PM
  • 30 नवम्बर, 2022 02:07 PM
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गोवा में आयोजित 53वें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म फेस्टिवल में जूरी हेड नदव लापिड ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म कश्मीर फाइल्स को प्रोपोगेंडा करार दिया है. बयान क्योंकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने आया और वो चुप्पी साधे रहे इसलिए लोग ख़फ़ा है. देखा जाए तो लोगों का गुस्सा जायज भी है.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सुर्ख़ियों में हैं. कारण बनी है फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म कश्मीर फाइल्स और गोवा में आयोजित 53 वें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म फेस्टिवल में आईएफएफआई 2022 के जूरी हेड नदव लापिड का उसे एक प्रोपोगेंडा फिल्म बताना. फिल्म को लेकर लापिड का बयान आना भर था पूरे सोशल मीडिया पर बवाल हो गया है. चूंकि कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के मुद्दे पर बनी कश्मीर फाइल्स पर लापिड ने अपना ये विवादित बयान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में दिया है, लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है.ट्विटर पर तमाम यूजर्स ऐसे हैं जिनका मानना है कि जिस विषय पर ये फिल्म बनी है वो फिक्शन न होकर एक ऐसा सच है जिसे देश के प्रत्येक नागरिक को जानना चाहिए. ऐसे में यदि कोई विदेशी इसे ख़ारिज कर रहा है या फिर इसे सवालों के घेरे में डाल रहा है तो उसे फ़ौरन ही बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए. वहीं इंटरनेट पर तमाम यूजर्स ऐसे भी थे जो इस बात को लेकर एकमत हैं कि आखिर लापिड जैसे लोग जो खुद तमाम तरह के विवादों में रहे हैं आखिर कैसे उन्हें आईएफएफआई 2022 की कॉमन सौंप दी गयी?

कश्मीर फाइल्स को लेकर जो बयानबाजी हुई है लोग अनुराग ठाकुर से खासे खफा हैं

चूंकि लापिड द्वारा फिल्म पर की गयी बातों के बाद एक बार फिर चर्चाओं के दौर की शुरुआत हो गयी है बड़ा सवाल ये भी है कि जब लापिड मंच से फिल्म को लेकर तमाम तरह की अनर्गल बातें कर रहे थे तो उस वक़्त अनुराग या फिर आईएफएफआई 2022 से जुड़े बाकी के लोग क्यों चुप्पी साधे बैठे हुए थे.

जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि लोग आहत हैं तो आइये आगे कुछ बात...

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सुर्ख़ियों में हैं. कारण बनी है फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म कश्मीर फाइल्स और गोवा में आयोजित 53 वें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म फेस्टिवल में आईएफएफआई 2022 के जूरी हेड नदव लापिड का उसे एक प्रोपोगेंडा फिल्म बताना. फिल्म को लेकर लापिड का बयान आना भर था पूरे सोशल मीडिया पर बवाल हो गया है. चूंकि कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के मुद्दे पर बनी कश्मीर फाइल्स पर लापिड ने अपना ये विवादित बयान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में दिया है, लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है.ट्विटर पर तमाम यूजर्स ऐसे हैं जिनका मानना है कि जिस विषय पर ये फिल्म बनी है वो फिक्शन न होकर एक ऐसा सच है जिसे देश के प्रत्येक नागरिक को जानना चाहिए. ऐसे में यदि कोई विदेशी इसे ख़ारिज कर रहा है या फिर इसे सवालों के घेरे में डाल रहा है तो उसे फ़ौरन ही बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए. वहीं इंटरनेट पर तमाम यूजर्स ऐसे भी थे जो इस बात को लेकर एकमत हैं कि आखिर लापिड जैसे लोग जो खुद तमाम तरह के विवादों में रहे हैं आखिर कैसे उन्हें आईएफएफआई 2022 की कॉमन सौंप दी गयी?

कश्मीर फाइल्स को लेकर जो बयानबाजी हुई है लोग अनुराग ठाकुर से खासे खफा हैं

चूंकि लापिड द्वारा फिल्म पर की गयी बातों के बाद एक बार फिर चर्चाओं के दौर की शुरुआत हो गयी है बड़ा सवाल ये भी है कि जब लापिड मंच से फिल्म को लेकर तमाम तरह की अनर्गल बातें कर रहे थे तो उस वक़्त अनुराग या फिर आईएफएफआई 2022 से जुड़े बाकी के लोग क्यों चुप्पी साधे बैठे हुए थे.

जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि लोग आहत हैं तो आइये आगे कुछ बात करने से पहले ट्विटर का रुख कर लें और देखें कि कश्मीर फाइल्स जैसे बेहद अहम और जरूरी मसले पर लोग क्या कह रहे हैं और कैसे शब्दों के जरिये अपने गुस्से को जाहिर कर रहे हैं.

लापिड की बातें सिर्फ ट्विटर तक सीमित नहीं हैं. पूरे सोशल मीडिया पर एक अजब सी बेचैनी है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि इजराइल के फिल्म मेकर नदव लापिड ने जो कुछ भी कहा है वो उन लोगों के साथ घिनौना मजाक है जिन्होंने कश्मीर में जेनोसाइड की पीड़ा को भोगा और अपनों के साथ साथ अपने घर को खोया.

सवालों के घेरे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हैं और जैसा लोगों का मूड है साफ़ है कि नदव ने जो बात शुरू की है वो इतनी जल्दी ख़त्म नहीं होने वाली है.

चूंकि नदव के बयान ने धार पकड़ ली है सोशल मीडिया पर ऐसे भी लोग हैं जिनका मानना है कि इस अहम मसले पर केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत में इजराइल के राजदूत को तलब न करके अनुराग ठाकुर को तालाब करें.

जैसा कि हमें ज्ञात है तमाम मौके ऐसे आए हैं जब हमने भाजपा के नेताओं को डीएनए चेक और बैकग्राउंड चेक करने जैसी बातों को करते सुना है. ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब नदव को आईएफएफआई की ज्यूरी का हेड बनाया जा रहा था तो उनकी पृष्ठभूमि क्या थी इसकी कोई जांच क्यों नहीं की गयी?

मामले के तहत ट्विटर पर हजारों प्रतिक्रियाएं हैं, और जैसा कि जाहिर है, लोग, प्रोग्राम में मौजूद रहे और इजराइल के फिल्म मेकर की कश्मीर फाइल्स को लेकर बात सुनते रहे अनुराग ठाकुर की कार्यप्रणाली से खफा हैं सवाल ये है कि क्या इसपर अनुराग अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया देंगे? देंगे भी या इस मामले को इग्नोर कर देंगे?

बाकी बात फिल्म को प्रोपोगेंडा कहने को लेकर हुई है तो इतना तो तय है कि इस नयी कंट्रोवर्सी ने भविष्य के लिए अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री दोनों की बल्ले बल्ले कर दी है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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