न्यूज रिपोर्टर्स अपने काम को इतनी शिद्दत से करते हैं कि कभी कभी वो सब कुछ भूल जाते हैं. कभी तो जान हथेली पर लेकर रिपेर्टिंग की जाती है, तो कभी किसी की जान पर रिपोर्टिंग. टीवी रिपोर्टर्स अपनी संवेदनहीनता की वजह से कई बार लोगों की नाराजगी का शिकार हुए हैं. लेकिन इस बार जो हुआ उसने तो संवेदनहीनता की सारी हदें लांघ दीं.
लैटिन अमेरिका की एक न्यूज रिपोर्टर ने एक मरते हुए व्यक्ति का इंटरव्यू किया और उसे टीवी पर लाइव भी दिखाया.
मरते हुए शख्स का इंटरव्यू |
अल सल्वाडोर में एक ट्रक ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी. वो घायल होकर जमीन पर गिर गया. इस महिला पत्रकार ने बिना एक पल गंवाए उस व्यक्ति के मुंह पर माइक लगा दिया और सवाल जवाब करने शुरू कर दिए. घायल शख्स सड़क पर पड़ा दर्द से करहा रहा था. लेकिन रिपोर्टर ने उसकी मदद करने के बजाए, उसका इंटरव्यू करना ज्यादा मुनासिब समझा.
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वीडियो में उस ट्रक की हालत देखकर ही समझा जा सकता है कि टक्कर जबरदस्त थी क्योंकि गाड़ी का कांच टूट गया था. व्यक्ति इतने दर्द में था कि उठ नहीं पा रहा था.
इस मौके को भी उस महिला पत्रकार ने कैमरे में कैद किया और घायल का इंटरव्यू लिया. उसने घायल व्यक्ति से पूछा कि वहां क्या हुआ था. घायल कराहते हुए कहता है...
न्यूज रिपोर्टर्स अपने काम को इतनी शिद्दत से करते हैं कि कभी कभी वो सब कुछ भूल जाते हैं. कभी तो जान हथेली पर लेकर रिपेर्टिंग की जाती है, तो कभी किसी की जान पर रिपोर्टिंग. टीवी रिपोर्टर्स अपनी संवेदनहीनता की वजह से कई बार लोगों की नाराजगी का शिकार हुए हैं. लेकिन इस बार जो हुआ उसने तो संवेदनहीनता की सारी हदें लांघ दीं.
लैटिन अमेरिका की एक न्यूज रिपोर्टर ने एक मरते हुए व्यक्ति का इंटरव्यू किया और उसे टीवी पर लाइव भी दिखाया.
मरते हुए शख्स का इंटरव्यू |
अल सल्वाडोर में एक ट्रक ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी. वो घायल होकर जमीन पर गिर गया. इस महिला पत्रकार ने बिना एक पल गंवाए उस व्यक्ति के मुंह पर माइक लगा दिया और सवाल जवाब करने शुरू कर दिए. घायल शख्स सड़क पर पड़ा दर्द से करहा रहा था. लेकिन रिपोर्टर ने उसकी मदद करने के बजाए, उसका इंटरव्यू करना ज्यादा मुनासिब समझा.
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वीडियो में उस ट्रक की हालत देखकर ही समझा जा सकता है कि टक्कर जबरदस्त थी क्योंकि गाड़ी का कांच टूट गया था. व्यक्ति इतने दर्द में था कि उठ नहीं पा रहा था.
इस मौके को भी उस महिला पत्रकार ने कैमरे में कैद किया और घायल का इंटरव्यू लिया. उसने घायल व्यक्ति से पूछा कि वहां क्या हुआ था. घायल कराहते हुए कहता है कि-'उन्होंने मुझे टक्कर मारी और मुझे चोट लगी है.' महिला पत्रकार ने पूछा- 'क्या तुम्हें गाड़ी दिखाई नहीं दी?' घायल- नहीं.
फिर महिला पत्रकार का ये सवाल- क्या तुम चाहते हो कि तुम्हें अस्पताल ले जाया जाए? फिर घायल ने कहा- नहीं. महिला पत्रकार ने तुरंत अगला सवाल पूछा- वैसे तुम जा कहां रहे थे? घायल के मुंह से तब सिर्फ हॉस्पिटल ही निकल पाया, क्योंकि वो बात करने की स्थिति में नहीं था.
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इस पूरी घटना का सबसे दुखद पहलू ये रहा कि इंटरव्यू के बाद ही उस घायल व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. इस घटना ने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया बल्कि पत्रकारिता का मजाक बनाकर रख दिया. महिला होकर भी वो एक घायल का दर्द न समझ सकी. उस वक्त खबर को एक्सक्लूसिव बनाने के बजाए अगर उसने उस व्यक्ति की जान को अहमियत दी होती तो शायद वो जिंदा होता.
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