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मंदिर-मुस्लिम के आगे शुरू होगी योगी की अग्निपरीक्षा

    • जगत सिंह
    • Updated: 19 मार्च, 2017 08:28 PM
  • 19 मार्च, 2017 08:28 PM
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उत्तरप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के सर पर कांटे का ताज होगा, सरकार गठन के साथ ही सामने कई मुश्किल भरी चुनौतियां होंगी और उम्मीदों पर खरा उतरना होगा. एक नजर नव-निर्वाचित सरकार की संभावित चुनौतियों पर.

योगी आदित्यनाथ अब उत्तरप्रदेश के नए मुख्यमंत्री हैं. शपथ ग्रहण के साथ आदित्यनाथ प्रदेश के बाइसवें मुख्यमंत्री बन गए हैं. भाजपा ने उत्तरप्रदेश में उम्मीदों से बड़ी जीत हासिल की है, लेकिन जीत का बड़ा जश्न नहीं मनाया गया, लेकिन उत्तरप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के सर पर कांटे का ताज होगा, सरकार गठन के साथ ही सामने कई मुश्किल भरी चुनौतियां होंगी और उम्मीदों पर खरा उतरना होगा.

एक नजर नव-निर्वाचित सरकार की संभावित चुनौतियों पर

प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जनवरी में पार्टी का घोषणा पत्र 'लोक संकल्प पत्र' नाम से जारी किया था. घोषणापत्र में उन पहलुओं पर अपना फोकस रखा गया, जो पिछले दिनों यूपी की राजनीति में चर्चा का विषय था. घोषणापत्र में एक बार फिर बीजेपी ने राममंदिर बनाने का वादा किया है लेकिन इस बार पार्टी ने संवैधानिक तरीके से बनाने की बात कही.

किसानों एवं गरीबों के लिए:

सभी छोटे एवं सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ करने और गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के भीतर पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा, 120 दिनों के भीतर बैंकों और चीनी मिलों के समन्वय से गन्ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान करना. 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए रोडमैप तैयार करना, दीन दयाल सुरक्षा बीमा योजना के तहत भूमिहीन कृषि मजदूरों का 2 लाख रुपये तक का बीमा मुफ्त करवाना, भूमिहीन कृषि मजदूरों को बैंक ऋण, सरकारी योजनाओं और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ के लिए सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करना, भूमिहीन कृषि मजदूरों को गौधन योजना के तहत दुधारू पशु दिलाना, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की व्यवस्था करना.

योगी आदित्यनाथ अब उत्तरप्रदेश के नए मुख्यमंत्री हैं. शपथ ग्रहण के साथ आदित्यनाथ प्रदेश के बाइसवें मुख्यमंत्री बन गए हैं. भाजपा ने उत्तरप्रदेश में उम्मीदों से बड़ी जीत हासिल की है, लेकिन जीत का बड़ा जश्न नहीं मनाया गया, लेकिन उत्तरप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के सर पर कांटे का ताज होगा, सरकार गठन के साथ ही सामने कई मुश्किल भरी चुनौतियां होंगी और उम्मीदों पर खरा उतरना होगा.

एक नजर नव-निर्वाचित सरकार की संभावित चुनौतियों पर

प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जनवरी में पार्टी का घोषणा पत्र 'लोक संकल्प पत्र' नाम से जारी किया था. घोषणापत्र में उन पहलुओं पर अपना फोकस रखा गया, जो पिछले दिनों यूपी की राजनीति में चर्चा का विषय था. घोषणापत्र में एक बार फिर बीजेपी ने राममंदिर बनाने का वादा किया है लेकिन इस बार पार्टी ने संवैधानिक तरीके से बनाने की बात कही.

किसानों एवं गरीबों के लिए:

सभी छोटे एवं सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ करने और गन्ना किसानों को फसल बेचने के 14 दिनों के भीतर पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा, 120 दिनों के भीतर बैंकों और चीनी मिलों के समन्वय से गन्ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान करना. 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए रोडमैप तैयार करना, दीन दयाल सुरक्षा बीमा योजना के तहत भूमिहीन कृषि मजदूरों का 2 लाख रुपये तक का बीमा मुफ्त करवाना, भूमिहीन कृषि मजदूरों को बैंक ऋण, सरकारी योजनाओं और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ के लिए सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करना, भूमिहीन कृषि मजदूरों को गौधन योजना के तहत दुधारू पशु दिलाना, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की व्यवस्था करना.

प्रदेश के हर ब्लॉक पर गोदाम और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करना, किसान के लिए सॉइल कार्ड बनाना, पशुओं से फसलों की बर्बादी से बचने के लिए जरूरी इंतजाम किया जाना, हर खेत को पानी देने के लिए 20 हज़ार करोड़ से 'मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फंड' बनाना, बाढ़ से बचने के लिए नदियों और बांधों की व्यवस्था पर ध्यान देना, प्रदेश में दुग्ध क्रांति के लिए कार्य करना, डेरी विकास फंड बनाना, फल पट्टियों के विकास को बढ़ावा दिया जाना, एक मत्स्य पालक कल्याण फंड बनाना, प्रदेश को बड़े 'फूड पार्क राज्य' के रूप में विकसित किया जाना, और इसके लिए ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था करना, हर जिले में 'एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स' स्थापित किया जाना, जिसके जरिए भू-माफियाओं की ओर से जब्त की गई जमीनों को मुक्त कराया जा सके.

छात्रों के लिए:

गरीब छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति कोष की स्थापना करना, लड़कियों को स्नातक स्तर तक की शिक्षा नि:शुल्क प्रदान करना, कॉलेज में दाखिला लेने पर प्रदेश के छात्रों को बिना भेदभाव एक जीबी डाटा के साथ मुफ्त लैपटॉप दिया जाना, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 'शोध एवं विकास' पर विशेष जोर दिया जाएगा, प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 10 नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी, प्रदेश के सभी शिक्षा मित्रों की रोजगार समस्या को 3 महीने में न्यायोचित तरीकों से सुलझाया जाएगा, प्रदेश में एक नए संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना किया जाना.

नौकरी के लिए:  

प्रदेश की प्रत्येक तहसील में आधुनिक कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जाएगी, 90 दिनों के भीतर राज्य सरकार के सभी रिक्त पदों के लिए भर्ती की पारदर्शी प्रक्रिया शुरू किया जाना, अगले 5 वर्षों में 70 लाख रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जाना. ग्रेड 3, 4 की नौकरियों में बिना जाति-धर्म पक्षपात के भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इंटरव्यू समाप्त किया जाना.

जनता के लिए:

सभी अवैध बूचड़खानों को कठोरता से बंद किया जाएगा. सभी सरकारी कॉन्ट्रैक्ट के लिए ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू किया जाना, सभी लोगों को समयबद्ध, तेज व सुलभ न्याय का अधिकार दिया जाना, सरकार आने पर 100 हेल्पलाइन योजना में सुधार और विस्तार ताकि राज्य में कहीं से भी कॉल करने पर 15 मिनट में पुलिस सहायता पहुंचाई जा सके, सभी नागरिकों की सुरक्षा का इंतेजाम करना, सभी पुलिस रेकॉर्ड डिजिटाइज किए जाना, सांप्रदायिक तनाव को रोकने हेतु पुलिस का एक विशेष विभाग बनाया जाना, जेलों का आधुनिकीकरण करना, संगठित अपराध रोका जाना, कानून व्यवथा हेतु पुलिस में 1.5 लाख पदों को मेरिट के आधार पर भरा जाना, सूबे में 24 घंटे बिजली का वादा बीजेपी ने किया है, सभी गरीब परिवारों को 100 यूनिट तक सब्सिडी वाले बिजली 3 रुपये प्रति यूनिट के आधार पर मुहैया कराना, बुंदेलखंड के लिए बुंदेलखंड विकास बोर्ड और पूर्वांचल के लिए पूर्वांचल विकास बोर्ड बनाया जाएगा.

भाजपा के लिए:

नई चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को तैयार कर 2019 के लोक सभा में जीत सुनिश्चित करना, प्रदेश में करप्शन पर पूरी तरह लगाम लगाना, उत्तर प्रदेश का अपराध रिकॉर्ड जो की बहुत बुरी स्थिति में है, उसपर नियंत्रण करना, क्योंकि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश को अपराध मुक्त करने वादा किया था, हिंदुत्व वाली छवि के बीच प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बनाए रखना, अखिलेश सरकार द्वारा विकास के मानदंडों से बेहतर और समयबद्ध ढंग से पूरा करना. सभी धर्म और जाति के लोगों जिन्होंने भाजपा को वोट दिया है उनकी उम्मीद पर खरा उतारना.

सरकार के पास मौका है कि वह प्रदेश सरकार में पारदर्शिता, नौकरशाही जवाबदेही बनाने के साथ बिजनेस लायक माहौल बनाने के साथ उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया जा सके, का प्रयास करे. भारी बहुमत होने के कारण सरकार के पास समय की कमी नहीं होगी, और पूरा कार्यकाल होगा सरकार के पास साथ ही केंद्र सरकार से भी अपने वादों पर अमल करने हर संभव मदद की भी उम्मीद की जा सकती है, फिर भी ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि प्रदेश की भाजपा सरकार उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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