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योगी आदित्यनाथ को कमलनाथ का शुक्रिया तो अदा करना ही चाहिए

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 07 फरवरी, 2019 11:49 AM
  • 07 फरवरी, 2019 11:49 AM
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कुंभ का आयोजक होने के नाते योगी आदित्यनाथ को कमलनाथ का स्वागत करना चाहिए और शुक्रिया भी करना चाहिए. आखिर एक कांग्रेस शासित राज्य ने उनके आयोजन कुंभ में एक बड़ा योगदान जो दिया है.

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ के लिए पूरी तैयारी की. दुनिया भर के लोगों को कुंभ आने का न्योता दिया. कुंभ आने वालों को कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए तरह-तरह की सुविधाएं दीं, लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुंभ को ध्यान में रखकर जो किया है, उसके लिए योगी आदित्यनाथ को उनका शुक्रिया तो अदा करना ही चाहिए. कमलनाथ मध्य प्रदेश के बुजुर्गों को मुफ्त में कुंभ दर्शन कराने ले जा रहे हैं.

कमलनाथ के इस कदम के बाद योगी आदित्यनाथ ये तो जरूर सोच रहे होंगे कि किसी अन्य भाजपा शासित राज्य ने ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया. न तो गुजरात की ओर से ऐसी कोई घोषणा हुई ना ही महाराष्ट्र या उत्तराखंड ने ऐसी योजना शुरू करने के बारे में सोचा. खैर, कुंभ का आयोजक होने के नाते योगी आदित्यनाथ को कमलनाथ का स्वागत करना चाहिए और शुक्रिया भी करना चाहिए. आखिर एक कांग्रेस शासित राज्य ने उनके आयोजन कुंभ में एक बड़ा योगदान जो दिया है.

कुंभ का आयोजक होने के नाते योगी आदित्यनाथ को कमलनाथ का स्वागत करना चाहिए.

राजनीति अपनी जगह, सत्कार करना जरूरी है

अगर ऐसा कहें कि कमलनाथ के इस कदम के पीछे सिर्फ कुंभ स्नान से जुड़ी आस्था है तो ये कहना गलत होगा, लेकिन फिर भी योगी आदित्यनाथ के लिए कमलनाथ के प्रदेश से उनकी योजना के तहत आ रहे लोगों का सत्कार जरूरी है और इसके लिए कमलनाथ को शुक्रिया भी कहना बनता है. कुंभ में मध्य प्रदेश से करीब 3600 बुजुर्गों के आने का कयास लगाया जा रहा है. ऐसे में एक तो कुंभ को सफल बनाने में कमलनाथ का योगदान है और दूसरी ओर कमलनाथ की ये योजना कुंभ का रेवेन्यू भी बढ़ाने का काम करेगी. वो अलग बात है कि इस योजना के जरिए कमलनाथ ने हिंदू कार्ड खेला है. सत्ता में आने के बाद से अब तक वह राज्य में गाय, गौशाला, पुजारी आदि से जुड़ी कई घोषणाएं कर चुके हैं.

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ के लिए पूरी तैयारी की. दुनिया भर के लोगों को कुंभ आने का न्योता दिया. कुंभ आने वालों को कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए तरह-तरह की सुविधाएं दीं, लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुंभ को ध्यान में रखकर जो किया है, उसके लिए योगी आदित्यनाथ को उनका शुक्रिया तो अदा करना ही चाहिए. कमलनाथ मध्य प्रदेश के बुजुर्गों को मुफ्त में कुंभ दर्शन कराने ले जा रहे हैं.

कमलनाथ के इस कदम के बाद योगी आदित्यनाथ ये तो जरूर सोच रहे होंगे कि किसी अन्य भाजपा शासित राज्य ने ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया. न तो गुजरात की ओर से ऐसी कोई घोषणा हुई ना ही महाराष्ट्र या उत्तराखंड ने ऐसी योजना शुरू करने के बारे में सोचा. खैर, कुंभ का आयोजक होने के नाते योगी आदित्यनाथ को कमलनाथ का स्वागत करना चाहिए और शुक्रिया भी करना चाहिए. आखिर एक कांग्रेस शासित राज्य ने उनके आयोजन कुंभ में एक बड़ा योगदान जो दिया है.

कुंभ का आयोजक होने के नाते योगी आदित्यनाथ को कमलनाथ का स्वागत करना चाहिए.

राजनीति अपनी जगह, सत्कार करना जरूरी है

अगर ऐसा कहें कि कमलनाथ के इस कदम के पीछे सिर्फ कुंभ स्नान से जुड़ी आस्था है तो ये कहना गलत होगा, लेकिन फिर भी योगी आदित्यनाथ के लिए कमलनाथ के प्रदेश से उनकी योजना के तहत आ रहे लोगों का सत्कार जरूरी है और इसके लिए कमलनाथ को शुक्रिया भी कहना बनता है. कुंभ में मध्य प्रदेश से करीब 3600 बुजुर्गों के आने का कयास लगाया जा रहा है. ऐसे में एक तो कुंभ को सफल बनाने में कमलनाथ का योगदान है और दूसरी ओर कमलनाथ की ये योजना कुंभ का रेवेन्यू भी बढ़ाने का काम करेगी. वो अलग बात है कि इस योजना के जरिए कमलनाथ ने हिंदू कार्ड खेला है. सत्ता में आने के बाद से अब तक वह राज्य में गाय, गौशाला, पुजारी आदि से जुड़ी कई घोषणाएं कर चुके हैं.

क्या है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना?

कमलनाथ ने हाल ही में एक घोषणा की है कि 12 फरवरी से मध्य प्रदेश के बुजुर्गों को प्रयागराज में चल रहे कुंभ की यात्रा करवाई जाएगी, जिसे 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना' का नाम दिया गया है. प्रदेश के बुजुर्गों को स्पेशल ट्रेन से कुंभ ले जाया जाएगा. इसके तहत करीब 3600 यात्रियों को कुंभ यात्रा कराने की योजना है. ये 5 दिनों की यात्रा होगी, जिसमें खाना, चाय-नाश्ता, रुकना और तीर्थस्थल तक ले जाने और वापस लाने के लिए बसों की व्यवस्था सब कुछ मध्य प्रदेश सरकार करेगी. बुजुर्गों के हर जत्थे के साथ प्रशिक्षित गाइड भी होंगे. इसके अलावा हर ट्रेन में सुरक्षा के लिहाज से 10-10 सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे.

कमलनाथ की ये योजना 12 फरवरी से शुरू हो रही है, उसके बाद 16 फरवरी को माघी एकादशी है, 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा है और सबसे अहम 4 मार्च को महाशिवरात्रि है, जिस दिन कुंभ का समापन होगा. इस तरह देखा जाए तो आने वाले दिनों में कई अहम स्नान हैं, जिस दिन श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा सकते हैं. वो बात अलग है कि अगर 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति, जिस दिन गंगा स्नान किया जाता है, अगर उससे पहले कमलनाथ ने ये योजना शुरू की होती तो इसका असर कुछ अधिक होता. वैसे भी देशभर से लोग कुंभ मेले में आ रहे हैं, लेकिन कमलनाथ की खास योजना की वजह से अब और भी अधिक लोग यहां पहुंचेंगे. कुंभ मेले में लोगों की बढ़ती संख्या निश्चित ही योगी आदित्यनाथ को खुशी देगी और इस खुशी के एक छोटे हिस्से की वजह कमलनाथ भी हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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