• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

मस्जिद निर्माण पर योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के मुस्लिमों को चैलेंज कर दिया है

    • मृगांक शेखर
    • Updated: 08 अगस्त, 2020 03:26 PM
  • 08 अगस्त, 2020 03:26 PM
offline
मस्जिद को लेकर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने मन की बात जाहिर कर दी है, लेकिन ये अयोध्या के मुसलमानों (Muslims of Ayodhya) के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है - क्या वाकई वो यूपी के मुख्यमंत्री को मस्जिद निर्माण (Mosque Construction) के मौके पर बुलाने के पक्ष में नहीं हैं?

राम मंदिर निर्माण में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण (Mosque Construction) के मामले से पहले से ही दूरी बना ली है, मगर गौर करने वाली बात ये है कि तोहमत मस्जिद के निर्माण से जुड़े मुस्लिम समुदाय (Muslims of Ayodhya) के लोगों पर मढ़ दी है - अव्वल तो वे बुलाने से रहे और वो भी कहां जाने वाले हैं!

देखा जाये तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान अयोध्या मस्जिद निर्माण कराने वाले मुस्लिमों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है. मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करते हैं और गोरक्षपीठ के महंत हैं, लेकिन ये भी सच है कि वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं - अयोध्या के मुस्लिमों के लिए अब बड़ी चुनौती यही है कि वो कैसे योगी आदित्यनाथ को मस्जिद निर्माण का न्योता देते हैं और किस तरह उनको उसके लिए राजी कर पाते हैं.

योगी ने गेंद मुस्लिमों के पाले में डाल दी है!

राम मंदिर निर्माण पर अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में ही किसी प्रमुख जगह पर मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने के आदेश दिये थे. सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर, 2019 के फैसले के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड को फरवरी, 2020 में अयोध्या की सोहावल तहसील में आने वाले धुन्नीपुर गांव में जमीन भी दे दी गयी.

राम मंदिर निर्माण को लेकर तो 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन भी कर दिया, लेकिन मस्जिद निर्माण का हाल ये है कि अभी तक ट्रस्ट भी नहीं बनाया जा सका है. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी के मुताबिक जमीन तो आवंटित हो गयी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से काम आगे नहीं बढ़ सका और ट्रस्ट बनने में भी देर की वही वजह रही. फारूकी के मुताबिक, प्रस्तावित ट्रस्ट के 15 में से अभी मुश्किल से 8 सदस्यों के ही नाम तय हो पाये हैं, हालांकि, वो संभावित सदस्यों के नाम बनाने से इंकार करते हैं. वक्फ बोर्ड को जो जमीन आवंटित की गयी है उस पर मस्जिद के अलावा इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी का...

राम मंदिर निर्माण में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण (Mosque Construction) के मामले से पहले से ही दूरी बना ली है, मगर गौर करने वाली बात ये है कि तोहमत मस्जिद के निर्माण से जुड़े मुस्लिम समुदाय (Muslims of Ayodhya) के लोगों पर मढ़ दी है - अव्वल तो वे बुलाने से रहे और वो भी कहां जाने वाले हैं!

देखा जाये तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान अयोध्या मस्जिद निर्माण कराने वाले मुस्लिमों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है. मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करते हैं और गोरक्षपीठ के महंत हैं, लेकिन ये भी सच है कि वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं - अयोध्या के मुस्लिमों के लिए अब बड़ी चुनौती यही है कि वो कैसे योगी आदित्यनाथ को मस्जिद निर्माण का न्योता देते हैं और किस तरह उनको उसके लिए राजी कर पाते हैं.

योगी ने गेंद मुस्लिमों के पाले में डाल दी है!

राम मंदिर निर्माण पर अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में ही किसी प्रमुख जगह पर मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने के आदेश दिये थे. सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर, 2019 के फैसले के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड को फरवरी, 2020 में अयोध्या की सोहावल तहसील में आने वाले धुन्नीपुर गांव में जमीन भी दे दी गयी.

राम मंदिर निर्माण को लेकर तो 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन भी कर दिया, लेकिन मस्जिद निर्माण का हाल ये है कि अभी तक ट्रस्ट भी नहीं बनाया जा सका है. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी के मुताबिक जमीन तो आवंटित हो गयी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से काम आगे नहीं बढ़ सका और ट्रस्ट बनने में भी देर की वही वजह रही. फारूकी के मुताबिक, प्रस्तावित ट्रस्ट के 15 में से अभी मुश्किल से 8 सदस्यों के ही नाम तय हो पाये हैं, हालांकि, वो संभावित सदस्यों के नाम बनाने से इंकार करते हैं. वक्फ बोर्ड को जो जमीन आवंटित की गयी है उस पर मस्जिद के अलावा इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी का निर्माण होना है.

अयोध्या में भूमि पूजन के मौके पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विरोधियों का हवाला देते हुए आज तक का सवाल था - आपने सभी धर्मों के लोगों को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन में बुलाया - और सब आये भी, लेकिन कहा जा रहा है कि मस्जिद निर्माण शुरू होगा तो सीएम योगी वहां नहीं जाएंगे.

योगी आदित्यनाथ का जवाब था - 'मेरा जो काम है वो काम मैं करूंगा - और मैं अपने कार्य को हमेशा कर्तव्य और धर्म मानकर चलता हूं. मैं जानता हूं कि मुझे कोई बुलाएगा नहीं. इसलिए मैं जाऊंगा भी नहीं.'

साफगोई हमेशा ही अच्छी होती है. जो बात समझ में आये साफ साफ बोल दो. मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ ने बेबाक जवाब दे दिया है. जो मन में था बोल दिया है. मन की बात कह डाली है.

अब तो योगी आदित्यनाथ को लेकर मुस्लिम समुदाय को सामने आना ही होगा!

राजनीतिक बयान के कई मायने होते हैं, लेकिन सबसे जरूरी होता है उसका पॉलिटिकली करेक्ट होना. निश्चित तौर पर योगी आदित्यनाथ का बयान पॉलिटिकली करेक्ट है. जिस एजेंडे के साथ योगी आदित्यनाथ राजनीति करते हैं उसके हिसाब से जो भी बोला है उसमें पूरी तरह वो बातें फिट बैठती है, लेकिन मुख्यमंत्री के बयान में एक इशारा भी है.

योगी आदित्यनाथ ने अपने समर्थकों को संदेश दे दिया है कि वो अपनी राजनीतिक लाइन पर कायम हैं, लेकिन लगे हाथ योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम समुदाय पर बड़ी सी तोहमत भी मढ़ डाली है - 'मुझे कोई बुलाएगा नहीं...'

क्या वाकई मुस्लिम समुदाय अपने सूबे के मुख्यमंत्री के बारे में ऐसा ही ख्याल रखता है?

क्या मुस्लिम समुदाय को चुनौती मंजूर है?

ये सही है कि योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के महंत हैं और कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करते आये हैं. ये भी सही है कि 'लव जिहाद' और 'घर वापसी' जैसे विवादित कार्यक्रमों के संरक्षक रहे हैं - लेकिन उससे भी बड़ा सच तो ये है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों ने उनके नेतृत्व में भरोसा जताया है और राज्य भर से जनता द्वारा चुने गये विधायकों के सपोर्ट की बदौलत मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हुए हैं.

योगी आदित्यनाथ ने जो कुछ भी कहा है उसे बोलने का और उस पर कायम रहने का उनके पास निजी हक है और हर किसी को ये अधिकार देश के संविधान से मिला हु्आ है - फिर भी मस्जिद के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर अपना फैसला बाद में सुनाया है - पहले तो अपने प्रति मुस्लिम समुदाय की मंशा जाहिर करने की कोशिश की है.

अब तो अयोध्या के मुस्लिमों के लिए बड़ी चुनौती ये है कि वो कैसे योगी आदित्यनाथ को मस्जिद निर्माण का न्योता देते हैं - और किस तरह उनको उसके लिए राजी कर पाते हैं?

योगी आदित्यनाथ न्योता पाने के बाद मस्जिद निर्माण के मौके पर जाने या न जाने को लेकर जो भी फैसला लेते हैं वो बाद की बात है - पहले तो मुस्लिम समुदाय को उस आरोप का खंडन करना होगा कि वो योगी आदित्यनाथ को मस्जिद निर्माण के मौके पर बुलाने से रहे.

राम मंदिर भूमि पूजन के मौके पर मुस्लिम पक्षकार अंसारी को न्योता मिला और वो खुशी खुशी शामिल भी हुए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इतने दिन बाद भी इकबाल अंसारी को मीडिया के सवालों का फिर से जवाब देना पड़ा. इकबाल अंसारी ने भी बार बार बताया कि पिता के ताउम्र मुकदमा लड़ने के बाद वो भी बराबर केस की पैरवी करते रहे, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया तो सारी चीजें खत्म हो गयीं. फैसला मंजूर है.

अगर मुस्लिम समुदाय योगी आदित्यनाथ के ताजा बयान के बाद भी मस्जिद निर्माण के मौके पर मुख्यमंत्री को न्योता नहीं देता तो मान कर चलना होगा कि मुस्लिम समुदाय के बारे में योगी की धारणा सही है - और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री होने के बावजूद मुस्लिम समुदाय के लिए उनकी राजनीतिक लाइन ज्यादा महत्वपूर्ण लगती है.

इन्हें भी पढ़ें :

राम मंदिर आंदोलन की राजनीतिक पूर्णाहुति के बाद BJP के पिटारे में और क्या बचा है?

Ram Mandir भूमि पूजन हिंदुत्व के राजनीतिक प्रभाव का महज एक पड़ाव है, मंजिल तो आगे है

योगी आदित्यनाथ का लेख: अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन अहम पड़ाव क्यों है


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲