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दुश्‍मन के इलाके में उतरे अभिनंदन की रगों में लाल खून नहीं, तिरंगा दौड़ रहा था

    • आईचौक
    • Updated: 01 मार्च, 2019 11:11 PM
  • 01 मार्च, 2019 10:45 PM
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विंग कमांडर अभिनंदन ने पैराशूट से दुश्‍मन के इलाके में उतरने के तुरंत बाद जो किया, उससे साफ जाहिर है कि उन्‍हें अपनी जान जाने का जरा भी खौफ नहीं था. अब जबकि वो वाघा बार्डर के रास्‍ते देश लौट आए हैं, तो उनकी बहादुरी की ये कहानी उन्‍हें सलाम के रूप में पेश है.

हिंदुस्तान में उस वक्त जब इस बात की खुशी मनाई जा रही थी कि भारत ने पाकिस्तान के F-16 विमान को गिरा दिया गया है तभी एक खबर ने पूरे भारत को हिला दिया. वो खबर थी भारतीय पायलट की पाकिस्तान में गिरफ्तारी की. ये थे कैप्टन अभिनंदन वर्धमान जो भारत के MIG को उड़ा रहे थे और उन्होंने ही पाकिस्तान के F-16 से टक्कर ली थी. अब जबकि वो वाघा बार्डर के रास्‍ते देश लौट आए हैं, तो उनकी बहादुरी की ये कहानी उन्‍हें सलाम के रूप में पेश है...

विंग कमांडर अभिनंदन को पता था कि वो दुश्‍मन के आधुनिक जहाजों से मुकाबला कर रहे हैं. फिर भी वो अपने मिग विमान को F-16 के पीछे लगा देते हैं. कल्‍पना कीजिए क्या जज्बा रहा होगा कैप्टन अभिनंदन के दिल में. उनपर चारों ओर से हमला हो रहा था. अभिनंदन दुश्‍मन का एक F-16 विमान गिराने में सफल हो जाते हैं, और फिर अपने जलते जहाज को छोड़कर पैराशूट से कूद पड़ते हैं. आवाज की गति से उड़ रहे विमान से कूदना आसान नहीं होता. खासतौर पर ऐसे समय जब यह पता हो कि वो दुश्‍मन के इलाके में जा सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में किसी की भी धड़कन बढ़ जाएगी, पसीने छूट जाएंगे. लेकिन, विंग कमांडर अभिनंदन साधरण नहीं हैं. वे जब दुश्‍मन पर हमला कर रहे थे, तो उनकी रंगों में खून नहीं, तिरंगा दौड़ रहा था. जब पाकिस्‍तान की जमीन पर उतरे तो भी उनके मन में भारत माता की खातिर जंग लड़ने का जज्‍बा बरकरार था.

पाकिस्तान के अखबार dawn के मुताबिक, विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के भीमबेर जिले में तीन पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा पकड़े गए थे. उन तीन लोगों में से एक मोहम्मद रज्जाक चौधरी ने इन घटनाओं का पूरा ब्यौरा दिया. रज्जाक के मुताबिक, सुबह करीब 8.45 पर आसमान में हवाई हमला हुआ. एलओसी के पार एक भारतीय विमान के गिरने के बाद, रज्जाक ने अपने घर से एक किलोमीटर दूर एक पैराशूट को उतरते देखा. उसने तुरंत ही अपने दोस्त शोएब, रज्जा और बाकी लोगों को बुलाया और उन्हें उस जगह पहुंचने के लिए कहा.

उधर विंग कमांडर...

हिंदुस्तान में उस वक्त जब इस बात की खुशी मनाई जा रही थी कि भारत ने पाकिस्तान के F-16 विमान को गिरा दिया गया है तभी एक खबर ने पूरे भारत को हिला दिया. वो खबर थी भारतीय पायलट की पाकिस्तान में गिरफ्तारी की. ये थे कैप्टन अभिनंदन वर्धमान जो भारत के MIG को उड़ा रहे थे और उन्होंने ही पाकिस्तान के F-16 से टक्कर ली थी. अब जबकि वो वाघा बार्डर के रास्‍ते देश लौट आए हैं, तो उनकी बहादुरी की ये कहानी उन्‍हें सलाम के रूप में पेश है...

विंग कमांडर अभिनंदन को पता था कि वो दुश्‍मन के आधुनिक जहाजों से मुकाबला कर रहे हैं. फिर भी वो अपने मिग विमान को F-16 के पीछे लगा देते हैं. कल्‍पना कीजिए क्या जज्बा रहा होगा कैप्टन अभिनंदन के दिल में. उनपर चारों ओर से हमला हो रहा था. अभिनंदन दुश्‍मन का एक F-16 विमान गिराने में सफल हो जाते हैं, और फिर अपने जलते जहाज को छोड़कर पैराशूट से कूद पड़ते हैं. आवाज की गति से उड़ रहे विमान से कूदना आसान नहीं होता. खासतौर पर ऐसे समय जब यह पता हो कि वो दुश्‍मन के इलाके में जा सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में किसी की भी धड़कन बढ़ जाएगी, पसीने छूट जाएंगे. लेकिन, विंग कमांडर अभिनंदन साधरण नहीं हैं. वे जब दुश्‍मन पर हमला कर रहे थे, तो उनकी रंगों में खून नहीं, तिरंगा दौड़ रहा था. जब पाकिस्‍तान की जमीन पर उतरे तो भी उनके मन में भारत माता की खातिर जंग लड़ने का जज्‍बा बरकरार था.

पाकिस्तान के अखबार dawn के मुताबिक, विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के भीमबेर जिले में तीन पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा पकड़े गए थे. उन तीन लोगों में से एक मोहम्मद रज्जाक चौधरी ने इन घटनाओं का पूरा ब्यौरा दिया. रज्जाक के मुताबिक, सुबह करीब 8.45 पर आसमान में हवाई हमला हुआ. एलओसी के पार एक भारतीय विमान के गिरने के बाद, रज्जाक ने अपने घर से एक किलोमीटर दूर एक पैराशूट को उतरते देखा. उसने तुरंत ही अपने दोस्त शोएब, रज्जा और बाकी लोगों को बुलाया और उन्हें उस जगह पहुंचने के लिए कहा.

उधर विंग कमांडर अभिनंदन जब धरती पर पैराशूट से उतरे तो उन्हें इस बात का शक था कि ये पाकिस्तान भी हो सकता है. लेकिन उनके साथ आगे जो हुआ उससे आप इस बहादुर पायलट की बुद्धिमानी का लोहा मान जाएंगे.

विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने गुप्त दस्तावेजों के एक चौथाई हिस्से को निगल गए थे

विंग कमांडर अभिनंदन जब अपना पैराशूट खोल रहे थे तब तक भीड़ वहां पहुंच चुकी थी. अपनी शंका दूर करने के लिए उन्होंने लोगों से पूछा कि जहां वो उतरे हैं वो पाकिस्तान है या भारत? उस वक्त भीड़ ने केप्टन से झूठ बोला और कहा कि वो भारत में हैं. अभिनंदन ने राहत की सांस ली और खुशी भी थी कि वो भारत में हैं इसलिए उन्होंने पूरे जोश से 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. फिर उन्होंने लोगों से उस जगह का नाम पूछा. अभिनंदन ने कहा कि उनकी पीठ में चोट लगी है और उन्हें पानी चाहिए. तब तक कुछ लोग भारत मां की जय के नारे सुनकर अपने होश गवां बैठे थे. उन्होंने गुस्से में अभिनंदन को सच बता दिया कि वे किल्लन में हैं. और नारों के जवाब में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. तभी अभिनंदन समझ गए कि वो धूर्त दुश्‍मन के इलाके में हैं. लोगों ने अभिनंदन को पकड़कर मारपीट की कोशिश की, तो अभिनंदन ने अपनी पिस्तौल निकाली. हवा में कुछ फायर किए. वे दुश्‍मन भीड़ को अकेले पीछे धकेले हुए थे, तभी किसी ने उनके पैर में गोली मार दी.

विंग कमांडर अभिनंदन ने इस हमले के बावजूद खुद को सरेंडर नहीं किया. पैर में लगी गोली का दर्द एक तरफ करते हुए उन्‍होंने सुरक्षित जगह तलाशनी शुरू की. वे फायर करते हुए कुछ दूर ही गए थे कि उन्हें एक तालाब दिखा. खतरे को देखते हुए उन्होंने अपने गुप्त दस्तावेजों के एक चौथाई हिस्से को निगल लिया. सर्वाइवल किट से जुड़े बाकी कागजात नष्ट करने के लिए तालाब में फेंक दिए. लेकिन तभी भीड़ ने उन्हें पकड़ा लिया. अभिनंदन अकेले उनसे जूझ रहे थे. तभी 6 पाकिस्तानी सैनिक वहां पर पहुंच गए और उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया. उनके पकड़े जाने के बाद खून और मिट्टी से लथपथ दस्तावेजों के साथ गुलाबी रंग की एक किताब, एक नीली नोटबुक और एक नक्शा तालाब से बरामद किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, शोएब ने ही सेना को बुलाया था.

इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना की जीप से होर्रान से 58 किमी दूर मुज़फ़्फ़राबाद में भीमबर सैन्य मुख्यालय तक लाया गया. अभिनंदन के पकड़े जाने के बाद, पाकिस्तानी सेना ने अपने नागरिकों और जिहादी आतंकवादियों को खुश करने के लिए विंग कमांडर अभिनंदन के कई वीडियो शूट किए जो बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर भारत की एयर स्ट्राइक से नाराज थे. उन्‍हेंं लगा कि अभिनंदन के वीडियोे से पाकिस्‍तान को कोई मनोवैज्ञानिक बढत मिलेगी, लेकिन हुआ इसका उलटा.

अभिनंदन ने कैद में होने के बावजूद अपना हौंसला नहीं खोया. उनकी जांबाजी, उनकी बॉडी लैंग्‍वेेेज में दिखाई दे रही थी. वे जिस सवाल को जवाब देना मुनासिब समझते, देते. और जिस सवाल को टालना चाहतेे थे, उसे बेबाकी से टाल रहे थे. उनके हर शब्‍द में उनका आत्‍म विश्‍वास दिखाई दे रहा था. अपने Mig से पाकिस्‍तान के F-16 विमान को गिराने वाले अभिनंदन का भारत अभिनंदन हो रहा है. वे भारत मेंं हीरो है. और पाकिस्‍तान के भीतर आलोचना हो रही है कि इमरान खान ने भारत और अंंतर्राष्‍ट्रीय दबाव में आकर उन्‍हें छोड़ दिया है.

अभिनंदन भारत के हीरो हैं. और देशभक्ति की मिसाल.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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