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क्या सूरत की रैली में केजरीवाल और हार्दिक बताएंगे - हम एक दूसरे के हैं कौन ?

    • आईचौक
    • Updated: 13 अक्टूबर, 2016 10:38 AM
  • 13 अक्टूबर, 2016 10:38 AM
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अरविंद केजरीवाल और हार्दिक पटेल गुजरात में स्वाभाविक साझीदार हैं. सोशल मीडिया पर दोनों की ताजा नजदीकियों की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. आखिर दोनों के बीच पक क्या रहा है?

अरविंद केजरीवाल और हार्दिक पटेल गुजरात में स्वाभाविक साझीदार हैं. दोनों का विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह से है. सोशल मीडिया पर दोनों की ताजा नजदीकियों की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. आखिर दोनों के बीच पक क्या रहा है?

टारगेट बीजेपी

10 अगस्त को सूरत में एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल को बतौर चीफ गेस्ट शामिल होना था - लेकिन ऐन पहले कार्यक्रम रद्द हो गया. आम आदमी पार्टी का आरोप रहा कि जिस व्यापारी ने कार्यक्रम का आयोजन था उस पर दबाव डाल कर कार्यक्रम रद्द करा दिया गया है - इशारा बीजेपी सरकार की ओर था इसलिए उसने खारिज कर दिया. कुछ दिन तक दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप के दौर चलते रहे. ये बात इसी साल जून की है.

इसे भी पढ़ें: मोदी को टारगेट करने के लिए केजरीवाल ने जोड़ा हार्दिक कनेक्शन

फिर अगस्त में आप की ओर से केजरीवाल की सूरत रैली के लिए अनुमति मांगी गई. महीने भर की किचकिच और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद आखिरकार अनुमति मिली - और 16 अक्टूबर को रैली होनी है. केजरीवाल ने इस रैली के लिए एक वीडियो मैसेज जारी किया है.

.@ArvindKejriwal जी का गुजरात की जनता के नाम संदेश जरूर सुने और शेयर करे ।

16th October,Yogi chowk,Surat, Gujarat..! pic.twitter.com/FAPvjTrYIS

— Shalu (@Shalupcrf) October 12, 2016

इस मैसेज के बाद केजरीवाल ने अपनी रैली में गड़बड़ी की आशंका जतायी है. एक रिपोर्ट शेयर करते हुए केजरीवाल फेसबुक पर लिखते हैं,...

अरविंद केजरीवाल और हार्दिक पटेल गुजरात में स्वाभाविक साझीदार हैं. दोनों का विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह से है. सोशल मीडिया पर दोनों की ताजा नजदीकियों की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. आखिर दोनों के बीच पक क्या रहा है?

टारगेट बीजेपी

10 अगस्त को सूरत में एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल को बतौर चीफ गेस्ट शामिल होना था - लेकिन ऐन पहले कार्यक्रम रद्द हो गया. आम आदमी पार्टी का आरोप रहा कि जिस व्यापारी ने कार्यक्रम का आयोजन था उस पर दबाव डाल कर कार्यक्रम रद्द करा दिया गया है - इशारा बीजेपी सरकार की ओर था इसलिए उसने खारिज कर दिया. कुछ दिन तक दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप के दौर चलते रहे. ये बात इसी साल जून की है.

इसे भी पढ़ें: मोदी को टारगेट करने के लिए केजरीवाल ने जोड़ा हार्दिक कनेक्शन

फिर अगस्त में आप की ओर से केजरीवाल की सूरत रैली के लिए अनुमति मांगी गई. महीने भर की किचकिच और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद आखिरकार अनुमति मिली - और 16 अक्टूबर को रैली होनी है. केजरीवाल ने इस रैली के लिए एक वीडियो मैसेज जारी किया है.

.@ArvindKejriwal जी का गुजरात की जनता के नाम संदेश जरूर सुने और शेयर करे ।

16th October,Yogi chowk,Surat, Gujarat..! pic.twitter.com/FAPvjTrYIS

— Shalu (@Shalupcrf) October 12, 2016

इस मैसेज के बाद केजरीवाल ने अपनी रैली में गड़बड़ी की आशंका जतायी है. एक रिपोर्ट शेयर करते हुए केजरीवाल फेसबुक पर लिखते हैं, "ये केजरीवाल की रैली नहीं है, गुजरात के लोगों की रैली है. उम्मीद करता हूं की अमित शाह जी गुजरात के लोगों की रैली में गड़बड़ नहीं कराएंगे."

जो रिपोर्ट केजरीवाल ने शेयर की है उसके मुताबिक उनकी रैली में बीजेपी के कार्यकर्ता पाटीदारों की तरह टोपी पहन कर हंगामा कर सकते हैं.

क्या हम साथ साथ हैं?

कुछ दिन पहले सूरत में अमित शाह की रैली में भी ऐसे ही हंगामा हुआ था. उस वक्त पाटीदार आंदोलन के कुछ कार्यकर्ता अचानक घुस कर हार्दिक-हार्दिक नारे लगाने लगे और नतीजा ये हुआ की शाह को कुछ ही मिनटों में रैली खत्म कर लौटना पड़ा.

केजरीवाल का हार्दिक कनेक्शन

हार्दिक पटेल भी इस वक्त ट्विटर पर खासे सक्रिय हैं. बात चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या 'खून की दलाली' की हार्दिक हर मुद्दे पर अपनी राय लोगों के बीच रख रहे हैं. हार्दिक से समर्थकों में हाल के दिनों में अरविंद केजरीवाल भी शुमार हो गये हैं. हार्दिक का हर वो ट्वीट केजरीवाल रीट्वीट करते हैं जिसका संबंध बीजेपी, अमित शाह या नरेंद्र मोदी से है.

यहां तक कि ट्विटर पर हार्दिक पटेल अपने फेसबुक पेज का लिंक शेयर करते - और बताते हैं कि वो उनका ऑफिशियल पेज है - फिर अरविंद केजरीवाल उसे रीट्वीट करते हैं.

इसे कहते है हार्दिक कनेक्शन...

आम आदमी पार्टी ने गुजरात की 182 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है. अपनी एक रिपोर्ट में इंडिया टुडे संवाददाता गोपी मनियार कहती हैं, "गुजरात का इतिहास रहा है कि यहा कभी भी किसी बाहरी राजनैतिक पार्टी का वजूद नहीं बना है. यहां तक कि गुजराती नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय जनता दल (शंकरसिंह वाघेला) भी यहां विफल हो चुकी है. यहां सिर्फ दो पक्षों में चुनाव होता है - एक, बीजेपी और दूसरा कांग्रेस.

यानी गुजरात में भी केजरीवाल को उन्हीं चुनौतियों से जूझना पड़ेगा जिनसे पंजाब में उन्हें अभी दो चार होना पड़ रहा है - बाहरी फैक्टर. फिर तो इसके लिए पंजाब की ही तरह उन्हें गुजरात में भी किसी मजबूत साथी की जरूरत होगी. वैसे अभी तो पंजाब में भी साफ नहीं है कि आप का सीएम कैंडिडेट कौन होगा?

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले गुजरात चुनाव में केजरीवाल और हार्दिक हाथ मिला सकते हैं. इतना तो लगता है कि सूरत की रैली में केजरीवाल और हार्दिक मंच शेयर करने जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर केजरीवाल और हार्दिक की करीबियां भी जगजाहिर हो चुकी हैं. लेकिन क्या केजरीवाल मंच से हार्दिक के साथ सियासी रिश्ते का भी खुलासा करने वाले हैं? क्या हार्दिक गुजरात चुनाव में आप का चेहरा होने वाले हैं?

इसे भी पढ़ें: क्या सूरत रैली ने गुजरात मॉडल को झकझोर दिया है?

वैसे चेहरों का क्या. कभी पंजाब में सिद्धू आप का चेहरा बनने वाले थे तभी पता चला वो अलग ही मोर्चा बना लिये. फिर केजरीवाल ने कह दिया कि वो पंजाब में ही खूंटा गाड़ के बैठेंगे - अब बार बार सफाई दी जा रही है कि केजरीवाल सीएम नहीं बनेंगे?

कभी जिग्नेश मेवाणी के भी गुजरात में आप का चेहरा बनने की चर्चा रही - आज हार्दिक पटेल की हो रही - क्या पता चुनाव आते आते कितने चेहरे देखने को मिलें? वैसे ये सब इस बात पर निर्भर करता है कि किसे किसकी ज्यादा जरूरत है? केजरीवाल को हार्दिक की ज्यादा जरूरत है? या, हार्दिक को केजरीवाल की ज्यादा जरूरत है?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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