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क्या डिंपल-प्रियंका उत्तर प्रदेश में बांध पाएंगी गठबंधन का डोर?

    • अरविंद मिश्रा
    • Updated: 11 जनवरी, 2017 02:23 PM
  • 11 जनवरी, 2017 02:23 PM
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उत्तर प्रदेश में अखिलेश गुट और कांग्रेस के बीच समझौते की खिचड़ी पक चुकी है और दो नारी शक्ति गठबंधन की डोर बांध चुकी हैं और बस ऐलान होना बाकी है.

अभी उत्तर प्रदेश में चल रहे समाजवादी दंगल में विजेता का फैसला आना बाकी है. समाजवादी पार्टी में पिता मुलायम सिंह यादव और पुत्र अखिलेश यादव के बीच पार्टी पर कब्जे की सियासत अपने चरम पर है. दोनों गुट एक-दूसरे पर दबाव बनाने से लेकर पार्टी और चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावे को लेकर चुनाव आयोग पहुंच चुके हैं. चुनाव आयोग भी इस मुद्दे का 17 जनवरी तक निपटारा करना चाहता है.

इन सारे विवादों के बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश गुट और कांग्रेस के बीच समझौते की खिचड़ी पक चुकी है और दो नारी शक्ति गठबंधन की डोर बांध चुकी हैं और बस ऐलान होना बाकी है. इस समय हम बात कर रहे हैं दो नारी शक्तियों कि- एक हैं डिंपल यादव जो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज से लोक सभा सदस्य भी हैं और दूसरी हैं प्रियंका वाड्रा.

इस बार कांग्रेस प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है 

अगर ऐसी स्थिति बनती है तो अखिलेश गुट की स्टार प्रचारक डिंपल और कांग्रेस की प्रचारक प्रियंका गांधी एक साथ मंच पर भी दिख सकती हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि दोनों ने भाजपा को रोकने के लिए यह रणनीति बनाई है.

ये भी पढ़ें- आखिर लोग पार्टी से ज्यादा मुलायम परिवार पर भरोसा क्यों करते हैं?

दरअसल इससे पहले प्रियंका सिर्फ अमेठी और रायबरेली तक ही कांग्रेस का प्रचार करती रही हैं लेकिन अबकी बार कांग्रेस...

अभी उत्तर प्रदेश में चल रहे समाजवादी दंगल में विजेता का फैसला आना बाकी है. समाजवादी पार्टी में पिता मुलायम सिंह यादव और पुत्र अखिलेश यादव के बीच पार्टी पर कब्जे की सियासत अपने चरम पर है. दोनों गुट एक-दूसरे पर दबाव बनाने से लेकर पार्टी और चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावे को लेकर चुनाव आयोग पहुंच चुके हैं. चुनाव आयोग भी इस मुद्दे का 17 जनवरी तक निपटारा करना चाहता है.

इन सारे विवादों के बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश गुट और कांग्रेस के बीच समझौते की खिचड़ी पक चुकी है और दो नारी शक्ति गठबंधन की डोर बांध चुकी हैं और बस ऐलान होना बाकी है. इस समय हम बात कर रहे हैं दो नारी शक्तियों कि- एक हैं डिंपल यादव जो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज से लोक सभा सदस्य भी हैं और दूसरी हैं प्रियंका वाड्रा.

इस बार कांग्रेस प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है 

अगर ऐसी स्थिति बनती है तो अखिलेश गुट की स्टार प्रचारक डिंपल और कांग्रेस की प्रचारक प्रियंका गांधी एक साथ मंच पर भी दिख सकती हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि दोनों ने भाजपा को रोकने के लिए यह रणनीति बनाई है.

ये भी पढ़ें- आखिर लोग पार्टी से ज्यादा मुलायम परिवार पर भरोसा क्यों करते हैं?

दरअसल इससे पहले प्रियंका सिर्फ अमेठी और रायबरेली तक ही कांग्रेस का प्रचार करती रही हैं लेकिन अबकी बार कांग्रेस उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ डिंपल का भी सपा कार्यकर्ताओं में अच्छा खासा क्रेज है. कार्यकर्ता काफी पहले से ही 'विकास की चाबी, डिंपल भाभी' का नारा भी लगाते रहे हैं.

डिंपल यादव की महिलाओं में अच्छी खासी पकड़ भी है और वह लगातार महिलाओं के कार्यक्रमों में शिरकत करती रहती हैं. साथ ही महिला वेल्फेयर से जुड़े कार्यक्रमों पर भी फोकस करती हैं. खुद डिंपल यादव ही अखिलेश यादव के सोशल मीडिया कैंपेन की कमान संभाली हुई हैं. वह अखिलेश यादव की छवि को चमकाने के लिए कई सारे पेज खुद संचालित करती हैं.

महिलाओं में अच्छी खासी पकड़ रखती हैं डिंपल यादव

अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक दूसरे को पहले भी जमकर तारीफ भी कर चुके हैं. लखनऊ में राहुल गांधी अखिलेश यादव को अच्छा लड़का बता चुके हैं. वहीं अखिलेश भी राहुल गांधी को अच्छा लड़का व अच्छा इंसान बता चुके हैं. समाजवादी पार्टी में जिस तरह से पिता-पुत्र के बीच जारी विवाद का कोई हल निकलता हुआ नहीं दिख रहा था तब से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. 2012 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में 28 और समाजवादी पार्टी के खाते में 224 सीटें आयी थी. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या डिंपल और प्रियंका के साथ आने पर क्या यूपी में अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक मंच से प्रचार करेंगे? लेकिन एक बात तो लगभग तय है कि यदि कांग्रेस और अखिलेश गुट की समाजवादी पार्टी में गठबंधन हुआ तो एक साथ सब चुनाव प्रचार में वोट मांगते दिखेंगे.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों के लिए प्रियंका तुरुप का पत्ता हैं

उत्तर प्रदेश में चुनावों की शुरुआत 11 फरवरी को गाजियाबाद और नोएडा से होगी. चुनावों के नतीजे 11 मार्च को आएंगे.

फिलहाल कांग्रेस की तरफ से इस पर न तो कोई खुलकर बोल रहा है और न तो कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट ही आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो महिला वोटरों को लुभाने के लिए प्रियंका गांधी और डिंपल यादव भी साथ में वोट मांगने के लिए निकल सकती हैं. फिलहाल सबकी नजर समाजवादी परिवार के उठा पटक पर है, जहां रोज नए-नए सीन देखने को मिल रहे हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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