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सीएम नवीन पटनायक को टमाटर और अंडों से बचाने में क्यों जुटी रही पुलिस?

    • आईचौक
    • Updated: 14 अगस्त, 2016 05:49 PM
  • 14 अगस्त, 2016 05:49 PM
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क्या आपने कभी किसी सीएम को अंडों और टमाटर के हमलों से बचाने के लिए सुरक्षा चाक-चौबंद किए जाने की बात सुनी है? लेकिन ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को दी गई ऐसी सुरक्षा, जानिए क्यों?

वीआईपी लोगों की कड़ी सुरक्षा के बारे में तो आपने सुना ही होगा. वह भी सुरक्षा अगर किसी राज्य के मुख्यमंत्री की हो तो वह इतनी चाक-चौबंद होगी कि परिंदा भी पर न मार पाए. लेकिन क्या कभी आपने किसी मुख्यमंत्री को अंडों और टमाटरों से बचाने के लिए सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था के बारे में सुना है. नहीं ना, दरअसल ये मामला ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के 1 अगस्त को उत्कल यूनिवर्सिटी के दौरे के दौरान सामने आया, जब सीएम की सुरक्षा के लिए पुलिस ने उनके आवास से यूनिवर्सिटी तक के रास्ते को पूरी तरह सील कर दिया था और सभी दुकानों को बंद कर दिया गया था. चलिए आपको बताते हैं कि नवीन पटनायक को क्यों अंडों और टमाटरों से बचाने के लिए किए गए थे उपाय?

क्यों की गई नवीन पटनायक को अंडों, टमाटरों से बचाने की व्यवस्था?

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अगस्त को जब ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक उत्काल यूनिवर्सिटी में एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और दो हॉस्टल्स के उद्घाटन के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उनकी यात्रा से एक घंटे पहले ही उनके आवास से कार्यक्रम स्थल के पूरे रास्ते को सील कर दिया था.

लगभग 5 किलोमीटर के इस रास्ते में सड़क के दोनों ओर स्थित दुकानों को बंद करा दिया गया था. इतना ही नहीं इस रास्ते के कुछ हिस्सों को रस्सियों से घेरा गया था. इस सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए पुलिसवालों की 30 टुकड़ियां और 60 अधिकारियों को तैनात किया गया था. छात्र कांग्रेस और एबीवीपी के कई सदस्यों को कैंपस में घुसकर काले झंडे दिखाने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.

लेकिन सवाल ये कि क्या इतनी जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था किसी खतरे की आशंका को देखते हुए की गई थी या इसके लिए खुफिया सूत्रों से...

वीआईपी लोगों की कड़ी सुरक्षा के बारे में तो आपने सुना ही होगा. वह भी सुरक्षा अगर किसी राज्य के मुख्यमंत्री की हो तो वह इतनी चाक-चौबंद होगी कि परिंदा भी पर न मार पाए. लेकिन क्या कभी आपने किसी मुख्यमंत्री को अंडों और टमाटरों से बचाने के लिए सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था के बारे में सुना है. नहीं ना, दरअसल ये मामला ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के 1 अगस्त को उत्कल यूनिवर्सिटी के दौरे के दौरान सामने आया, जब सीएम की सुरक्षा के लिए पुलिस ने उनके आवास से यूनिवर्सिटी तक के रास्ते को पूरी तरह सील कर दिया था और सभी दुकानों को बंद कर दिया गया था. चलिए आपको बताते हैं कि नवीन पटनायक को क्यों अंडों और टमाटरों से बचाने के लिए किए गए थे उपाय?

क्यों की गई नवीन पटनायक को अंडों, टमाटरों से बचाने की व्यवस्था?

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अगस्त को जब ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक उत्काल यूनिवर्सिटी में एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और दो हॉस्टल्स के उद्घाटन के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उनकी यात्रा से एक घंटे पहले ही उनके आवास से कार्यक्रम स्थल के पूरे रास्ते को सील कर दिया था.

लगभग 5 किलोमीटर के इस रास्ते में सड़क के दोनों ओर स्थित दुकानों को बंद करा दिया गया था. इतना ही नहीं इस रास्ते के कुछ हिस्सों को रस्सियों से घेरा गया था. इस सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए पुलिसवालों की 30 टुकड़ियां और 60 अधिकारियों को तैनात किया गया था. छात्र कांग्रेस और एबीवीपी के कई सदस्यों को कैंपस में घुसकर काले झंडे दिखाने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.

लेकिन सवाल ये कि क्या इतनी जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था किसी खतरे की आशंका को देखते हुए की गई थी या इसके लिए खुफिया सूत्रों से कोई अलर्ट्स मिले थे. जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. भुवनेश्वर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस सत्यब्रत भोई ने स्वीकार किया कि सुरक्षा की इतनी चाक-चौबंद कोशिशें सीएम की जेड प्लस सिक्योरिटी की सुरक्षा का हिस्सा नही थीं. तो आखिर इसकी वजह क्या थी? दरसअल पुलिस को खुफिया रिपोर्ट्स मिली थीं कि पिछले साल की तरह इस बार भी गड़बड़ी की जा सकती है. इसलिए सुरक्षा बढ़ा दी गई.

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ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को अंडों और टमाटरों के हमलों से बचाने के लिए कई गई विशेष सुरक्षा

दरअसल ये सुरक्षा व्यवस्था सीएम पटनायक को अंडों और टमाटरों से बचाने के लिए की गई थी. पिछले साल फरवरी में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष सत्यजित पटनायक के नेतृत्व में छात्रों ने सीएम पटनायक की गाड़ी पर अंडे फेंके थे, तब पटनायक उत्कल यूनिवर्सिटी के सलाना उत्सव में भाग लेने के लिए जा रहे थे. भुवनेश्वर के डीसीपी खुफिया रिपोर्ट्स में जिस अशांति का बात कर रहे थे उसका संबंध पिछले वर्ष फरवरी में छात्रों द्वारा किए गए इसी विरोध प्रदर्शन से था.

लेकिन एक सीएम को अंडों और टमाटरों से बचाने के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल तो उठते ही हैं. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष प्रसाद हरिचरण कहते हैं, क्या आपने कभी लोगों को अंडें फेंके जाने पर मरते हुए देखा है? वह सीएम की उत्कल यूनिवर्सिटी की यात्रा के लिए कई गई इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व करार देते हैं और कहते हैं कि ऐसा वह सीएम कर रहा है जोकि बेहद लोकप्रिय होने का दावा करता है. जिस छात्र नेता सत्यजित पटनायक के नेतृत्व में पिछले वर्ष पटनायक की गाड़ी पर अंडे फेंके गए थे उसे बाद में गिरफ्तार करके 5 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया था.   

हाल के दिनों में ओडिशा के कई और मंत्री भी अंडों और टमाटरों की बौछार का शिकार हए हैं. इनमें कानून और पंचायती राज मंत्री अरुण साहू, कृषि मंत्री प्रदीप महारथी, खाद्य और उपभोक्ता कल्याण मंत्री संजय दसबर्मा, स्वास्थ्य मंत्री अतानु साब्यसाची नायक और स्कूल मास एजूकेशन मंत्री देबी प्रसाद मिश्रा शामिल हैं.

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पिछले वर्ष फरवरी में NSI के छात्रों ने पटनायक की कार पर अंडे फेंके थे

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पिछले साल फरवरी में हुई अंडे फेंकने की घटना के बाद हम कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते थे. इसलिए पुलिस ने सीएम की गाड़ी के गुजरने से पहले ही उस पूरे रास्ते में पड़ने वाली सब्जियों, अंडों, फलों और पानी की बोलतों को बेचने वाली दुकानों को बंद कर दिया था. पुलिस ने इस बात को माना कि अंडों से होने वाले हमले उनके लिए सिरदर्द बन गए थे. लेकिन पुलिस का कहना है कि वह इसे रोक सकती है और इसके लिए योजना बनाई जा रही है.

इसे देखते हुए सीएम के आवास की सुरक्षा भी बढ़ाई जा रही है. विपक्ष जहां सीएम की सुरक्षा के लिए अपनाए जा रहे अतिरिक्त कदमों की आलोचना कर रहा है. तो वहीं सत्तारूढ़ बीजू जनता दल का कहना है कि माओवाद प्रभावित ओडिशा जैसे राज्यों में सीएम की सुरक्षा के लिए ये जरूरी है. वजह जो भी हो लेकिन अंडों और टमाटरों से सीएम की सुरक्षा सुर्खियों में जरूर छा गई!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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