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पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली खान, जिसे पकड़ने के लिए अमेरिका करोड़ों रुपए खर्चने पर मजबूर है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 16 अक्टूबर, 2021 04:04 PM
  • 16 अक्टूबर, 2021 04:04 PM
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अमेरिका जैसा मुल्क अगर किसी पर करोड़ों का ईनाम रखे तो जाहिर है उसके कारनामे बड़े होंगे. तो आइए जानें कौन हैं पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली खान जिसने बाइडेन और अमेरिका दोनों की नाक में दम करके रख दिया है.

वो दौर याद कीजिये जब वर्ल्ड सुपर पावर अमेरिका की कमान डोनाल्ड ट्रंप के हाथों में थी. ट्रंप सत्ता में क्यों आए? यूं यो इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं लेकिन जो सबसे बड़ी वजह है, वो है अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी. ट्रंप अमेरिका के उन चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होंने न केवल सदैव ही अवैध घुसपैठियों और मानव तस्करों को अपने जूते की नोक पर रखा बल्कि इस मुद्दे को कैश करके सत्ता सुख भी भोगा.

आज अमेरिका की सत्ता ट्रंप नहीं बल्कि बाइडेन के पास है मगर 'मानव तस्करी' का मुद्दा जस का तस बना हुआ है और शायद ये मुद्दा ही वो वजह है जिसके चलते अमेरिका ने एक पाकिस्तानी पर इतना ईनाम रख दिया है जिसने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है. बात बीते दिनों की है. अमेरिका ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के मानव तस्कर आबिद अली खान और उसके तंत्र के बारे में जानकारी देने वाले को 20 लाख डॉलर देने का ऐलान किया है. मानव तस्करी के मद्देनजर अमेरिका द्वारा लिए गए इस फैसले ने एक नयी बहस का आगाज कर दिया है. 

आखिरी बार पाकिस्तानी पंजाब के नौशेरा में देखा गया था आबिद अली खान

ध्यान रहे कि हालिया दिनों में अमेरिका में मानव तस्करी की घटनाओं में खासा उछाल देखने को मिला है. मामला इस हद तक संवेदनशील है कि इसने अमेरिका के गृह विभाग की नीदें उड़ा दी हैं. जब मामलों की जांच हुई तो इसमें पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली खान का नाम निकल कर सामने आया. मानव तस्करी जैसे गंभीर मसले पर अपना पक्ष रखते हुए अमेरिका के गृह विभाग ने सफाई दी है.

अमेरिकी गृह विभाग की तरफ से कहा गया है कि आज अमेरिका में जिस तरह मानव तस्करी के मामले बढ़े हैं. उसकी एक प्रमुख वजह आबिद अली खान नाम का पाकिस्तानी शख्स है. जो तस्करी का नेटवर्क चलाता है और जिसके किये की भारी कीमत एक देश के रूप में अमेरिका...

वो दौर याद कीजिये जब वर्ल्ड सुपर पावर अमेरिका की कमान डोनाल्ड ट्रंप के हाथों में थी. ट्रंप सत्ता में क्यों आए? यूं यो इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं लेकिन जो सबसे बड़ी वजह है, वो है अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी. ट्रंप अमेरिका के उन चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होंने न केवल सदैव ही अवैध घुसपैठियों और मानव तस्करों को अपने जूते की नोक पर रखा बल्कि इस मुद्दे को कैश करके सत्ता सुख भी भोगा.

आज अमेरिका की सत्ता ट्रंप नहीं बल्कि बाइडेन के पास है मगर 'मानव तस्करी' का मुद्दा जस का तस बना हुआ है और शायद ये मुद्दा ही वो वजह है जिसके चलते अमेरिका ने एक पाकिस्तानी पर इतना ईनाम रख दिया है जिसने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है. बात बीते दिनों की है. अमेरिका ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के मानव तस्कर आबिद अली खान और उसके तंत्र के बारे में जानकारी देने वाले को 20 लाख डॉलर देने का ऐलान किया है. मानव तस्करी के मद्देनजर अमेरिका द्वारा लिए गए इस फैसले ने एक नयी बहस का आगाज कर दिया है. 

आखिरी बार पाकिस्तानी पंजाब के नौशेरा में देखा गया था आबिद अली खान

ध्यान रहे कि हालिया दिनों में अमेरिका में मानव तस्करी की घटनाओं में खासा उछाल देखने को मिला है. मामला इस हद तक संवेदनशील है कि इसने अमेरिका के गृह विभाग की नीदें उड़ा दी हैं. जब मामलों की जांच हुई तो इसमें पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली खान का नाम निकल कर सामने आया. मानव तस्करी जैसे गंभीर मसले पर अपना पक्ष रखते हुए अमेरिका के गृह विभाग ने सफाई दी है.

अमेरिकी गृह विभाग की तरफ से कहा गया है कि आज अमेरिका में जिस तरह मानव तस्करी के मामले बढ़े हैं. उसकी एक प्रमुख वजह आबिद अली खान नाम का पाकिस्तानी शख्स है. जो तस्करी का नेटवर्क चलाता है और जिसके किये की भारी कीमत एक देश के रूप में अमेरिका को चुकानी पड़ रही है.

आबिद के बारे में जो जानकारी हाथ लगी है. यदि उसपर यदि यकीन किया जाए तो आबिद बिना लीगल डॉक्यूमेंट वाले लोगों से पैसे लेता है और उन्हें मिडिल ईस्ट और साउथ वेस्ट एशिया के रास्ते से अमेरिका में दाखिल कराता है. अमेरिकी गृह विभाग ने कहा है कि अली खान ने न केवल अलग अलग देशों से लोगों की अमेरिका में इललीगल एंट्री कराई। बल्कि वो विदेशी नागरिकों को यात्रा के लिए फर्जी दस्तावेज भी मुहैया कराता है.

आबिद अली खान नाम के इस पाकिस्तानी शख्स ने किस हद तक सुपर पावर अमेरिका की नाक में दम कर रखा है? इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि 10 लाख डॉलर का पहला इनाम आबिद अली खान की गिरफ्तारी या उसके बारे में मजबूत सूचना देने के लिए निर्धारित किया गया है वहीं 10 लाख डॉलर का दूसरा इनाम अली खान के मानव तस्करी नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने वाली सूचना देने के लिए घोषित किया गया है.

गौरतलब है कि मामले में आबिद की गिरफ़्तारी के लिए जो पोस्टर अमेरिका के गृह विभाग द्वारा जारी किया गया है. यदि उसपर गौर किया जाए तो मिलता है कि आबिद अली खान को आखिरी बार पाकिस्तान के पंजाब स्थित नौशेरा में देखा गया है. उसके बाद आबिद कहां है ? किस हाल में है? क्या कर रहा है? उसकी आगे की प्लानिंग क्या है? इसकी किसी को कोई विशेष खबर नहीं है.

अमेरिका का शुमार दुनिया के उन चुनिंदा मुल्कों में है जो अपनी आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के लिए किसी और देश के मुकाबले ज्यादा गंभीर है. ऐसे में जब बात अमेरिका के सन्दर्भ में मानव तस्करी की हो तो हम इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से भी जोड़कर देख सकते हैं. हो सकता है कि कल फिर 9/11 की तर्ज पर अमेरिका में कोई हमला हो जाए और उसमें शामिल लोग वो  हों जिन्होंने आबिद अली खान जैसे लोगों की मदद से अमेरिका में एंट्री ली हो.

बहरहाल बात पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली खान के संदर्भ में हुई है तो हम बस ये कहकर अपने द्वारा कही गयी समस्त बातों को विराम देंगे कि चाहे वो अवैध घुसपैठिये हों या मानव तस्कर अमेरिका जानता है कि उसे ऐसे लोगों के साथ क्या सुलूक करना है. यूं तो तमाम बातों को लेकर अमेरिका की आलोचना संभव है लेकिन बात जब मुल्क की सुरक्षा की आती है तो अमेरिका ने आबिद अली खान के जरिये फिर बता दिया है कॉम्प्रोमाइज की उसे हरगिज भी आदत नहीं है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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