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Whatsapp: मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं रोकने में मददगार बनेंगी ये 3 शर्तें

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 21 अगस्त, 2018 04:49 PM
  • 21 अगस्त, 2018 04:49 PM
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एक अफवाह किसी मैसेज की शक्ल में Whatsapp के जरिए चंद मिनटों में वायरल हो जाती है और कई बार इसके चलते मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हो जाती हैं. इनसे कैसे निपटा जाए, इस पर बात करने के लिए ही ये मुलाकात हुई.

देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है whatsapp. अधिकतर मामलों में अफवाहों के फैलने का यही जरिया है. एक अफवाह किसी मैसेज की शक्ल में वाट्सऐप के जरिए चंद मिनटों में वायरल हो जाती है और कई बार इसके चलते मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हो जाती हैं. सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए वाट्सऐप को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद वाट्सऐप ने कई बदलाव तो किए, लेकिन वो सभी अफवाहों को फैलने से रोकने में नाकाफी साबित होते हुए दिखे. नतीजा ये हुआ कि इससे निपटने के लिए रविशंकर प्रसाद ने वाट्सऐप के सीईओ से मुलाकात की.

दिल्ली में क्रिस डेनियल्स और रविशंकर प्रसाद के बीच मुलाकात हुई.

रविशंकर प्रसाद ने पहले तो वाट्सऐप की शिक्षा, स्वास्थ्य, जागरुकता और केरल की बाढ़ में मदद के लिए तारीफ की और फिर अपनी शर्तें उनके सामने रखीं. दिल्ली में हुई इस मुलाकात में वाट्सऐप के सीईओ क्रिस डेनियल्स से मुख्य रूप से 3 मामलों पर बात की गई. इन पर चर्चा की वजह है आज के समय में लगातार बढ़ रही मोब लिंचिंग और रिवेंज पॉर्न की घटनाएं. आइए जानते हैं कौन सी 3 शर्तें रखी गईं वाट्सऐप के सीईओ के सामने-

1- भारत में वाट्सऐप का एक ग्रीव्यांस ऑफिसर हो, जिसके पास वाट्सऐप से जुड़ी शिकायतें की जा सकें. वाट्सऐप इसके लिए तैयार भी हो गया है.

2- वाट्सऐप को भारत के नियमों का पालन करने की शर्त भी वाट्सऐप के सीईओ के सामने रविशंकर प्रसाद ने रखी, जिस पर वाट्सऐप ने सहमति जताई है.

3- रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यूं तो वाट्सऐप एक ग्लोबल एंटिटी है, लेकिन भारत में भी उसकी एक कॉरपोरेट एंटिटी होना जरूरी है, ताकि उस पर कानून आसानी से लागू किए जा सकें. इस प्रस्ताव पर वाट्सऐप भी भारत में कॉरपोरेट एंटिटी लगाने का इच्छुक...

देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है whatsapp. अधिकतर मामलों में अफवाहों के फैलने का यही जरिया है. एक अफवाह किसी मैसेज की शक्ल में वाट्सऐप के जरिए चंद मिनटों में वायरल हो जाती है और कई बार इसके चलते मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं हो जाती हैं. सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए वाट्सऐप को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद वाट्सऐप ने कई बदलाव तो किए, लेकिन वो सभी अफवाहों को फैलने से रोकने में नाकाफी साबित होते हुए दिखे. नतीजा ये हुआ कि इससे निपटने के लिए रविशंकर प्रसाद ने वाट्सऐप के सीईओ से मुलाकात की.

दिल्ली में क्रिस डेनियल्स और रविशंकर प्रसाद के बीच मुलाकात हुई.

रविशंकर प्रसाद ने पहले तो वाट्सऐप की शिक्षा, स्वास्थ्य, जागरुकता और केरल की बाढ़ में मदद के लिए तारीफ की और फिर अपनी शर्तें उनके सामने रखीं. दिल्ली में हुई इस मुलाकात में वाट्सऐप के सीईओ क्रिस डेनियल्स से मुख्य रूप से 3 मामलों पर बात की गई. इन पर चर्चा की वजह है आज के समय में लगातार बढ़ रही मोब लिंचिंग और रिवेंज पॉर्न की घटनाएं. आइए जानते हैं कौन सी 3 शर्तें रखी गईं वाट्सऐप के सीईओ के सामने-

1- भारत में वाट्सऐप का एक ग्रीव्यांस ऑफिसर हो, जिसके पास वाट्सऐप से जुड़ी शिकायतें की जा सकें. वाट्सऐप इसके लिए तैयार भी हो गया है.

2- वाट्सऐप को भारत के नियमों का पालन करने की शर्त भी वाट्सऐप के सीईओ के सामने रविशंकर प्रसाद ने रखी, जिस पर वाट्सऐप ने सहमति जताई है.

3- रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यूं तो वाट्सऐप एक ग्लोबल एंटिटी है, लेकिन भारत में भी उसकी एक कॉरपोरेट एंटिटी होना जरूरी है, ताकि उस पर कानून आसानी से लागू किए जा सकें. इस प्रस्ताव पर वाट्सऐप भी भारत में कॉरपोरेट एंटिटी लगाने का इच्छुक दिखा.

वाट्सऐप फेल क्यों हो रहा है?

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब फेसबुक और वाट्सऐप जैसी कंपनियां यूजर्स के डेटा की मॉनिटरिंग कमर्शियल काम के लिए कर सकते हैं तो फेक न्यूज को क्यों नहीं रोक सकते? दरअसल, ये बात इसलिए उठी क्योंकि अभी तक अफवाहों की वजह से घटना होने के बाद पता चलता है, लेकिन कोशिश की जा रही है कि घटना होने से पहले ही उसे रोका जा सके. इसके लिए वाट्सऐप से कहा गया है कि इसका कोई तकनीकी रास्ता निकाले. वाट्सऐप को चेतावनी भी दी गई है कि अगर इस तरह की घटनाएं होती रहीं तो उस पर लोगों को उकसाने का केस भी दर्ज किया जा सकता है, क्योंकि वाट्सऐप के मैसेज से ही लोग गुस्से में आते हैं.

वाट्सऐप पर जिन मैसेज का आदान-प्रदान होता है, वह सभी एनक्रिप्टेड होते हैं. यानी कि आप जो मैसेज लिखकर अपने किसी दोस्त को भेजते हैं, उसे सिर्फ आपका दोस्त ही देख सकता है. यहां तक कि वाट्सऐप खुद भी उन्हें नहीं पढ़ सकता. अब अगर वाट्सऐप निगरानी करना शुरू करेगा तो उसे इनक्रिप्शन खत्म करना होगा और लोगों के मैसेज की मॉनिटरिंग करनी होगी. ऐसी स्थिति में लोगों की निजता खतरे में पड़ेगी और लोग वाट्सऐप का इस्तेमाल छोड़ भी सकते हैं. यही वजह है कि वाट्सऐप आसानी से ऐसा नहीं कर पा रहा है. जल्द ही इसके लिए कोई तकनीकी समाधान निकाला जाएगा.

रविशंकर प्रसाद ने वाट्सऐप के सामने ये शर्त भी रखी है कि 'वाट्सऐप पे' के सर्वर की लोकेशन भारत में ही हो. इस सुविधा का लोग काफी समय से इंतजार कर रहे हैं और इसके शुरू होने पर यकीनन लोग इसे इस्तेमाल भी खूब करेंगे. इस समय वाट्सऐप के प्लेटफॉर्म पर करीब 20 करोड़ सब्सक्राइबर हैं. अभी तक वाट्सऐप का इस्तेमाल लोग मुफ्त में ही कर रहे हैं. कुछ समय पहले ही वाट्सऐप ने कुछ कंपनियों के लिए बिजनेस मॉडल शुरू किया है. जल्द ही वाट्सऐप अपने ऐप के जरिए भुगतान की सुविधा भी लाने वाला है. ऐसे में वाट्सऐप अपने हाथ से भारत जैसे बाजार को जाने नहीं देना चाहता है क्योंकि यहां से उसे बहुत फायदा होने वाला है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि वाट्सऐप सभी शर्तों को आसानी से मांग लेगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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