केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ममता बनर्जी की नफ़रत किसी से छुपी नहीं है. जैसे ही मौका मिलता है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके दल भाजपा की आलोचना में जुट जाती हैं. एक बार फिर ममता बनर्जी का मोदी विरोध सुर्ख़ियों में है. कारण है जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों द्वारा की गई 5 मजदूरों की हत्या. मामले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और देश के प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लिया है. ममता ने कहा कि मैं स्थानीय और प्रवासी लोगों में कोई भेद नहीं करना चाहती हूं, क्योंकि सभी इंसान हैं. सभी राज्य में दूसरे राज्य के लोग रहते हैं. बंगाल के मजदूरों पर हमला पूरे प्लानिंग के साथ किया गया है. वह वापस आने वाले थे, लेकिन तभी उनका अपहरण कर लिया गया और हत्या कर दी गई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कश्मीर में बंगाल के मजदूरों की हत्या की जांच की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. ममता ने पूछा है कि जब जम्मू कश्मीर का पूरा प्रशासन केंद्र सरकार के अधीन आता है. सभी सतर्कता के बावजूद ऐसे हादसे कैसे हुए.
ममता बनर्जी को सवालों का जवाब जनता ने दिया है और उन्हीं की भाषा में दिया है
ध्यान रहे कि हालिया दिनों में कश्मीर में हिंसा की वारदातें एक बार फिर तेज हुई हैं. आतंकवादियों द्वारा गैर कश्मीरी नागरिकों को निशाने पर लिया जा रहा है. ज्ञात हो की कश्मीर में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के 5 मजदूरों की हत्या उस वक़्त हुई है जब यूरोपियन यूनियन का डेलिगेशन घाटी का मुआएना करने कश्मीर आया था. मजदूरों की मौत पर अपना पक्ष रखते हुए ममता ने ये भी स्वीकार किया है कि एक प्लान के तहत इन 5 मजदूरों की हत्या की गई है.
जिस तरह की बातें कर ममता ने अपनी राजनीति चमकाने का काम किया है. यदि उसका अवलोकन किया जाए तो मिलता है साफ़ तौर पर ममता इन मौतों के लिए देश के प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. ममता की बातों से ये भी स्पष्ट हो रहा है कि जब बात मोदी विरोध या भाजपा की आएगी तो उन्हें किसी भी सीमा तक जाने में कोई गुरेज नहीं है.
बाकी इतने बड़े मसले पर ममता बनर्जी ने देश की सरकार और प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है. इसलिए मामले पर प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक था. सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम यूजर हैं जिन्होंने ममता बनर्जी के इस बयान की तीखी आलोचना की है और कहा है कि सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ बात करके ममता ने देश और लोकतंत्र दोनों को शर्मिंदा किया है.
ट्विटर पर @kunal_rajchitte नाम के यूजर ममता के इन आरोपों से बहुत आहात हैं. कुनाल ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कश्मीर में बंगाल के मजदूरों की हत्या पर ममता सरकार के खिलाफ तो लगातार बोल रही हैं मगर उनके मुंह से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए एक भी शब्द न निकला जो इस वारदात का जिम्मेदार है.
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए SushilSancheti9 नाम के यूजर ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री कभी भी कश्मीर में जिहादियों द्वारा की गई मजदूरों की हत्या की निंदा नहीं करेंगी बल्कि उन्होंने एक ऐसा नैरेटिव तैयार कर लिया है जिसके अनुसार इन हत्याओं के पीछे भारतीय सेना का हाथ है.
वहीं IamaroonShah नाम के यूजर ने ममता के तर्कों का सहारा लेते हुए जो तर्क पेश किये हैं वो अवश्य ही ममता बनर्जी के मुंह पर ताला जड़ देंगे. अरुण नाम के इस यूजर ने कहा है कि यदि ममता के तर्कों को सही माना जाए तो बंगाल में जो 85 भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई उसकी जिम्मेदार राज्य की मुख्यमंत्री हैं.
मामले को लेकर ऐसे भी तमाम लोग है जो ममता को सही ठहरा रहे हैं. @paperman1898 नाम के यूजर ने बंगाली मजदूरों के हत्याकांड पर रियेक्ट करते हुए कहा है कि यह एक संपार्श्विक क्षति है और ऐसे मामले आगे भी होते रहेंगे.
वहीं तमाम यूजर्स ऐसे भी थे जिन्होंने ममता के इस बयान को पश्चिम बंगाल के आने वाले चुनावों से भी जोड़ दिया है. यूजर्स का तर्क है कि ममता केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को इसलिए आड़े हाथों ले रही हैं ताकि वो आने वाले चुनावों में अपनी छवि सुधार सकें.
मामले को लेकर ममता जो भी कहें मगर लोगों की प्रतिक्रियाओं को देखकर ये साफ़ हो जाता है कि 5 बेगुनाह मजदूरों की मौत पर उनका आरोप प्रत्यारोप का ये खेल देश की जनता को समझ में नहीं आया है. जनता जानती है कि आने वाले दिनों में बंगाल में चुनाव है और अब जो भी कार्ड ममता खेल रही हैं वो दोबारा चुनाव जीतने और सत्ता की मलाई खाने के लिए है.
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