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मुंह छुपाकर तो 'नोटबंदी' का नुकसान कर दिया उर्जित पटेल ने

    • गोपी मनियार
    • Updated: 11 जनवरी, 2017 07:14 PM
  • 11 जनवरी, 2017 07:14 PM
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RBI के गर्वनर बनने के बाद पहली बार गुजरात आए उर्जित पटेल को नोटबंदी पर जवाब से बचने के लिये पिछले दरवाजे से भागना पड़ा.

आरबीआई के गर्वनर बनने के बाद पिछले 2 महीने से उर्जित पटेल नोटबंदी को लेकर लगातार चर्चा में बने हुऐ हैं. इसी बीच आज पहली बार उर्जित पटेल देश और विदेश के बड़े व्यापारी और इन्वेस्टर्स के बीच वाईब्रेंट गुजरात 2017 में इंटरनेशनल फाईनेंस सर्विस सेन्टर के सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. हालांकि उर्जित पटेल से यहां मौजूद देश के व्यापारियों को काफी उम्मीद थी कि उर्जित पटेल नोटबंदी को लेकर कुछ जरुर कहेंगे. लेकिन उर्जित पटेल का ये पूरा सेशन यहां मौजुद लोगों के लिए काफी मायूसी भरा रहा. इतना ही नहीं, उर्जित पटेल इस पूरे सेमिनार के दौरान मीडिया से नजर बचाते नजर आए और जब कार्यक्रम खत्म हुआ तो मीडिया से बचते बचाते हुऐ पिछले दरवाजे से सरपट निकल भी गए.

ये भी पढ़ें- जानिए आरबीआई के नए गवर्नर उर्जित पटेल के बारे में ये 10 तथ्य

 नोटबंदी पर एक शब्द नहीं बोले उर्जित पटेल

मैं एक मिडिया कर्मी के तौर पर नहीं बल्कि इस देश कि एक आम नागरिक के तौर पर उम्मीद कर रही थी कि मोदी सरकार ने जिस तरह 8 नवम्बर को अचानक 500 और 1000 के नोट को रद्द करते हुऐ नोटबंदी पर अपना फैसला सुना दिया था, उस पर उर्जित पटेल कुछ तो कहेंगे. लेकिन उर्जित पटेल ने इस सेमिनार में जो एक महत्वपूर्ण बात कही वो यही थी कि हम इन्फेलेशन टारगेट को 4% करने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही उर्जित पटेल ने ये भी कहा कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा G20 देशो में सब से ज्यादा है.

आरबीआई के गर्वनर बनने के बाद पिछले 2 महीने से उर्जित पटेल नोटबंदी को लेकर लगातार चर्चा में बने हुऐ हैं. इसी बीच आज पहली बार उर्जित पटेल देश और विदेश के बड़े व्यापारी और इन्वेस्टर्स के बीच वाईब्रेंट गुजरात 2017 में इंटरनेशनल फाईनेंस सर्विस सेन्टर के सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. हालांकि उर्जित पटेल से यहां मौजूद देश के व्यापारियों को काफी उम्मीद थी कि उर्जित पटेल नोटबंदी को लेकर कुछ जरुर कहेंगे. लेकिन उर्जित पटेल का ये पूरा सेशन यहां मौजुद लोगों के लिए काफी मायूसी भरा रहा. इतना ही नहीं, उर्जित पटेल इस पूरे सेमिनार के दौरान मीडिया से नजर बचाते नजर आए और जब कार्यक्रम खत्म हुआ तो मीडिया से बचते बचाते हुऐ पिछले दरवाजे से सरपट निकल भी गए.

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 नोटबंदी पर एक शब्द नहीं बोले उर्जित पटेल

मैं एक मिडिया कर्मी के तौर पर नहीं बल्कि इस देश कि एक आम नागरिक के तौर पर उम्मीद कर रही थी कि मोदी सरकार ने जिस तरह 8 नवम्बर को अचानक 500 और 1000 के नोट को रद्द करते हुऐ नोटबंदी पर अपना फैसला सुना दिया था, उस पर उर्जित पटेल कुछ तो कहेंगे. लेकिन उर्जित पटेल ने इस सेमिनार में जो एक महत्वपूर्ण बात कही वो यही थी कि हम इन्फेलेशन टारगेट को 4% करने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही उर्जित पटेल ने ये भी कहा कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा G20 देशो में सब से ज्यादा है.

उर्जित पटेल पर आज कांग्रेस के पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदम्बरम ने भी जमकर हमला बोला था. चिदम्बरम ने तो साफ तौर पर कह दिया कि आरबीआई के पास 10 में से सिर्फ 2 स्वतंत्र निदेशक थे, ऐसे में आरबीआई ने नोटबंदी का इतना बड़ा फैसला एक दिन में कैसे ले लिया. विपक्ष बार-बार नोटबंदी में आरबीआई की भूमिका पर सवाल खड़े करती है, ऐसे में अगर आज वाईब्रेंट गुजरात के मंच से उर्जित पटेल ने भले ही बड़े-बड़े खुलासे न किए होते लेकिन अगर नोटबंदी को लेकर आम आदमी को स्पर्श करती बातें कहीं होतीं तो अच्छा था, क्योंकि लोग उसी को सुनना चाहते थे.

ये भी पढ़ें- गुजरातियों का ये नोट कनेक्शन...

पूरे देश और दुनिया की निगाहें जहां वाईब्रेंट गुजरात पर टिकी हुई हैं, वहीं वाईब्रेंट गुजरात में हिस्सा लेने देश और विदेश के 60 से ज्यादा ग्लोबल सीईओ ने प्रधानमंत्री के साथ शिरकत की थी, उसी मंच से आरबीआई के गवर्नर के तौर पर अगर कोई संदेश होता तो देश की जनता के लिये एक सकारात्मक पहल मानी जाती, लेकिन वो नोटबंदी पर कुछ नहीं बोले. मंच से अपने 7 से 8 मिनट की छोटी सी स्पीच देने वाले उर्जीत पटेल पर सवाल उठना तो लाजमी था, क्योंकि नोटबंदी देश के 125 करोड की जनता को छूता हुआ ऐसा सवाल है जिसपर हर कोई जवाब मांग रहा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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