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VIP मानसिकता है कि जाती नहीं!

    • बिजय कुमार
    • Updated: 22 जून, 2019 06:57 PM
  • 22 जून, 2019 06:57 PM
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मंत्री लक्ष्मी नारायण के वायरल हो रहे वीडियो को देख कर तो यही कहा जा सकता है कि जो आदमी खुद के फीते नहीं बांध सकता वो योग के आसान कैसे करता होगा और अगर योगासन कर लेता है तो खुद के फीते भी बांध सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही वीवीआईपी कल्चर खत्म करने की बात कई मौकों पर कह चुके हों, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके मंत्री और नेता खुद ही इसे नहीं भूल पा रहे. पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान यूपी सरकार में मंत्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक सरकारी कर्मचारी उन्हें जूते पहना रहा है. यह घटना यूपी के शाहजहांपुर की है जहां योग कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद योगी के मंत्री लक्ष्मी नारायण को एक सरकारी कर्मचारी जूते पहनाने लगा. जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ इसकी निंदा होने लगी लेकिन इसके बचाव में मंत्री ने एक बेतुका बयान दिया और कहीं ना कहीं खुद की की तुलना भगवान राम से भी कर दी.

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रभारी मंत्रियों को अलग-अलग जिलों में रहने का निर्देश दिया था. इसी के तहत शाहजहांपुर में आयोजित योग दिवस के कार्यक्रम में योगी सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण भी शामिल हुए थे. इस बारे में पूछे जाने पर लक्ष्मी नारायण ने कहा कि "अगर कोई भैया, भतीजा या परिवार का व्यक्ति हमें जूता पहना दे, तो ये वो हमारा देश है जहां भगवान राम के खड़ऊ रख के भारत जी ने 14 साल राज किया था, आपको तो इस बात की तारीफ करनी चाहिये."

मंत्री लक्ष्मी नारायण के वायरल हो रहे वीडियो को देख कर तो यही कहा जा सकता है कि जो आदमी खुद के फीते नहीं बांध सकता वो योग के आसान कैसे करता होगा और अगर योगासन कर लेता है तो खुद के फीते भी बांध सकता है. साथ ही अगर कोई जबरदस्ती फीते बांधने लगे तो उसे आगे बढ़कर और झुककर रोका भी जा सकता है.

ऐसा नहीं हैं कि इस तरह कि घटना कोई पहली बार देखने को मिली हो इससे पहले भी...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही वीवीआईपी कल्चर खत्म करने की बात कई मौकों पर कह चुके हों, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके मंत्री और नेता खुद ही इसे नहीं भूल पा रहे. पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान यूपी सरकार में मंत्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक सरकारी कर्मचारी उन्हें जूते पहना रहा है. यह घटना यूपी के शाहजहांपुर की है जहां योग कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद योगी के मंत्री लक्ष्मी नारायण को एक सरकारी कर्मचारी जूते पहनाने लगा. जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ इसकी निंदा होने लगी लेकिन इसके बचाव में मंत्री ने एक बेतुका बयान दिया और कहीं ना कहीं खुद की की तुलना भगवान राम से भी कर दी.

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रभारी मंत्रियों को अलग-अलग जिलों में रहने का निर्देश दिया था. इसी के तहत शाहजहांपुर में आयोजित योग दिवस के कार्यक्रम में योगी सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण भी शामिल हुए थे. इस बारे में पूछे जाने पर लक्ष्मी नारायण ने कहा कि "अगर कोई भैया, भतीजा या परिवार का व्यक्ति हमें जूता पहना दे, तो ये वो हमारा देश है जहां भगवान राम के खड़ऊ रख के भारत जी ने 14 साल राज किया था, आपको तो इस बात की तारीफ करनी चाहिये."

मंत्री लक्ष्मी नारायण के वायरल हो रहे वीडियो को देख कर तो यही कहा जा सकता है कि जो आदमी खुद के फीते नहीं बांध सकता वो योग के आसान कैसे करता होगा और अगर योगासन कर लेता है तो खुद के फीते भी बांध सकता है. साथ ही अगर कोई जबरदस्ती फीते बांधने लगे तो उसे आगे बढ़कर और झुककर रोका भी जा सकता है.

ऐसा नहीं हैं कि इस तरह कि घटना कोई पहली बार देखने को मिली हो इससे पहले भी कई मौकों पर नेताओं द्वारा अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचते देखा गया है और इसमें हर दल के नेता शामिल हैं. लेकिन बात बीजेपी की करें तो लगता है कि जूता कांड इसका पीछा नहीं छोड़ने वाला. हमने देखा था कि कैसे लोकसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर के बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल के पार्टी विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच एक बैठक के दौरान विकास कार्यों के शिलापट्ट पर नाम लिखने की बात पर नोकझोक हो गयी थी. जिसके बाद दोनों इस कदर आगबबूला हुए कि एक-दूसरे पर टूट पड़े और उस दौरान सांसद ने विधायक को कई जूते मारे तो वहीं विधायक ने भी सांसद को तमाचे जड़ दिए. इस घटना का वीडियो विदेशों तक में वायरल हुआ और बीजेपी की बहुत किरकिरी हुई थी.   

उसके बाद प्रदेश की पीलीभित लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार वरुण गांधी ने अपनी मां मेनका गांधी के लिए सुल्तानपुर सीट के लिए चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा कुछ कहा जो किसी राजनेता को शोभा नहीं देता. उन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वरुण गांधी सुल्तानपुर में गठबंधन के उम्मीदवार चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू पर हमला करते नजर आ रहे हैं. इसमें वह कह रहे हैं कि "आपको किसी मोनू-टोनू से डरने की जरूरत नहीं है. मैं संजय गांधी का लड़का हूं और इन जैसों से जूते के फीते खुलवाता हूं."

कह सकते हैं कि ऐसे दौर में जब प्रधानमंत्री खुद को प्रधानसेवक बताते हैं और जनता भी उनमें भरोसा दिखाती है तब ऐसी खबरें का आना बेहद निराशाजनक है खासकर सत्ताधारी दल की ओर से. लोगों के भरोसे को जीतने और समाज में अच्छा सन्देश देने के लिए सभी राजनेताओं को ऐसा कुछ भी करने से बचना चाहिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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