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हिजाब पर ओपिनियन देने वाले योगी आदित्यनाथ के दिमाग में कुछ बड़ा तो नहीं चल रहा है?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 19 फरवरी, 2022 07:46 PM
  • 19 फरवरी, 2022 07:46 PM
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कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि, 'हर व्यक्ति जो चाहे वह पहनने के लिए स्वतंत्र है. लेकिन वह स्वतंत्रता सार्वजनिक स्थानों, बाजारों और घरों तक सीमित है. मैं अपने अधिकारीयों पर ड्रेस कोड लागू नहीं करता हूं. ऐन यूपी चुनावों के वक़्त योगी आदित्यनाथ के इस बयान के मायने बड़े गहरे हैं और इसके पीछे वजह भी है.

Yogi Adityanath On Hijab Row In Karnataka:  रहा होगा अपने शुरुआत में एक सामाजिक मुद्दा. लेकिन कोर्ट की क्षरण मे जाने के बाद जैसे हालात हैं, कर्नाटक में जारी हिजाब कंट्रोवर्सी अब एक पूर्णतः राजनीतिक मुद्दा बन गया. मुद्दा भी ऐसा जो पांच राज्यों में चुनाव होने के चलते केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है. चाहे वो दिल्ली, मुंबई और लखनऊ हों. या फिर अलीगढ़, सहारनपुर, हैदराबाद. हिजाब पर जारी बहस हर उस शहर को प्रभावित कर रही है जहां मुस्लिम समुदाय की ठीक ठाक उपस्थिति है. धरने हो रहे हैं. प्रदर्षन हो रहे हैं. संविधान का हवाला दिया जा रहा है. सरकारी साजिश के तहत आधिकारों के हनन की बात हो रही है. क्योंकि हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी कर्नाटक के सरकारी स्कूल से निकल कर सियासी गलियारों में दस्तक दे चुकी है. मामले पर प्रतिक्रियाओं, तर्कों का दौर शुरू हो गया है. हिजाब को लेकर हिजाब समर्थकों के तर्क अलग हैं. वहीं जो लोग इसके विरोध में है उनका रवैया तो हम देख ही रहे हैं. जैसा कि हम बता चुके हैं मामला राजनीतिक हो गया है और साथ ही रिएक्शंस की भी शुरूआत हो गई है. तो हिजाब को लेकर ऐसा ही एक बड़ा रिएक्शन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया है.

ऐन यूपी चुनावों के वक़्त उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने हिजाब को लेकर बयान यूं ही नहीं दिया है

हिजाब को लेकर भले ही योगी ने अपनी बातें कह दी हों लेकिन मामले पर बोलते हुए जैसा लहजा उनका है. बड़ा सवाल ये है कि हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी के तहत कहीं उनके दिमाग में कुछ बड़ा तो नहीं चल रहा?

ध्यान रहे यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव हैं. मुख्य लड़ाई भले ही समाजवादी पार्टी बनाम भारतीय जनता पार्टी मानी जा रही हो. लेकिन अब तक हुए चरणों के बाद जिस तरह के अनुमान लग रहे हैं माना यही जा रहा है कि भाजपा फिर कमबैक...

Yogi Adityanath On Hijab Row In Karnataka:  रहा होगा अपने शुरुआत में एक सामाजिक मुद्दा. लेकिन कोर्ट की क्षरण मे जाने के बाद जैसे हालात हैं, कर्नाटक में जारी हिजाब कंट्रोवर्सी अब एक पूर्णतः राजनीतिक मुद्दा बन गया. मुद्दा भी ऐसा जो पांच राज्यों में चुनाव होने के चलते केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है. चाहे वो दिल्ली, मुंबई और लखनऊ हों. या फिर अलीगढ़, सहारनपुर, हैदराबाद. हिजाब पर जारी बहस हर उस शहर को प्रभावित कर रही है जहां मुस्लिम समुदाय की ठीक ठाक उपस्थिति है. धरने हो रहे हैं. प्रदर्षन हो रहे हैं. संविधान का हवाला दिया जा रहा है. सरकारी साजिश के तहत आधिकारों के हनन की बात हो रही है. क्योंकि हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी कर्नाटक के सरकारी स्कूल से निकल कर सियासी गलियारों में दस्तक दे चुकी है. मामले पर प्रतिक्रियाओं, तर्कों का दौर शुरू हो गया है. हिजाब को लेकर हिजाब समर्थकों के तर्क अलग हैं. वहीं जो लोग इसके विरोध में है उनका रवैया तो हम देख ही रहे हैं. जैसा कि हम बता चुके हैं मामला राजनीतिक हो गया है और साथ ही रिएक्शंस की भी शुरूआत हो गई है. तो हिजाब को लेकर ऐसा ही एक बड़ा रिएक्शन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया है.

ऐन यूपी चुनावों के वक़्त उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने हिजाब को लेकर बयान यूं ही नहीं दिया है

हिजाब को लेकर भले ही योगी ने अपनी बातें कह दी हों लेकिन मामले पर बोलते हुए जैसा लहजा उनका है. बड़ा सवाल ये है कि हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी के तहत कहीं उनके दिमाग में कुछ बड़ा तो नहीं चल रहा?

ध्यान रहे यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव हैं. मुख्य लड़ाई भले ही समाजवादी पार्टी बनाम भारतीय जनता पार्टी मानी जा रही हो. लेकिन अब तक हुए चरणों के बाद जिस तरह के अनुमान लग रहे हैं माना यही जा रहा है कि भाजपा फिर कमबैक करेगी और सूबे के मुखिया की जिम्मेदारी पुनः योगी आदित्यनाथ संभालेंगे.

यूपी में दो चरणों का मतदान हो चुका है. वहीं पांच चरणों का मतदान बाकी है. ऐसे में हिजाब को लेकर योगी आदित्यनाथ के बयान ये न केवल कुछ नई बातों को सिरा दिया है बल्कि ये भी बताया है कि कुछ तो है जो हिजाब के तहत योगी आदित्यनाथ के दिमाग में जन्म ले चुका है. 

चुनाव प्रचार के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झांसी थे जहां हिजाब पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अपने अधिकारियों पर सिर्फ इसलिए ड्रेस कोड नहीं थोपते क्योंकि उन्हें एक खास तरह की पोशाक (भगवा) पहनना पसंद है.

इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए यूपी के सीएम ने कहा कि, 'हर व्यक्ति जो चाहे वह पहनने के लिए स्वतंत्र है. लेकिन वह स्वतंत्रता सार्वजनिक स्थानों, बाजारों और घरों तक सीमित है. लेकिन मैं किसी पर ड्रेस कोड नहीं लगाता. मैं वैसा नहीं कर सकता.

बताते चलें कि ये तमाम बातें योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी घमासान को ध्यान में रखकर की हैं. कर्नाटक मामले में दिलचस्प ये कि राज्य में मुस्लिम लड़कियां  संविधान और मूलभूत संवैधानिक अधिकारों का हवाला देकर हिजाब पहनने की अनुमति की मांग कर रही हैं.

अपनी बात को वजह देने के लिए योगी ने एक बड़ा ही अनूठा उदाहरण भी दिया. योगी ने कहा कि  हर संस्था को समान नियमों का पालन करना चाहिए. अगर कोई पुलिसकर्मी कहता है कि वह एक विशेष धर्म से है और वह उसके अनुसार तैयार होगा, तो संस्था अराजकता की भेंट चढ़ जाएगी.

मौके पर योगी ने तमाम बातें कहीं हैं और माना है कि कोई भी बच्ची अपनी मर्जी से हिजाब नहीं पहनती है. वह बोले कि क्या तीन तलाक को महिलाएं मर्जी से मान लेती हैं? उन बेटियों-बहनों से पूछेंगे तो पता चलेगा. मैंने उनकी आंखों के आंसू देखे हैं.

गौरतलब है कि इस चुनावी रण में योगी आदित्यनाथ अभी बीते दिनों उस वक़्त सुर्ख़ियों में आए थे जब उन्होंने गजवा-ए-हिंद की बात करते हुए ये तक कह दिया था कि नए भारत में विकास सबका होगा लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं. सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है. नया भारत संविधान के अनुरूप चलेगा, शरीयत के अनुरूप नहीं. मैं स्पष्टता से कह सकता हूं कि गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत के दिन तक भी साकार नहीं होगा.

बहरहाल यदि हिजाब को लेकर विवाद बढ़ता है और यूपी की सत्ता भाजपा के हाथ में आती है और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो इतना तो तय है कि योगी यूपी को जलने नहीं देंगे और क्रिया की प्रतिक्रिया के तहत एक ऐसा जवाब देंगे जो माहौल ख़राब करने के उद्देश्य से ईंट चलाने वालों के लिए पथ्थर से कम किसी भी सूरत में न होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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