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बीजेपी ने अयोध्या में एक ज्‍वालामुखी फटने से रोक दिया !

    • अशोक सिंघल
    • Updated: 20 अप्रिल, 2017 07:54 PM
  • 20 अप्रिल, 2017 07:54 PM
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बाबरी मस्जिद विध्‍वंस केस में सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का हरी झंडी दी, उमा भारती अपने पुराने तेवर में आ गई थीं. जानिए, बीजेपी ने उन्‍हें क्‍यों रोका ?

केंद्रीय मंत्री उमा भारती एक ही पल में राम मंदिर आंदोलन वाले अपने पुराने दिन याद आ गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही आदेश दिया कि बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर आपराधिक साजिश का केस आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत उस समय के सभी बड़े बीजेपी नेताओं पर चलेगा. फिर क्‍या था, उमा भारती ने अयोध्या जाने की पूरी तैयारी कर ली. बुधवार शाम 7:00 बजे की कैफियत एक्सप्रेस से अयोध्या जाने वाली थीं. टिकट भी बुक हो गई थी. वे इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान कर रही थीं, तभी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का मैसेज आ गया. उसके बाद उमा भारती अपने घर के ठीक सामने 11 अकबर रोड पर अमित शाह से खुद मिलने पहुंचीं.

खबर आई कि उमा भारती को पार्टी ने इस वक्‍त अयोध्या ना जाने के लिए कहा है. पार्टी आलाकमान को लगता है कि अयोध्या जाने का यह वक्त सही नहीं है. क्योंकि उमा भारती के आयोध्या जाने से यूपी में मंदिर को लेकर अलग माहौल बनेगा और बाकी जगह पर अलग माहौल बनेगा. फिजूल ध्रुवीकरण होने लगेगा, जबकि उसकी जरूरत है नहीं. योगी सरकार को बने हुए अभी एक महीना हुआ है. योगी सरकार मोदी के विकास एजेंडे पर काम कर रही है. ऐसे में उमा भारती का आयोध्या जाना कहीं पूरे एजेंडे को ही हाईजैक ना कर ले. और उमा भारती के अयोध्या जाने से योगी के लिए भी परेशानियां न खड़ी हो जाएं. इसलिए पार्टी आलाकमान ने उमा भारती को फिलहाल तो अयोध्या जाने से रोक दिया है. उनको मना लिया कि वह अयोध्या ना जाए. लेकिन उमा भारती अयोध्या जरूर जाएंगी.

उमा भारती बार-बार यह भी कहती रही हैं कि राम का मंदिर उनकी आस्था का विषय है और वह आंदोलन का हिस्सा रही हैं. राम मंदिर के लिए जान भी देने को तैयार हैं. मगर पार्टी आलाकमान को यह समय उमा भारती का अयोध्या जाने का ठीक नहीं लगा. इसलिए पार्टी आलाकमान ने उनको अयोध्या ना जाने के लिए फिलहाल तो मना...

केंद्रीय मंत्री उमा भारती एक ही पल में राम मंदिर आंदोलन वाले अपने पुराने दिन याद आ गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही आदेश दिया कि बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर आपराधिक साजिश का केस आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत उस समय के सभी बड़े बीजेपी नेताओं पर चलेगा. फिर क्‍या था, उमा भारती ने अयोध्या जाने की पूरी तैयारी कर ली. बुधवार शाम 7:00 बजे की कैफियत एक्सप्रेस से अयोध्या जाने वाली थीं. टिकट भी बुक हो गई थी. वे इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान कर रही थीं, तभी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का मैसेज आ गया. उसके बाद उमा भारती अपने घर के ठीक सामने 11 अकबर रोड पर अमित शाह से खुद मिलने पहुंचीं.

खबर आई कि उमा भारती को पार्टी ने इस वक्‍त अयोध्या ना जाने के लिए कहा है. पार्टी आलाकमान को लगता है कि अयोध्या जाने का यह वक्त सही नहीं है. क्योंकि उमा भारती के आयोध्या जाने से यूपी में मंदिर को लेकर अलग माहौल बनेगा और बाकी जगह पर अलग माहौल बनेगा. फिजूल ध्रुवीकरण होने लगेगा, जबकि उसकी जरूरत है नहीं. योगी सरकार को बने हुए अभी एक महीना हुआ है. योगी सरकार मोदी के विकास एजेंडे पर काम कर रही है. ऐसे में उमा भारती का आयोध्या जाना कहीं पूरे एजेंडे को ही हाईजैक ना कर ले. और उमा भारती के अयोध्या जाने से योगी के लिए भी परेशानियां न खड़ी हो जाएं. इसलिए पार्टी आलाकमान ने उमा भारती को फिलहाल तो अयोध्या जाने से रोक दिया है. उनको मना लिया कि वह अयोध्या ना जाए. लेकिन उमा भारती अयोध्या जरूर जाएंगी.

उमा भारती बार-बार यह भी कहती रही हैं कि राम का मंदिर उनकी आस्था का विषय है और वह आंदोलन का हिस्सा रही हैं. राम मंदिर के लिए जान भी देने को तैयार हैं. मगर पार्टी आलाकमान को यह समय उमा भारती का अयोध्या जाने का ठीक नहीं लगा. इसलिए पार्टी आलाकमान ने उनको अयोध्या ना जाने के लिए फिलहाल तो मना लिया है. लेकिन उमा भारती की आस्था अयोध्या और राम मंदिर को लेकर किसी से छिपी नहीं है. वह जल्दी ही अयोध्या जाएंगी.

उमा भारती क्योंकि केंद्रीय मंत्री हैं. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ढांचे में अपराधिक साजिश के लिए उन पर भी मामला चलाने के लिए कहा है. ऐसे में अगर उमा भारती अयोध्या जाती तो विपक्षी पार्टियां और आक्रामक हो सकती थी. पहले ही आज विपक्ष उमा भारती का इस्तीफा मांग चुका है. बेशक पार्टी आलाकमान और खुद उमा भारती को लगता है कि इस मामले में इस्तीफा देने की कोई वजह नहीं है. कानून अपना काम करेगा. मामला अदालत में है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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