पहले 2014, फिर 2019 और अब 2020 जैसे जैसे साल आगे बढ़ रहे हैं, तमाम मौके आ चुके हैं जिनको देखकर साफ़ हो जाता है कि पीएम मोदी (PM Modi) का अपनी रैलियों में कांग्रेस मुक्त भारत की बात कहना सिर्फ चुनावी जुमला नहीं था. पीएम मोदी इसके लिए गंभीर थे और शायद आगे भी रहेंगे. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? वजह है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत आना (Donald Trump India Visit) और देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का ट्रंप के सम्मान में डिनर (Dinner for Trump) आयोजित करना. ट्रंप के सम्मान में आयोजित डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan) राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को न्योता भेजा मगर पार्टी के दो बड़े नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नजरअंदाज कर दिया गया. पार्टी के दो महत्वपूर्व स्तंभों की इस बेइज्जती से आहत कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने डिनर में शामिल होने से इंकार कर दिया है. पॉलिटिकल लड़ाई अपनी जगह है. मगर शिष्टाचार के नाते कांग्रेस को ये उम्मीद थी कि इस डिनर में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जरूर आमंत्रित किया जाएगा मगर ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि सत्ताधारी दल की तरफ से न्योता नहीं मिला इसे कांग्रेस ने भी गंभीरता से लिया और अपने गुस्से के प्रदर्शन के लिए ट्विटर को माध्यम बनाया.
ट्रंप के भारत आगमन से पहले ही कांग्रेस ने ट्विटर पर #WallOf Division हैश टैग चलाकर बता दिया है कि सत्ताधारी दल का ये सौतेला बर्ताव उसे बिलकुल भी पसंद नहीं आया है. और अब ये बात दूर तक जाएगी.
अपनी भड़ास निकालने के लिए...
पहले 2014, फिर 2019 और अब 2020 जैसे जैसे साल आगे बढ़ रहे हैं, तमाम मौके आ चुके हैं जिनको देखकर साफ़ हो जाता है कि पीएम मोदी (PM Modi) का अपनी रैलियों में कांग्रेस मुक्त भारत की बात कहना सिर्फ चुनावी जुमला नहीं था. पीएम मोदी इसके लिए गंभीर थे और शायद आगे भी रहेंगे. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? वजह है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत आना (Donald Trump India Visit) और देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का ट्रंप के सम्मान में डिनर (Dinner for Trump) आयोजित करना. ट्रंप के सम्मान में आयोजित डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan) राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को न्योता भेजा मगर पार्टी के दो बड़े नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नजरअंदाज कर दिया गया. पार्टी के दो महत्वपूर्व स्तंभों की इस बेइज्जती से आहत कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने डिनर में शामिल होने से इंकार कर दिया है. पॉलिटिकल लड़ाई अपनी जगह है. मगर शिष्टाचार के नाते कांग्रेस को ये उम्मीद थी कि इस डिनर में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जरूर आमंत्रित किया जाएगा मगर ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि सत्ताधारी दल की तरफ से न्योता नहीं मिला इसे कांग्रेस ने भी गंभीरता से लिया और अपने गुस्से के प्रदर्शन के लिए ट्विटर को माध्यम बनाया.
ट्रंप के भारत आगमन से पहले ही कांग्रेस ने ट्विटर पर #WallOf Division हैश टैग चलाकर बता दिया है कि सत्ताधारी दल का ये सौतेला बर्ताव उसे बिलकुल भी पसंद नहीं आया है. और अब ये बात दूर तक जाएगी.
अपनी भड़ास निकालने के लिए कांग्रेस ने उस दीवार का जिक्र किया है जिसे हाल ही में बनाया गया है. बता दें कि ट्रंप के आगमन से पहले अहमदाबाद में मौजूद जुग्गी झोपड़ियों को छुपाने के लिए एक दीवार बनाई गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस दीवार के जरिये भाजपा अर्थव्यवस्था और सामाजिक क्षेत्रों में अपनी विफलता छुपाने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस ने #WallOf Division को आधार बनाकर एक के बाद एक कई ट्वीट किये हैं जो साफ़ तौर पर कांग्रेस की छटपटाहट बताते नजर आ रहे हैं.
ट्रंप के भारत आने से पहले कांग्रेस ने फिर एक बार बेरोजगारी को एक बड़ा मुद्दा बनाया है और कहा है कि भारत में बेरोजगारी पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा है और इन सब का कारण भाजपा की आर्थिक नीतियां हैं.
बताया जा रहा है कि PA की चेयरपर्सन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी डिनर में न्योता नहीं दिए जाने से खासी नाराज़ हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा था- 'ऐसी परंपरा रही है कि विपक्ष के सीनियर नेताओं को न्योता दिया जाए लेकिन अब इससे भी मुंह मोड़ा जा रहा है.'
गौरतलब है कि इससे पहले जब डेमोक्रेट पार्टी के नेता और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा भारत आए थे. तो भाजपा की तरफ से सोनिया गांधी के पास न्योता भेजा गया था. मगर अब जबकि ट्रंप भारत आए हैं, तो न्योता नहीं भेजा गया है. तो कहा ये भी जा रहा है कि ट्रंप खुद एक दक्षिणपंथी नेता हैं जो डेमोक्रेट्स को पसंद नहीं करते. इसलिए सोनिया और राहुल को राष्ट्रपति भवन में आयोजित हो रहे इस इवेंट से दूर रखा गया है.
बहरहाल भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और राहुल और सोनिया का शुमार विपक्ष के बड़े नेताओं में है. जिस तरह भाजपा ने कांग्रेस के इन दो बड़े नेताओं को इवेंट से दूर रखा कह सकते हैं कि ये शुरुआत भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश के लिए अच्छी नहीं है और इसका खामियाजा दलों को आगे भुगतना होगा.
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