• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

छह महीने में हर समस्या ऐसे हल करेंगे राहुल गांधी

    • चंद्र प्रकाश
    • Updated: 06 अक्टूबर, 2017 04:48 PM
  • 06 अक्टूबर, 2017 04:48 PM
offline
राहुल गांधी के पास आज सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वो चीजों को सही कैसे करें. तो इस सन्दर्भ में बस यही कहा जा सकता है कि पार्टी से जुड़ी चीजों को सही करने से पहले वो अपना आत्मसात करें और खुद को बदलें.

राहुल गांधी ने कहा है कि "मोदी सरकार अगर किसानों और रोजगार के मुद्दे का हल नहीं कर सकती तो यह बात साफ-साफ बता दे. मैं इस मसले को छह महीने में हल कर दूंगा." अखबारों में यह खबर देखकर यकीन हो गया कि राहुल गांधी ने बिल्कुल यही बात कही होगी. क्योंकि मीडिया को उनके बयानों को तोड़ने-मरोड़ने की कभी जरूरत नहीं पड़ती. पिछले चुनावों में वो आलू की फैक्ट्री लगवाने से लेकर मुरादाबाद की पीतल इंडस्ट्री के बीचोबीच इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के वादे भी वो कर चुके हैं. वो तो जनता की गलती है कि उसने राहुल गांधी को सत्ता नहीं दी और 'मेड इन इंडिया' आलू खाने से चूक गए.

राहुल गांधी एक ऐसे संकट से गुजर रहे हैं जब उनके सामने समस्या ये है कि उन्हें करना क्या है

अब जब राहुल गांधी सिर्फ छह महीने में देश के किसानों और बेरोजगारों की समस्या का शर्तिया इलाज करने का दावा कर रहे हैं तो उनके इस दावे पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है. बस सवाल यह है कि वो ये काम कैसे करेंगे? राहुल गांधी की कार्यशैली और उनके पिछले बयानों के आधार पर हमने अनुमान लगाया है कि वो कौन-कौन से तरीके होंगे जिनसे राहुल गांधी इस विकट समस्या को छू-मंतर कर देंगे.

छह महीने की इस कार्य योजना में हमने राहुल गांधी के लिए 15-15 दिन के तीन विदेशी अज्ञातवास का भी प्रावधान रखा है.

1. रॉबर्ट वाड्रा को कृषि मंत्री बनाएंगे

खेती के क्षेत्र में रॉबर्ट वाड्रा की उपलब्धियों का फायदा देश को भी मिलना चाहिए. ये मुद्दा काफी समय से उठता रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी अब तक इसे पारिवारिक मामला बताकर छिपाती रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2008 में रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा में अपने एक खेत पर बिना एक भी पैसा लगाए 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी की थी. मोदी 2022 तक किसानों की आमदनी...

राहुल गांधी ने कहा है कि "मोदी सरकार अगर किसानों और रोजगार के मुद्दे का हल नहीं कर सकती तो यह बात साफ-साफ बता दे. मैं इस मसले को छह महीने में हल कर दूंगा." अखबारों में यह खबर देखकर यकीन हो गया कि राहुल गांधी ने बिल्कुल यही बात कही होगी. क्योंकि मीडिया को उनके बयानों को तोड़ने-मरोड़ने की कभी जरूरत नहीं पड़ती. पिछले चुनावों में वो आलू की फैक्ट्री लगवाने से लेकर मुरादाबाद की पीतल इंडस्ट्री के बीचोबीच इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के वादे भी वो कर चुके हैं. वो तो जनता की गलती है कि उसने राहुल गांधी को सत्ता नहीं दी और 'मेड इन इंडिया' आलू खाने से चूक गए.

राहुल गांधी एक ऐसे संकट से गुजर रहे हैं जब उनके सामने समस्या ये है कि उन्हें करना क्या है

अब जब राहुल गांधी सिर्फ छह महीने में देश के किसानों और बेरोजगारों की समस्या का शर्तिया इलाज करने का दावा कर रहे हैं तो उनके इस दावे पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है. बस सवाल यह है कि वो ये काम कैसे करेंगे? राहुल गांधी की कार्यशैली और उनके पिछले बयानों के आधार पर हमने अनुमान लगाया है कि वो कौन-कौन से तरीके होंगे जिनसे राहुल गांधी इस विकट समस्या को छू-मंतर कर देंगे.

छह महीने की इस कार्य योजना में हमने राहुल गांधी के लिए 15-15 दिन के तीन विदेशी अज्ञातवास का भी प्रावधान रखा है.

1. रॉबर्ट वाड्रा को कृषि मंत्री बनाएंगे

खेती के क्षेत्र में रॉबर्ट वाड्रा की उपलब्धियों का फायदा देश को भी मिलना चाहिए. ये मुद्दा काफी समय से उठता रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी अब तक इसे पारिवारिक मामला बताकर छिपाती रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2008 में रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा में अपने एक खेत पर बिना एक भी पैसा लगाए 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी की थी. मोदी 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात कहते हैं, जबकि रॉबर्ट वाड्रा के पास इसे छह महीने से भी कम समय में 50 करोड़ गुना करने का मंत्र है. उम्मीद है राहुल गांधी उनकी इस प्रतिभा का इस्तेमाल करेंगे और अपना कृषि मंत्री बनाएंगे. वैसे रॉबर्ट वाड्रा के रहने से जमीन अधिग्रहण के मसले भी सरकार के लिए चुटकियों का खेल हो जाएंगे.

2. परिवारवाद से मिलेगा रोजगार

राहुल गांधी हाल के दिनों में जब अमेरिका गए थे तो वहां पर उन्होंने कहा था कि भारत तो परिवारवाद से ही चलता है. दरअसल इसी बयान में रोजगार को लेकर उनका विज़न छिपा है. जिस तरह से परिवारवाद के कारण 47 साल की उम्र में भी राहुल गांधी को रोजगार की फिक्र नहीं है वही फॉर्मूला देश के हर व्यक्ति पर लागू किया जा सकता है. इसके तहत हर कोई अपना फैमिली बिजनेस अगली पीढ़ी को सौंप देगा. नेता का बेटा नेता बनेगा, अफसर का बेटा अफसर, दरोगा का बेटा दरोगा और चायवाले का बेटा चायवाला. इससे एक झटके में रोजगार की समस्या का समाधान हो जाएगा. अगर फिर भी किसी के पास रोजगार नहीं है तो वो अपने पिताजी से बात करे, क्योंकि गलती उन्हीं की मानी जाएगी. इस फॉर्मूले से राहुल गांधी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का भी सफाया कर देंगे.

अमेठी में राहुल गांधी का दिलचस्‍प भाषण :

3. स्पीड पोस्ट से घर आएगा रोजगार

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो बहाने न बनाए और फौरन रोजगार देना शुरू कर दे. इससे संकेत मिलता है कि राहुल गांधी मौका मिलने पर ठीक इसी अंदाज में रोजगार देंगे. उनकी सरकार बनते ही फौरन रोजगार देने का काम शुरू हो जाएगा. हो सकता है कि इसकी रफ्तार बढ़ाने के लिए स्पीड पोस्ट की मदद ली जाए. कुछ साल पहले कांग्रेस के वक्त में ही रोजगार दफ्तर देश भर में खोले गए थे, लेकिन कुछ अज्ञात कारणों से बेरोजगार युवा इन दफ्तरों में रोजगार लेने नहीं जाते. अब जब स्पीड पोस्ट से रोजगार उनके घर पहुंच जाएगा तो वो इनकार नहीं कर पाएंगे.

4. गरीबी दिमागी बीमारी घोषित होगी

राहुल गांधी बहुत पहले ही कह चुके हैं कि गरीबी कुछ नहीं होती, यह वास्तव में एक दिमागी अवस्था का नाम है. जब राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे तो गरीबी को फौरन मनोवैज्ञानिक रोग घोषित कर दिया जाएगा. इसके बाद अगर कोई कहेगा कि वो गरीब है तो उसका दिमाग के डॉक्टर से इलाज करवाया जाएगा. इससे देश में मनोचिकित्सकों का कामधंधा भी बढ़ेगा और देश की जीडीपी को फायदा होगा. इस तरह इंदिरा गांधी के गरीबी हटाओ नारे को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी मनोचिकित्सकों पर आ जाएगी.

वास्तव में देश के आगे खेती और बेरोजगारी सबसे गंभीर समस्या है. हमें भरोसा है कि तमाम पिछली और मौजूदा सरकारें इसका संजीदगी से हल चाहती रही है. इसके बावजूद कोई भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाया. फिर भी अगर राहुल गांधी इस समस्या को छह महीने में हल करने का दावा कर रहे हैं तो हमें विश्वास है कि वो इस बात को पूरी गंभीरता के साथ कह रहे हैं. हमने उनकी तरफ से जो काल्पनिक कार्ययोजना बनाई है हो सकता है वो उनके काम आए.

ये भी पढ़ें -

सोनिया - राहुल गांधी नहीं, कांग्रेस का असली चेहरा 85 साल के मनमोहन सिंह ही हैं

राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए बहुत कुछ बदल देंगे गुजरात चुनाव

राहुल गांधी ने गुजरात में गलती से ये बड़ा मिस्टेक कर दिया


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲