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निधि गुप्ता के कातिल सूफियान का हश्र कानून से ज्यादा योगी पर यकीन बढ़ाता है!

    • आईचौक
    • Updated: 18 नवम्बर, 2022 06:47 PM
  • 18 नवम्बर, 2022 06:47 PM
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इधर दिल्ली पुलिस श्रद्धा के कत्ल के आरोपी आफताब (Aaftab Ameen Poonawal) के खिलाफ निर्णायक सबूत जुटाने के लिए सिर खपा रही है, उधर ऐसे ही एक मामले (Love Jihad) में लखनऊ पुलिस ने कातिल को मौत का चेहरा दिखा दिया.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निधि गुप्ता की हत्या करने के बाद से ही आरोपी सूफियान फरार चल रहा था. लेकिन, यूपी पुलिस की तत्परता और मामले में त्वरित कार्रवाई की वजह से आरोपी सूफियान सूबे को छोड़कर नहीं जा सका. और, 25 हजार का ईनाम घोषित होने के दूसरे ही दिन यूपी पुलिस ने सूफियान को एनकाउंटर के बाद पकड़ लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हत्या करने के बाद से ही फरार चल रहे सूफियान को पुलिस मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी है. बता दें कि सूफियान पर आरोप है कि उसने निधि गुप्ता को चौथी मंजिल से फेंककर मौत के घाट उतार दिया था. क्योंकि, मृतका ने धर्म परिवर्तन से इनकार करते हुए शादी करने से मना कर दिया था. लेकिन, सूफियान लगातार मृतका पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा था. कहना गलत नहीं होगा कि निधि गुप्ता के कातिल सूफियान का हश्र कानून से ज्यादा योगी पर यकीन बढ़ाता है.

निधि गुप्ता की हत्या करने वाले सूफियान को पुलिस एनकाउंटर में पैर में गोली लग गई. जमीन पर बेसुध पड़ा सूफियान मौत का चेहरा देख चुका है. लेकिन, दिल्‍ली पुलिस की हिरासत में आफताब कानून को चकमा देता जा रहा है.

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गंभीरता से काम किया है. और, अराजकता फैलाने वालों से लेकर अपराधियों की गर्मी शांत कर देने की बात करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस को अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने के लिए फ्री हैंड दिया हुआ है. यही वजह है कि सूबे में सांप्रदायिक हिंसा करने वालों के घरों पर जब बुलडोजर चला. तो, उनके इस फैसले को खुद उत्तर प्रदेश की जनता ने जनभावनाओं के अनुरूप घोषित कर दिया. अगर ऐसा न होता, तो यूपी विधानसभा...

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निधि गुप्ता की हत्या करने के बाद से ही आरोपी सूफियान फरार चल रहा था. लेकिन, यूपी पुलिस की तत्परता और मामले में त्वरित कार्रवाई की वजह से आरोपी सूफियान सूबे को छोड़कर नहीं जा सका. और, 25 हजार का ईनाम घोषित होने के दूसरे ही दिन यूपी पुलिस ने सूफियान को एनकाउंटर के बाद पकड़ लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हत्या करने के बाद से ही फरार चल रहे सूफियान को पुलिस मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी है. बता दें कि सूफियान पर आरोप है कि उसने निधि गुप्ता को चौथी मंजिल से फेंककर मौत के घाट उतार दिया था. क्योंकि, मृतका ने धर्म परिवर्तन से इनकार करते हुए शादी करने से मना कर दिया था. लेकिन, सूफियान लगातार मृतका पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा था. कहना गलत नहीं होगा कि निधि गुप्ता के कातिल सूफियान का हश्र कानून से ज्यादा योगी पर यकीन बढ़ाता है.

निधि गुप्ता की हत्या करने वाले सूफियान को पुलिस एनकाउंटर में पैर में गोली लग गई. जमीन पर बेसुध पड़ा सूफियान मौत का चेहरा देख चुका है. लेकिन, दिल्‍ली पुलिस की हिरासत में आफताब कानून को चकमा देता जा रहा है.

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गंभीरता से काम किया है. और, अराजकता फैलाने वालों से लेकर अपराधियों की गर्मी शांत कर देने की बात करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस को अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने के लिए फ्री हैंड दिया हुआ है. यही वजह है कि सूबे में सांप्रदायिक हिंसा करने वालों के घरों पर जब बुलडोजर चला. तो, उनके इस फैसले को खुद उत्तर प्रदेश की जनता ने जनभावनाओं के अनुरूप घोषित कर दिया. अगर ऐसा न होता, तो यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम योगी के नेतृत्व में दोबारा भाजपा की सरकार सत्ता में नहीं आती. लेकिन, चाक-चौबंद कानून व्यवस्था और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की नीति ने जनता में कानून से ज्यादा योगी पर यकीन बढ़ा दिया है.

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में शायद ही अपराधों पर पूरी तरह से नियंत्रण किया जा सकता है. लेकिन, सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फिलहाल अपराधियों के मन में भय का माहौल तो बना ही हुआ है. जो महिलाओं और युवतियों को भरोसा देता है. लव जिहाद को लेकर बनाए गए कानून की वजह से यूपी में इस तरह की घटनाएं न के बराबर रह गई हैं. और, अगर होती भी हैं. तो, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सूफियान का हश्र देखकर बहुतों के कदम कांपने लगेंगे. क्योंकि, मुठभेड़ में पैर पर गोली लगने के बाद सीधे खड़े होना इन अपराधियों के लिए आसान नहीं होगा.

वहीं, श्रद्धा मर्डर केस की बात की जाए, तो दिल्ली पुलिस अभी भी हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी है. आफताब ने इतनी सफाई से श्रद्धा मर्डर केस के सबूत मिटाए हैं कि दिल्ली पुलिस चकरघिन्नी बन गई है. हालांकि, पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है. आफताब के खिलाफ एक मजबूत केस तैयार होता नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि पुलिस की जांच के चलते कानून पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा. जो छावला गैंगरेप और हत्याकांड के आरोपियों के सुप्रीम कोर्ट से छूटने के बाद टूट गया था.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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