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मोदी के लाल किले से दिए गए 5 भाषणों का विश्‍लेषण

    • आईचौक
    • Updated: 15 अगस्त, 2018 11:35 AM
  • 15 अगस्त, 2018 11:34 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से अपना भाषण दे चुके हैं. 2019 चुनाव से पहले ये आखिरी बार है जब मोदी इस तरह से अपनी स्पीच दे सकते हैं. इसके बाद अगर वो दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो ये गौरव उन्हें मिलेगा, लेकिन आखिर जो भाषण उन्होंने दिया उसके मायने क्या हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवी बार 15 अगस्त को तिरंगा लाल किले पर फहराया है. हर साल नरेंद्र मोदी इस दिन एक बेहतरीन स्पीच देते हैं और इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ है. नरेंद्र मोदी ने इस साल की स्पीच में भी न्यू इंडिया की बात की. इसके अलावा, मोदी ने अपनी स्पीच में अपना रिपोर्ट कार्ड दिया और खास तौर पर जीएसटी की बात की. इसी के साथ, स्वच्छ भारत, वन रैंक वन पेंशन (OROP) की तुलना की.

अगर सिर्फ भाषण की बात करें तो इंडिया टुडे चैनल ने उन कुछ खास शब्‍दों का विश्‍लेषण किया, जिनका इस्‍तेमाल प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से दिए जाने वाले अपने भाषणों में करते रहे हैं.

1. खेती-

2014 में- 0 बार, , 2015 में- 13 बार, , 2016 में- 4 बार, , 2017 में- 0 बार, और 2018 में- 11 बार .

2. आतंकवाद-

2014 में - 0 बार, 2015 में- 0 बार, 2016 में- 0 बार, 2017 में- 8 बार और 2018 में - 3 बार

3. नौकरियां-

2014 में - 7 बार, 2015 में - 0 बार, 2016 में - 7 बार, 2017 में - 0 बार और 2018 में - 1 बार

4. किसान-

2014 में - 6 बार, 2015 में - 23 बार, 2016 में - 31 बार, 2017 में - 19 बार और 2018 में - 14 बार

5. गरीब-

2014 में - 29 बार, 2015 में - 44 बार, 2016 में - 27 बार, 2017 में - 17 बार और 2018 में - 39 बार

6. युवा-

2014 में - 27 बार, 2015 में - 0 बार, 2016 में - 13 बार, 2017 में - 12 बार और 2018 में - 9 बार

7. कश्मीर-

2014 में - 0 बार, 2015 में - 0 बार, 2016 में - 0 बार, 2017 में - 7 बार और 2018 में - 7 बार

अगर प्रधानमंत्री के कीवर्ड देखे जाएं तो एक खास बात सामने आएगी. किसान और गरीबों...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवी बार 15 अगस्त को तिरंगा लाल किले पर फहराया है. हर साल नरेंद्र मोदी इस दिन एक बेहतरीन स्पीच देते हैं और इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ है. नरेंद्र मोदी ने इस साल की स्पीच में भी न्यू इंडिया की बात की. इसके अलावा, मोदी ने अपनी स्पीच में अपना रिपोर्ट कार्ड दिया और खास तौर पर जीएसटी की बात की. इसी के साथ, स्वच्छ भारत, वन रैंक वन पेंशन (OROP) की तुलना की.

अगर सिर्फ भाषण की बात करें तो इंडिया टुडे चैनल ने उन कुछ खास शब्‍दों का विश्‍लेषण किया, जिनका इस्‍तेमाल प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से दिए जाने वाले अपने भाषणों में करते रहे हैं.

1. खेती-

2014 में- 0 बार, , 2015 में- 13 बार, , 2016 में- 4 बार, , 2017 में- 0 बार, और 2018 में- 11 बार .

2. आतंकवाद-

2014 में - 0 बार, 2015 में- 0 बार, 2016 में- 0 बार, 2017 में- 8 बार और 2018 में - 3 बार

3. नौकरियां-

2014 में - 7 बार, 2015 में - 0 बार, 2016 में - 7 बार, 2017 में - 0 बार और 2018 में - 1 बार

4. किसान-

2014 में - 6 बार, 2015 में - 23 बार, 2016 में - 31 बार, 2017 में - 19 बार और 2018 में - 14 बार

5. गरीब-

2014 में - 29 बार, 2015 में - 44 बार, 2016 में - 27 बार, 2017 में - 17 बार और 2018 में - 39 बार

6. युवा-

2014 में - 27 बार, 2015 में - 0 बार, 2016 में - 13 बार, 2017 में - 12 बार और 2018 में - 9 बार

7. कश्मीर-

2014 में - 0 बार, 2015 में - 0 बार, 2016 में - 0 बार, 2017 में - 7 बार और 2018 में - 7 बार

अगर प्रधानमंत्री के कीवर्ड देखे जाएं तो एक खास बात सामने आएगी. किसान और गरीबों के बारे में प्रधानमंत्री अक्सर बात करते रहते हैं, लेकिन नौकरियों के बारे में 2014 में तो मोदी ने बात की थी, लेकिन 2018 में वो मौन हैं. हर बार, उनकी स्पीच का निशाना सिर्फ गरीब और किसान ही बनते हैं.

क्या खास था मोदी की स्पीच में?

1. नोटबंदी का कोई भी जिक्र नहीं था.

2. महिलाओं का जिक्र था, महिलाएं कोर्ट में, कैबिनेट में, महिलाएं मेडिल ला रही हैं, ये सुनकर लगा कि मोदी महिलाओं को खुश करना चाह रहे हैं.

3. मोदी ने किसी भी तरह की योजना की आर्थिक घोषणा नहीं की.

4. पीएम मोदी ने अपना रिपोर्ट कार्ड भी दिया, टॉयलेट, एलपीजी, दुगनी रफ्तार से बनने वाले हाईवे, चौगुनी रफ्तार से बनने वाले घरों की बात की. 5. पीएम मोदी ने अपने काम को 2013 की रफ्तार से भी जोड़कर बताया और कहा कि अगर उसी स्पीड से चलते रहते तो कोई काम नहीं हो पाता.

प्रधानमंत्री की स्पीच को लेकर सुब्रमण्यन स्वामी ने भी मोदी पर कटाक्ष किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जीडीपी पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है, लेकिन ऐसा नहीं है.

सिर्फ सुब्रमण्यन स्वामी ही नहीं, इस गलती को कई और लोगों ने भी पकड़ा. और इसके लिए प्रधानमंत्री और फाइनेंस मिनिस्ट्री को भी ट्रोल करना शुरू कर दिया.

नरेंद्र मोदी की स्पीच को लेकर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी.

आयुष्मान भारत स्कीम को लेकर लोगों में गुस्सा दिखा.

कुछ ने मोदी पर भी गुस्सा दिखाया. टैक्स देने वाले करदाताओं ने पुण्य और पाप की बात करनी शुरू कर दी.

लोगों को ये भी लगा कि नरेंद्र मोदी ने अपनी आदत के अनुसार बढ़ा-चढ़ाकर बोला है.

जहां लोग मोदी की स्पीच में कमियां निकाल रहे थे वहीं कुछ लोग मोदी की स्पीच की तारीफ भी कर रहे थे.

नरेंद्र मोदी ने नवयुग और नए भारत की बात कही और काव्य की तरह कहा कि हम अपनी सभी कठिनाइयों से आगे बढ़ रहे हैं और अपनी छवि बदल रहे हैं.

कुछ वादे ..

पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में कुछ वादे भी किए हैं. उन्होंने कहा कि 2022 तक वो एक भारतीय को स्पेस में भेजेंगे. इसे देखा जाए तो ऐसा लग रहा है कि ये कोई चुनावी वादा था और मोदी अपने अगले कार्यकाल का इंतजार कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि 2022 तक जब भारत अपन 75 साल पूरे कर लेगा तब भारत किसी बेटे या बेटी को अपने झंडे के साथ स्पेस में भेजेगा. ऐसा करके भारत चौथा ऐसा देश बन जाएगा जो किसी मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजे.

जहां ये घोषणा बड़ी लग रही है वहीं मोदी ने यूनिवर्सल हेल्थ केयर की भी बात की. आयुष्मान भारत स्कीम का भी 25 सितंबर से आगाज़ किया जाएगा. मोदी ने अपने भाषण में कहा कि इस बार, गरीबों को सुविधाजनक स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी. पिछले बजट में मोदी सरकार ने 52000 करोड़ रुपए इस स्वास्थ्य पॉलिसी पर लगाए थे.

2014 से ही प्रधानमंत्री लगातार लाल किले को घोषणाओं के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले चार बार, की स्पीच को देखा जाए तो इस बार, कोई बहुत बड़ी योजना नहीं बताई गई, सिर्फ अपना रिपोर्ट कार्ड दिया.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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