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मोदी के लिए 2019 चुनाव आसान नहीं, बता रहा है ये सर्वे

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 24 मई, 2017 02:32 PM
  • 24 मई, 2017 02:32 PM
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एक सर्वे में कुछ ऐसी चीजें सामने निकलकर आई हैं जो नरेंद्र मोदी और भाजपा को टेंशन दे सकती है. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के लिए आसान नहीं रहने वाला है.

नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने हुए तीन साल हो चुके हैं. सर्वे निकालकर मीडिया चैनल्स भी पीएम मोदी को बेस्ट बता रहे हैं. किसी ने उनको सबसे लोकप्रिय नेता बताया तो किसी ने देश में अभी भी 'मोदी लहर' बताई. ऐसा नहीं है कि मोदी लहर कम हुई हो.

कम हुई होती तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं बनती. लेकिन सी वोटर के एक सर्वे में एक ऐसी बात सामने निकलकर आई जो मोदी और बीजेपी के लिए खतरा साबित हो सकती है. लोकसभा चुनाव 2019 में हैं और सरकार को अभी तीन साल हुए हैं. तीन साल में मोदी का कद तो बढ़ा.

लेकिन, सांसदों की वजह से एक कमी आ गई है. इस सर्वे में तीन साल बाद सरकार के लिए चिंताजनक बात सिर्फ इतनी है कि उनके सांसदों के प्रति उनके संसदीय क्षेत्रों में आम लोगों में नाराजगी बढ़ रही है. वे मोदी सरकार की एकमात्र कमजोर कड़ी और चिंता की लकीर बन कर निकल रहे हैं.

ये आकड़ा चौकाने वाला

2014 लोकसभा चनाव में बीजेपी को 282 सीट जीती थीं. यानी बीजेपी पूर्णरूप से सरकार में आई थी. कांग्रेस को मजह 44 सीट मिली थीं. लेकिन देखा जाए तो दूसरे नंबर पर कांग्रेस ही थी. जहां बीजेपी ने 282 सीट जीती वहीं दूसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस 224 सीट पर दूसरे नंबर पर रही. उस वक्त मोदी लहर तो थी लेकिन कांग्रेस में भी काफी उठापटक चल रही थी.

जिसके चलते कांग्रेस को बुरी तरह हार मिली. उस वक्त वो 224 सीटों पर वो दूसरे नंबर पर रही. अगर 2019 लोकसभा चुनाव में पूरी प्लानिंग के साथ कांग्रेस आती है तो बीजेपी पर भारी पड़ सकती है. क्योंकि सर्वे में बताया गया है कि आम लोगों को सांसदों से काफी नाराजगी है. ऐसे में कांग्रेस इसका फायदा उठा सकती है.

नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने हुए तीन साल हो चुके हैं. सर्वे निकालकर मीडिया चैनल्स भी पीएम मोदी को बेस्ट बता रहे हैं. किसी ने उनको सबसे लोकप्रिय नेता बताया तो किसी ने देश में अभी भी 'मोदी लहर' बताई. ऐसा नहीं है कि मोदी लहर कम हुई हो.

कम हुई होती तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं बनती. लेकिन सी वोटर के एक सर्वे में एक ऐसी बात सामने निकलकर आई जो मोदी और बीजेपी के लिए खतरा साबित हो सकती है. लोकसभा चुनाव 2019 में हैं और सरकार को अभी तीन साल हुए हैं. तीन साल में मोदी का कद तो बढ़ा.

लेकिन, सांसदों की वजह से एक कमी आ गई है. इस सर्वे में तीन साल बाद सरकार के लिए चिंताजनक बात सिर्फ इतनी है कि उनके सांसदों के प्रति उनके संसदीय क्षेत्रों में आम लोगों में नाराजगी बढ़ रही है. वे मोदी सरकार की एकमात्र कमजोर कड़ी और चिंता की लकीर बन कर निकल रहे हैं.

ये आकड़ा चौकाने वाला

2014 लोकसभा चनाव में बीजेपी को 282 सीट जीती थीं. यानी बीजेपी पूर्णरूप से सरकार में आई थी. कांग्रेस को मजह 44 सीट मिली थीं. लेकिन देखा जाए तो दूसरे नंबर पर कांग्रेस ही थी. जहां बीजेपी ने 282 सीट जीती वहीं दूसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस 224 सीट पर दूसरे नंबर पर रही. उस वक्त मोदी लहर तो थी लेकिन कांग्रेस में भी काफी उठापटक चल रही थी.

जिसके चलते कांग्रेस को बुरी तरह हार मिली. उस वक्त वो 224 सीटों पर वो दूसरे नंबर पर रही. अगर 2019 लोकसभा चुनाव में पूरी प्लानिंग के साथ कांग्रेस आती है तो बीजेपी पर भारी पड़ सकती है. क्योंकि सर्वे में बताया गया है कि आम लोगों को सांसदों से काफी नाराजगी है. ऐसे में कांग्रेस इसका फायदा उठा सकती है.

बिहार और उत्तर प्रदेश में ज्यादा असंतोष

सर्वे में निकलकर आया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्थानीय सांसदों के प्रति असंतोष तेजी से बढ़ा है. बता दें, लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें यहीं से जीती थीं. यही नहीं, 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 47% वोट शेयर था. वहीं रनर अप यानी कांग्रेस का वोट शेयर 32% था. दोनों के बीच ज्यादा अंतर नहीं है. सर्वे में जैसे बताया है कि लोग बीजेपी के सांसदों से नाराज हैं. ऐसे में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ सकता है. ऐसे में मोदी को सांसदों को सही राह पर ले जाना बहुत जरूरी है. वरना 2019 में बीजेपी को बड़ा शॉक मिल सकता है. बीजेपी को कोशिश करना चाहिए कि बाकी राज्यों की तरह इन दो राज्यों में भी वैसा ही प्रदर्शन करे. नहीं तो कांग्रेस वापसी करने के लिए बेकरार बैठी है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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