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कब होगा पाकिस्तान और मुशर्रफ को अपनी बेगैरती का एहसास ?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 02 जनवरी, 2018 06:55 PM
  • 02 जनवरी, 2018 06:55 PM
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पाकिस्तान पर दुनिया तमाम तरह के आरोप लगा रही है और इन आरोपों के जिम्मेदार परवेज मुशर्रफ जैसे लोग भी हैं. ऐसे लोग जो आतंकवाद को समर्थन देकर आतंकियों और कट्टरपंथियों के बीच अपना राजनीतिक भविष्य तलाश करते नजर आ रहे हैं.

हमने अक्सर ही अपने बड़ों को कुछ बातें कहते सुना है जैसे व्यक्ति को ज्यादा खाली नहीं रहना चाहिए और कुछ करते रहना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है. जब व्यक्ति पूर्णतः खाली होता है तो उसके दिमाग में तरह-तरह के विचार आते हैं. मजेदार बात ये है कि खाली दिमाग में आए हुए उन विचारों से व्यक्ति कुछ सार्थक नहीं करता बल्कि अपने अलावा सबका नुकसान कर बैठता है. ध्यान रहे जब भी कभी अपने खाली दिमाग से व्यक्ति कुछ सोचता है तो लाजमी है कि वो विचार बचकाना ही कहा जाएगा.

अब उपरोक्त बात को आप पाकिस्तान और पाकिस्तान में भी पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सन्दर्भ में रखकर देखिये. ऐसा करते हुए, कई बातें अपने आप साफ हो जाएंगी. ज्ञात हो कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ इन दिनों पूर्ण रूप से खाली हैं और शायद इस खालीपन का असर उनके दिमाग पर हुआ है. अपने खालीपन की मार झेलते परवेज को इन दिनों सोते-जागते, खाते-पीते बस चंद ही चीजें नजर आती हैं और उनमें भी भारत और नरेंद्र मोदी से जुड़े विचार उन्हें अधिक आते हैं.

कई मौकों पर हम परेवज को बेतुके बयानों से मीडिया हाइप पाते देख चुके हैं.

जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप, आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद की कार्यप्रणाली के पक्षधर और अपने दिल में हाफ़िज़ सईद सरीखे लोगों के लिए सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाले परवेज मुशर्रफ ने फिर एक बार ऐसा शुतुंगा छोड़ा है जिसके चलते वो दुनिया के सामने चर्चा का विषय बन गए हैं. खबर है कि पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्‍तान की मौजूदा कूटनीति की कड़ी आलोचना की है. परवेज का मत है कि पाकिंस्‍तान की निष्क्रिय कूटनीति के कारण ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर चढ़े हुए हैं और देश में खौफ़जदा करने का काम कर रहे...

हमने अक्सर ही अपने बड़ों को कुछ बातें कहते सुना है जैसे व्यक्ति को ज्यादा खाली नहीं रहना चाहिए और कुछ करते रहना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है. जब व्यक्ति पूर्णतः खाली होता है तो उसके दिमाग में तरह-तरह के विचार आते हैं. मजेदार बात ये है कि खाली दिमाग में आए हुए उन विचारों से व्यक्ति कुछ सार्थक नहीं करता बल्कि अपने अलावा सबका नुकसान कर बैठता है. ध्यान रहे जब भी कभी अपने खाली दिमाग से व्यक्ति कुछ सोचता है तो लाजमी है कि वो विचार बचकाना ही कहा जाएगा.

अब उपरोक्त बात को आप पाकिस्तान और पाकिस्तान में भी पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सन्दर्भ में रखकर देखिये. ऐसा करते हुए, कई बातें अपने आप साफ हो जाएंगी. ज्ञात हो कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ इन दिनों पूर्ण रूप से खाली हैं और शायद इस खालीपन का असर उनके दिमाग पर हुआ है. अपने खालीपन की मार झेलते परवेज को इन दिनों सोते-जागते, खाते-पीते बस चंद ही चीजें नजर आती हैं और उनमें भी भारत और नरेंद्र मोदी से जुड़े विचार उन्हें अधिक आते हैं.

कई मौकों पर हम परेवज को बेतुके बयानों से मीडिया हाइप पाते देख चुके हैं.

जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप, आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद की कार्यप्रणाली के पक्षधर और अपने दिल में हाफ़िज़ सईद सरीखे लोगों के लिए सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाले परवेज मुशर्रफ ने फिर एक बार ऐसा शुतुंगा छोड़ा है जिसके चलते वो दुनिया के सामने चर्चा का विषय बन गए हैं. खबर है कि पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्‍तान की मौजूदा कूटनीति की कड़ी आलोचना की है. परवेज का मत है कि पाकिंस्‍तान की निष्क्रिय कूटनीति के कारण ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान पर चढ़े हुए हैं और देश में खौफ़जदा करने का काम कर रहे हैं.

हमेशा की तरह इस बार भी मुशर्रफ इस बात से कन्नी काटते दिख रहे हैं कि लश्‍कर-ए-तैयबा एक आतंकी संगठन है या नहीं. गौरतलब है कि अपने हालिया इंटरव्यू में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ बेहद गुस्से में नजर आ रहे हैं और उन्होंने इस्‍लामाबाद की मौजूदा कूटनीति को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि,' आज अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर पाकिस्‍तान को कहीं भी इज्जत नहीं मिल रही. वैश्विक कूटनीति में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्‍तान पर पूरी तरह हावी हैं. वह पाकिस्तान के सिर पर चढ़े हुए हैं. आज अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर पाकिस्‍तान पूरी तरह से अलग नजर आ रहा है. पाकिस्‍तानी नेता लगातार निष्क्रिय कूटनीति कर रहे हैं. भारत ने लश्‍कर को संयुक्‍त राष्‍ट्र और अमेरिका से आतंकी संगठन घोषित करवा दिया है, ले‍किन पाकिस्‍तान उसे ऐसा क्‍यों कहे? हम इस बात को आखिर क्‍यों मानें?

मुशर्रफ सिर्फ इतने पर नहीं रुके उन्होंने कुलभूषण जाधव और जम्‍मू-कश्‍मीर के मुद्दे पर भी  टिप्पणी की और कहा कि इन दोनों चीजों पर भी पाकिस्तान लचर रवैया अपना रहा है जबकि इन दोनों पर ही उसे कड़े कदम उठाने चाहिए थे. इसके अलावा फिर एक बात इंटरव्यू में मुशर्रफ जमात-उद-दावा जैसे संगठन की हिमायत करते हुए नजर आए हैं. जमात-उद-दावा को लेकर मुशर्रफ का तर्क है कि," लश्‍कर और जमात के लोग देशभक्‍त हैं.क्योंकि ये लोग कश्‍मीर के लिए बलिदान दे रहे हैं और देते चले आए हैं."

बहरहाल, परेवज की ये बातें ये बताने के लिए काफी हैं कि आज उनके मुल्क के ऐसे हाल क्यों हैं. पाकिस्तान को देखकर दुनिया के किसी भी व्यक्ति के लिए ये कहना बिल्कुल भी गलत न होगा कि आज पाकिस्तान जिस तरह बद से बदतर की ओर जा रहा है उसके जिम्मेदार परवेज और उनके जैसे अन्य कट्टरपंथी और चरमपंथी नेता हैं. रही बात भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तो आज दुनिया में इनका बोलबाला सिर्फ इसलिए है क्योंकि ये उन बातों  पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं जो एक राष्ट्र को असल विकास के मार्ग पर ले जाता है. अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि यदि पाकितान के लोगों ने खुद मुशर्रफ या फिर इनके जैसे अन्य नेताओं का बहिष्कार नहीं किया तो वाकई भविष्य में पाकिस्तान जैसे मुल्क को लेकर पूरे विश्व के सामने यूं ही पाकिस्तान तमाम तरह की बेइज्जती का सामना करता रहेगा. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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