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JDU किसकी ? ये जंग है विरासत की...

    • आईचौक
    • Updated: 18 अगस्त, 2017 11:00 PM
  • 18 अगस्त, 2017 11:00 PM
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शरद यादव के समर्थकों का दावा है कि वो ही जेडीयू के असली दावेदार हैं - क्योंकि जेडीयू का गठन समता पार्टी और जनता दल के विलय के बाद ही जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ. तब नीतीश समता पार्टी में थे, इसलिए इस पार्टी के सबसे पुराने सदस्य और संस्थापक शरद यादव हैं.

पटना के राजनीतिक गलियारों में पानी तो नहीं भरा है लेकिन हालत बाढ़ जैसी ही है. सत्ताधारी जनता दल के अंदर यूनाइटेड बने रहने की परवाह तो पहले ही खत्म हो चुकी थी, अब कब्जे की लड़ाई छिड़ चुकी है.

मौजूदा अध्यक्ष नीतीश कुमार की बुलाई जेडीयू कार्यकारिणी का शरद यादव गुट ने बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है - और अब अलग से एक दिन बाद 20 अगस्त को वो अलग कार्यकारिणी की बैठक करने जा रहे हैं.

बात बस इतनी ही नहीं रहने वाली, बल्कि शरद यादव के समर्थक जेडीयू का सिंबल भी अपने कब्जे वाली पार्टी के पास रखना चाहते हैं. शरद यादव गुट नीतीश कुमार को फर्जी साबित करने पर तुला हुआ है.

शरद ही असली दावेदार

शरद यादव के समर्थकों का दावा है कि वो ही जेडीयू के असली दावेदार हैं. जेडीयू महासचिव पद से हटाये गये अरुण श्रीवास्तव समझाते हैं कि समता पार्टी और जनता दल के विलय के बाद ही जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ. उस वक्त नीतीश समता पार्टी में थे, इसलिए इस पार्टी के सबसे पुराने सदस्य और संस्थापक शरद यादव हैं. इस लिहाज से वास्तविक जनता दल पर शरद यादव और उनके समर्थकों की ही दावेदारी बनती है.

हम भी साथ साथ थे...

जेडीयू के 14 राज्यों के अध्यक्ष शरद यादव के साथ हैं, अरुण श्रीवास्तव का ये भी दावा है. अरुण श्रीवास्तव के अनुसार छह राज्यों के अध्यक्ष दिल्ली में हुए साझी विरासत सम्मेलन में भी शामिल हुए.

शरद गुट का कहना है कि अब वे लोग पार्टी सिंबल पर हक हासिस करने के लिए चुनाव आयोग में भी दस्तक देंगे. शरद यादव गुट ने अब नीतीश द्वारा बुलायी गयी कार्यकारिणी के बहिष्कार की फैसला किया है - साथ ही, मुख्यमंत्री आवास में कार्यकारिणी की बैठक को सत्ता का दुरुपयोग बताया है.

वेन्यू बदलने पर सवाल

सबसे...

पटना के राजनीतिक गलियारों में पानी तो नहीं भरा है लेकिन हालत बाढ़ जैसी ही है. सत्ताधारी जनता दल के अंदर यूनाइटेड बने रहने की परवाह तो पहले ही खत्म हो चुकी थी, अब कब्जे की लड़ाई छिड़ चुकी है.

मौजूदा अध्यक्ष नीतीश कुमार की बुलाई जेडीयू कार्यकारिणी का शरद यादव गुट ने बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है - और अब अलग से एक दिन बाद 20 अगस्त को वो अलग कार्यकारिणी की बैठक करने जा रहे हैं.

बात बस इतनी ही नहीं रहने वाली, बल्कि शरद यादव के समर्थक जेडीयू का सिंबल भी अपने कब्जे वाली पार्टी के पास रखना चाहते हैं. शरद यादव गुट नीतीश कुमार को फर्जी साबित करने पर तुला हुआ है.

शरद ही असली दावेदार

शरद यादव के समर्थकों का दावा है कि वो ही जेडीयू के असली दावेदार हैं. जेडीयू महासचिव पद से हटाये गये अरुण श्रीवास्तव समझाते हैं कि समता पार्टी और जनता दल के विलय के बाद ही जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ. उस वक्त नीतीश समता पार्टी में थे, इसलिए इस पार्टी के सबसे पुराने सदस्य और संस्थापक शरद यादव हैं. इस लिहाज से वास्तविक जनता दल पर शरद यादव और उनके समर्थकों की ही दावेदारी बनती है.

हम भी साथ साथ थे...

जेडीयू के 14 राज्यों के अध्यक्ष शरद यादव के साथ हैं, अरुण श्रीवास्तव का ये भी दावा है. अरुण श्रीवास्तव के अनुसार छह राज्यों के अध्यक्ष दिल्ली में हुए साझी विरासत सम्मेलन में भी शामिल हुए.

शरद गुट का कहना है कि अब वे लोग पार्टी सिंबल पर हक हासिस करने के लिए चुनाव आयोग में भी दस्तक देंगे. शरद यादव गुट ने अब नीतीश द्वारा बुलायी गयी कार्यकारिणी के बहिष्कार की फैसला किया है - साथ ही, मुख्यमंत्री आवास में कार्यकारिणी की बैठक को सत्ता का दुरुपयोग बताया है.

वेन्यू बदलने पर सवाल

सबसे अहम बात ये है कि जेडीयू की 19 अगस्त को होने वाली कार्यकारिणी का वेन्यू बदल दिया गया है. पहले ये बैठक पटना के मौर्या होटल में होने वाली थी, लेकिन अब इसे दो हिस्सों में बांट दिया गया है. कार्यकारिणी की मुख्य बैठक जिसमें अहम फैसले लिये जाएंगे वो तो मुख्यमंत्री आवास पर होगी, जबकि कार्यकर्ताओं का सम्मेलन रवींद्र भवन में आयोजित किया जाएगा.

वेन्यू शिफ्ट करने की जो आधिकारिक वजह बताई गयी है, हकीकत कुछ और समझी जा रही है. बताया तो यही गया है कि बिहार में बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए पार्टी ने खर्चों में कटौती का फैसला किया और होटल का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. माना ये जा रहा है कि होटल में विरोधी गुट के हंगामे की आशंका से ऐसा किया गया है.

असल में आशंका जतायी जा रही थी कि शरद गुट कार्यकारिणी में हंगामा कर सकता है. अगर कार्यकारिणी की बैठक होटल में होती तो खबरे छन छन कर ही सही बाहर पहुंच ही जातीं. मुख्यमंत्री आवास में मीडिया की पहुंच भी सीमित रहती है. वहां से खबरें भी उतनी ही बाहर आ पाएंगी जितनी मीडिया के लिए तय होंगी.

शरद गुट के नेताओं का कहना है कि पहले वो कार्यकारिणी में हिस्सा लेकर सबके सामने अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन समर्थकों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई के बाद उन्होंने कार्यकारिणी के बहिष्कार का फैसला किया.

नीतीश की कार्यकारिणी के समानांतर ही शरद यादव ने जन अदालत सम्मेलन का कार्यक्रम तय किया है. ममता बनर्जी ने दिल्ली में शरद यादव के कार्यक्रम साझी विरासत बचाओ की कामयाबी पर बधाई दी है.

इन्हें भी पढ़ें :

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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