लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में भाजपा नेता संजीव बालियान विवादों में घिर गए हैं. ये विवाद पैदा हुआ है फर्जी वोटिंग कराए जाने के आरोप के बाद. बालियान ने कहा है कि बुर्के में आई महिलाओं का चेहरा देखे बिना ही उन्हें वोट डालने दिया जा रहा है. उन्होंने तो इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से जांच की मांग तक कर दी. हालांकि, चुनाव आयोग ने भी जवाब देते हुए कह दिया है कि कहीं कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो रहा है, बल्कि हर बूथ पर नियम के मुताबिक वोटिंग हो रही है, सबका चेहरा देखकर ही वोट डालने दिया जा रहा है.
इसी बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने चुटकी लेते हुए ट्वीट किया है- 'ई देखिये अरे भैया मोदी जी तो कह रहे हैं "तीन तलाक़ के नाम पर सारी मुस्लिम महिलायें उनको वोट दे रही हैं" तो आप क्यों डर रहे हो?' मोदी सरकार ने कई मौकों पर ये कहा है कि तीन तलाक गलत है और मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए इसे खत्म करने का कानून लाया जाएगा. तीन तलाक को खत्म करने के लिए मोदी सरकार कोशिशें भी खूब कर रही है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए संजय सिंह ने चुटकी ली है.
बालियान का बयान पार्टी के खिलाफ जा सकता है
मोदी सरकार की छवि पहले से ही एक हिंदूवादी पार्टी की रही है. पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद मुस्लिमों को भी साथ लेकर चलने की कोशिश की है. इसी के तहत मोदी सरकार ने तीन तलाक को खत्म करना चाहा, ताकि मुस्लिम महिलाओं को अपनी ओर किया जा सके. काफी हद तक मोदी सरकार इसमें सफल भी रही, क्योंकि तीन तलाक को खत्म करने की कोशिशों की हर किसी ने सराहना की. यहां तक कि विपक्ष भी सशर्त राजी हो गया. अब जब सब कुछ भाजपा के पक्ष में जा रहा है तो ऐसे में संजीव बालियान की ओर से दिया गया बयान भाजपा पर उल्टा पड़ सकता है.
बालियान ने कहा है कि बुर्के में आई महिलाओं का चेहरा देखे बिना ही उन्हें वोट डालने दिया जा रहा है.
बालियान ने मुजफ्फरनगर के सूजड़ू गांव में भी फर्जी मतदान होने का आरोप लगाया था. उनकी शिकायत पर खुद डीएम वहां पहुंचे जांच की. साथ में एसएसपी सुधीर कुमार सिंह भी मौजूद थे. मामले की जांच करने के बाद पाया गया कि सब कुछ सामान्य चल रहा है.
बुर्के में वोट डालने वाली महिलाओं के जरिए फर्जी वोट के खेल का आरोप लगातार संजीव बालियान तो विरोधियों पर निशाना साधना चाहते हैं, लेकिन मामला मुस्लिमों के खिलाफ जाता सा दिख रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने ये तक कह दिया कि जमात-ए-हिंद वोटों का ध्रवीकरण कर रहा है, उसने फतवा जारी किया है, इन सबको तो बंद कर देना चाहिए. आपको बता दें कि संजीव बालियान का मुकाबला राष्ट्रीय लोक दल के नेता चौधरी अजित सिंह से है.
चुनाव आयोग तो पहले ही संजीव बालियान के आरोपों को निराधार बता चुका है. सोशल मीडिया पर भी हर कोई बालियान के आरोपों की आलोचना ही कर रहा है. समाजवादी पार्टी की कैराना से उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने तो यहां तक कह दिया है कि संजीव बालियान हमेशा बदतमीज रहे हैं, बुर्के पर सवाल करने का उन्हें कोई हक नहीं, ये हमारा कल्चर है. वहीं सोशल मीडिया पर तो ये बातें भी होने लगी हैं कि लग रहा है इस बार संजीव बालियान हार रहे हैं तो वह फर्जी वोटिंग के आरोप लगा रहे हैं. आपको बता दें कि संजीव बालियान के वीडियोज में भी उन्हें देखकर ये साफ पता चल रहा है कि उनका आत्मविश्वास कुछ डगमगाया सा है. खैर, संजीव बालियान के आरोपों को सभी ने गलत करार दिया है, लेकिन वह हैं कि बूथ-बूथ घूम कर एक ही राग अलाप रहे हैं.
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