• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

जानिए राम जेठमलानी और उनकी 'उपलब्धियों' के बारे में

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 05 अप्रिल, 2017 02:50 PM
  • 05 अप्रिल, 2017 02:50 PM
offline
राम जेठमलानी अपना पहला ही केस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ लड़ा था जो बाद में भारत के चीफ जस्टिस भी बने. जानिए जेठमलानी के द्वारा लड़े गए चर्चित केस के बारे में...

93 साल के राम जेठमलानी देश के कानूनी गलियारों में तो जाना-पहचाना नाम हैं होने के साथ-साथ लोगों के बीच अपने विवादास्पद बयानों के कारण भी चर्चा में बने रहते हैं. अभी राम जेठमलानी, वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दर्ज मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पैरवी के केस में चर्चा में आ गए हैं. सोमवार को राम जेठमलानी ने अरविंद केजरीवाल को इस मानहानि के केस में पैरवी करने के एवज 3 करोड़ से ज्यादा का बिल थमा दिया है. इसके बाद मंगलवार को जेठमलानी ने कह दिया कि अगर दिल्ली सरकार या अरविंद केजरीवाल उनकी फीस भरने में असमर्थ है तो वो उन्हें गरीब मानकर बिना फीस के उनका केस लड़ेंगे.

आज की तारीख में जेठमलानी देश के सबसे अच्छे और सबसे महंगे वकील हैं. यह पहली बार नहीं है जब पूर्व भाजपा नेता और पूर्व कानून मंत्री ने किसी हाई प्रोफ़ाइल मामले में एक विपक्षी पार्टी के लिए पेश होने का फैसला किया है. राम जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री ले ली थी. जेठमलानी का पहला केस 1959 में प्रसिद्ध के.एम. नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का मामला था. इसमें इन्होंने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ केस लड़ा था. चंद्रचूड़ बाद में भारत के चीफ जस्टिस भी बने. इस केस के  बाद जेठमलानी सुर्खियों में आ गए थे. नानावती केस पर ही बाद में अभिनेता अक्षय कुमार अभिनीत रूस्तम फिल्म भी बनी.

इसके बाद 60 के दशक में जेठमलानी ने कई स्मगलरों का केस लड़ा जिसकी वजह से उन्हें 'स्मलगरों का वकील' कहा जाने लगा. एक तरफ जेठमलानी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं तो वहीं भाजपा में रहते हुए पार्टी के कामकाज और पार्टी के शीर्ष नेताओं का खुलकर विरोध करने के लिए भी प्रसिद्ध थे. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में जेठमलानी को अपनी सरकार में कानून मंत्री का पद दिया था. लेकिन...

93 साल के राम जेठमलानी देश के कानूनी गलियारों में तो जाना-पहचाना नाम हैं होने के साथ-साथ लोगों के बीच अपने विवादास्पद बयानों के कारण भी चर्चा में बने रहते हैं. अभी राम जेठमलानी, वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दर्ज मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पैरवी के केस में चर्चा में आ गए हैं. सोमवार को राम जेठमलानी ने अरविंद केजरीवाल को इस मानहानि के केस में पैरवी करने के एवज 3 करोड़ से ज्यादा का बिल थमा दिया है. इसके बाद मंगलवार को जेठमलानी ने कह दिया कि अगर दिल्ली सरकार या अरविंद केजरीवाल उनकी फीस भरने में असमर्थ है तो वो उन्हें गरीब मानकर बिना फीस के उनका केस लड़ेंगे.

आज की तारीख में जेठमलानी देश के सबसे अच्छे और सबसे महंगे वकील हैं. यह पहली बार नहीं है जब पूर्व भाजपा नेता और पूर्व कानून मंत्री ने किसी हाई प्रोफ़ाइल मामले में एक विपक्षी पार्टी के लिए पेश होने का फैसला किया है. राम जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री ले ली थी. जेठमलानी का पहला केस 1959 में प्रसिद्ध के.एम. नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का मामला था. इसमें इन्होंने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ केस लड़ा था. चंद्रचूड़ बाद में भारत के चीफ जस्टिस भी बने. इस केस के  बाद जेठमलानी सुर्खियों में आ गए थे. नानावती केस पर ही बाद में अभिनेता अक्षय कुमार अभिनीत रूस्तम फिल्म भी बनी.

इसके बाद 60 के दशक में जेठमलानी ने कई स्मगलरों का केस लड़ा जिसकी वजह से उन्हें 'स्मलगरों का वकील' कहा जाने लगा. एक तरफ जेठमलानी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं तो वहीं भाजपा में रहते हुए पार्टी के कामकाज और पार्टी के शीर्ष नेताओं का खुलकर विरोध करने के लिए भी प्रसिद्ध थे. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में जेठमलानी को अपनी सरकार में कानून मंत्री का पद दिया था. लेकिन तात्कालीन चीफ जस्टिस आदर्श सेन आनंद और अटॉर्नी जनसल सोली सोराबजी से मतभेद के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

राजनीति में भी चमके जेठमलानी

2010 में भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान से उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया. इसके बाद 2013 में पार्टी के खिलाफ बोलने के कारण उन्हें 6 सालों के लिए निष्कासित कर दिया गया था. राजनीति में अपने इस उतार चढ़ाव के बावजूद जेठमलानी वकालत में 'मोस्ट वांटेड' ही रहे. वैसे तो राम जेठमलानी का दावा है कि 90 प्रतिशत केस उन्होंने 'प्रो बोनो' यानि बिना पैसों के लड़ा है. और अपने अमीर मुवक्किलों से जेठमलानी लाखों में फीस वसूलते हैं. अपनी एक सुनवाई के लिए जेठमलानी 25 और उससे ज्यादा फीस लेते हैं.

तो आइए हम आपको बताते हैं कि जेठमलानी मशहूर केस जिनके कारण वो सुर्खियों में बने रहे.

1- सीपीआई के विधायक कृष्णा देसाई की हत्या के मामले में शिव सेना की तरफ से पैरवी की.

2- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह के वकील के तौर पर पेश हुए थे. यही नहीं टी डी डोगरा द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणों को भी चैलेंज किया था.

3- जेसिका लाल मर्डर केस में मनु शर्मा की तरफ से पेश हुए थे.

4- माफिया डॉन हाजी मस्तान पर तस्करी से जुड़े एक मामले में पैरवी की थी.

5- उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से पेश हुए.

6- 2G घोटाले में डीएमके नेता कणिमोझी की तरफ से पेश हुए थे.

7- सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की तरफ से अदालत में हाजिर हुए थे.

8- कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पेश हुए थे.

9– शेयर बाजार के दलाल हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव में अदालत में पेश हुए थे.

10- 2G घोटाले में यूनीटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा की सुप्रीम कोर्ट से जमानत कराई.

11- रामवतार जग्गी की हत्या के मामले में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के बचाव में उतरे थे.

12- जून 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा के बचाव में कोर्ट में पेश हुए.

13- 2011 में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के राजीव गांधी की हत्या के दोषी वी श्रीहरन (मुरुगन) के बचाव में अदालत में पेश हुए.

14- चारा घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए 2013 में पैरवी की थी.

15- वाईएस जगनमोहन रेड्डी के लिए मनी लांड्रिंग के मामले में पैरवी की.

16- 2013 में नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू की तरफ से पेश हुए थे.

17- तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के लिए भी अदालत में पेश हुए थे.

18- निवेशकों के पैसे लौटाने से जुड़े मामले में सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय सहारा के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए.

19- हवाला डायरी कांड में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से पेश हुए थे.

20- नेवी वॉर रुम लीक मामले में पूर्व नेवी ऑफिसर कुलभूषण पराशर की जमानत कराई.

इनमें से अधिकतर केस में रामजेठमलानी की ही जीत हुई है. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि जेठमलानी के अधिकतर हाई प्रोफाइल केस देश की जनता की विचारधारा के विपरीत ही रहे हैं. बेबाक बयानबाजी और तेज-तर्रार व्यक्तित्व के साथ-साथ राम जेठमलानी के सुर्खियों में रहने और 'मोस्ट वांटेड' क्रिमिनल लॉयर होने का शायद ये भी एक कारण है.

ये भी पढ़ें-

जेठमलानी की फीस 25 लाख से ज्यादा, जानिए और कौन से वकील हैं इनके पीछे

क्या आने वाले इस खौफनाक कल के लिए तैयार हैं आप?

क्या उत्तर प्रदेश गेरुआ-मय लग रहा है ?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲