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Rahul Gandhi का नया आईडिया अब बहुत पिछड़ गया है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 16 जुलाई, 2020 10:54 AM
  • 16 जुलाई, 2020 10:54 AM
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राजस्थान (Rajasthan) में जब सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच का गतिरोध चरम पर आ गया है राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का दार्शनिक बनना विचलित करने वाला है. राहुल को समझना चाहिए मन की बात (Mann Ki Baat ) के नाम पर आज वो जो कर रहे हैं, उसके दिन लद गए हैं.

घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर ही कहते सुनाई देते हैं कि व्यक्ति का जब पेट भरा हो या फिर जब वो अत्यधिक परेशान हो दार्शनिक बन जाता है. इस कहावत में कितनी हकीकत है या फिर ये फ़साना भर है कुछ कहना जल्दबाजी है. मगर जब हम कांग्रेस पार्टी (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को देखते हैं तो वो इस करोना काल में उस वक़्त दार्शनिक बन मन की बातें कर रहे हैं जब राजस्थान (Rajasthan) में गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच का गतिरोध चरम पर आ गया है और इस विवाद के कारण राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) दो वर्गों में विभाजित हो गई है. ध्यान रहे कि राजस्थान में पार्टी के दो शीर्ष नेताओं के बीच जो कुछ भी चल रहा है उसे लगभग इग्नोर करते हुए राहुल गांधी ने बड़े ही दार्शनिक अंदाज में एक के बाद एक दो ट्वीट किए हैं.

पार्टी में क्या चल रहा है इससे बेफिक्र राहुल गांधी दार्शनिक बन बैठे हैं

राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि आज भारतीय समाचार माध्यमों के एक बड़े हिस्से पर फासीवादी हितों ने कब्जा कर लिया है. टीवी चैनलों, वॉटसएस फॉरवर्ड और झूठी खबरों द्वारा एक नफरत भरी कहानी फैलाई जा रही है.'

एक अन्‍य ट्वीट में कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष ने लिखा- मैं अपने वर्तमान मामलों, इतिहास और संकट के बीच सत्य में रुचि रखने वालों के लिए स्पष्ट और सुलभ बनाना चाहता हूं. कल से, मैं आपके साथ वीडियो पर अपने विचार शेयर करूंगा.'

घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर ही कहते सुनाई देते हैं कि व्यक्ति का जब पेट भरा हो या फिर जब वो अत्यधिक परेशान हो दार्शनिक बन जाता है. इस कहावत में कितनी हकीकत है या फिर ये फ़साना भर है कुछ कहना जल्दबाजी है. मगर जब हम कांग्रेस पार्टी (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को देखते हैं तो वो इस करोना काल में उस वक़्त दार्शनिक बन मन की बातें कर रहे हैं जब राजस्थान (Rajasthan) में गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच का गतिरोध चरम पर आ गया है और इस विवाद के कारण राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) दो वर्गों में विभाजित हो गई है. ध्यान रहे कि राजस्थान में पार्टी के दो शीर्ष नेताओं के बीच जो कुछ भी चल रहा है उसे लगभग इग्नोर करते हुए राहुल गांधी ने बड़े ही दार्शनिक अंदाज में एक के बाद एक दो ट्वीट किए हैं.

पार्टी में क्या चल रहा है इससे बेफिक्र राहुल गांधी दार्शनिक बन बैठे हैं

राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि आज भारतीय समाचार माध्यमों के एक बड़े हिस्से पर फासीवादी हितों ने कब्जा कर लिया है. टीवी चैनलों, वॉटसएस फॉरवर्ड और झूठी खबरों द्वारा एक नफरत भरी कहानी फैलाई जा रही है.'

एक अन्‍य ट्वीट में कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष ने लिखा- मैं अपने वर्तमान मामलों, इतिहास और संकट के बीच सत्य में रुचि रखने वालों के लिए स्पष्ट और सुलभ बनाना चाहता हूं. कल से, मैं आपके साथ वीडियो पर अपने विचार शेयर करूंगा.'

गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस एक मुश्किल वक़्त से गुजर रही है. पार्टी के दो बड़े नेताओं के रूप में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिन पायलट के बीच जारी विवाद अब उस निर्णायक मोड़ पर आ गया है. जहां से दो बड़े नेताओं के बीच की ये दुश्मनी एक पार्टी के रूप में पूरी कांग्रेस और खुद राहुल गांधी के कद को प्रभावित करेगी. बात एकदम सीधी और साफ है कि दार्शनिक बन मन में छुपी बातें करने से बेहतर था कि आगे की चुनैतियों का सामना करने के लिए राहुल गांधी सभी को एकजुट कर चलते और भविष्य की रणनीति बनाते.

अब जबकि राहुल गांधी ने जनता से मन की बात करने की ठान ही ली है तो हम भी उन्हें इस बात से अवगत कराना चाहेंगे कि जो खेल आज वो सोशल मीडिया पर शुरू कर रहे हैं पीएम मोदी उस खेल के माहिर खिलाड़ी हैं. मन की बातों पर जो बादशाहत पीएम मोदी की है साफ़ है कि ये खेल वो बरसों से खेलते चले आए रहे हैं और जैसे वर्तमान में हालात हैं शायद ही उन्हें कोई पराजित कर पाए.

वहीं जिक्र अगर जनता का हो तो इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा दिलचस्प रुख और किसी का नहीं बल्कि खुद जनता का है. आलोचक पीएम मोदी की भले ही कितनी आलोचना क्यों न करें मगर इसमें कोई शक नहीं है कि देश की जनता उनके द्वारा कही बातों को न केवल सुनती है. बल्कि गहनता से उसका आत्मसात भी करती है. इसलिए अब जबकि इस खेल में या ये कहें कि जनता से सीधे संवाद के रूप में राहुल गांधी अपनी एंट्री दर्ज करा रहे हैं तो कहीं न कहीं उन्हें यहां से भी मायूस होकर खाली हाथ लौटना होगा.

गौरतलब है कि राहुल गांधी की तरफ से बार बार सीधी चुनौती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी जा रही है. राहुल, देश की जनता को लगातार यही विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वो संवाद के नाम पर पीएम मोदी से सीधी लड़ाई लड़ सकते हैं और अब वो समय आ गया है जब देश की जनता को उनपर विश्वास कर लेना चाहिए.

बहरहाल, अब जबकि राहुल गांधी दार्शनिक बन अपने मन में छुपी बातों को करने के लिए आतुर हो हो गए हैं तो हम भी उन्हें एक छोटा सा संदेश देते हुए अपनी बात को विराम देंगे कि वो कुछ और ट्राई करें. कोई नई चीज लेकर राजनीति के इस मार्केट में उतरें वरना आज वो जिस आईडिया के दम पर इतना शोर कर रहे हैं वो कब का पिछड़ चुका है. जनता इतनी ज्यादा मन की बातें सुन चुकी है कि अब शायद ही वो उनके द्वारा कही बातों को गंभीरता से ले और उनका आत्मसात करे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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