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अगले पाक आर्मी चीफ का चुनाव सबसे मुश्किल होगा

    • आलोक रंजन
    • Updated: 23 नवम्बर, 2016 02:36 PM
  • 23 नवम्बर, 2016 02:36 PM
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पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल राहील शरीफ 29 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे. अब सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान के सबसे संवेदनशील पद के लिए नवाज शरीफ किसे चुनेंगे.

पाकिस्तान में कयासों और अटकलों पर तब पूर्णविराम लग गया, जब पाकिस्तानी सरकार ने इस खबर की पुष्टि कर दी कि पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल राहील शरीफ 29 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे. रिटायर होने से पहले जनरल शरीफ ने अलग-अलग सैन्य यूनिटों में अपनी फेयरवेल विजिट भी शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें- भारत-पाक तनाव पर जानिए ज्योतिष क्या कहता है...

जब सवाल सबसे संवेदनशील पद, चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ के अपॉइंटमेंट का हो तो स्वाभाविक है कि पाकिस्तान में हलचल काफी तेज गई है. आखिर राहिल शरीफ का स्थान कौन लेगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अभी तक इस मुद्दे में अपने पत्ते साफ नहीं किए हैं. एक पाकिस्तानी अख़बार ने लिखा है कि नवाज शरीफ ने इस मसले को लेकर काफी गोपनियता रखी है और वो अंतिम समय में ही कोई निर्णय लेंगे. अपने साढ़े तीन दशक के राजनितिक करियर में उन्होंने जो चीज सीखी है उसका ही अनुसरण वो कर रहे हैं. कटु अनुभव इस तरह के मसले में वो पहले भी झेल चुके हैं और शायद इसलिए वो संभल-संभल के कदम उठा रहे हैं. अभी तक कोई ऐसी खबर पाकिस्तान से निकल कर नहीं आ रही है जिससे ये लगता हो कि नवाज शरीफ किसी दावेदार का समर्थन कर रहे हैं. समीक्षक ये अनुमान लगा रहे हैं कि वो आखरी मिनट में ही कोई निर्णय लेंगे.

 राहिल शरीफ फाइल फोटो

इस्लामाबाद बहुत ही उत्सुकता के साथ इसे जानने का इंतजार कर रहा है कि पाकिस्तान का अगला आर्मी चीफ कौन होगा. सत्ता की गलियारों में अभी से...

पाकिस्तान में कयासों और अटकलों पर तब पूर्णविराम लग गया, जब पाकिस्तानी सरकार ने इस खबर की पुष्टि कर दी कि पाकिस्तानी आर्मी के प्रमुख जनरल राहील शरीफ 29 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे. रिटायर होने से पहले जनरल शरीफ ने अलग-अलग सैन्य यूनिटों में अपनी फेयरवेल विजिट भी शुरू कर दी है.

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जब सवाल सबसे संवेदनशील पद, चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ के अपॉइंटमेंट का हो तो स्वाभाविक है कि पाकिस्तान में हलचल काफी तेज गई है. आखिर राहिल शरीफ का स्थान कौन लेगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अभी तक इस मुद्दे में अपने पत्ते साफ नहीं किए हैं. एक पाकिस्तानी अख़बार ने लिखा है कि नवाज शरीफ ने इस मसले को लेकर काफी गोपनियता रखी है और वो अंतिम समय में ही कोई निर्णय लेंगे. अपने साढ़े तीन दशक के राजनितिक करियर में उन्होंने जो चीज सीखी है उसका ही अनुसरण वो कर रहे हैं. कटु अनुभव इस तरह के मसले में वो पहले भी झेल चुके हैं और शायद इसलिए वो संभल-संभल के कदम उठा रहे हैं. अभी तक कोई ऐसी खबर पाकिस्तान से निकल कर नहीं आ रही है जिससे ये लगता हो कि नवाज शरीफ किसी दावेदार का समर्थन कर रहे हैं. समीक्षक ये अनुमान लगा रहे हैं कि वो आखरी मिनट में ही कोई निर्णय लेंगे.

 राहिल शरीफ फाइल फोटो

इस्लामाबाद बहुत ही उत्सुकता के साथ इसे जानने का इंतजार कर रहा है कि पाकिस्तान का अगला आर्मी चीफ कौन होगा. सत्ता की गलियारों में अभी से इस मुद्दे को लेकर माहौल गर्म है.

पाकिस्तान के कमजोर जनतंत्रीय इतिहास और चार मिलिट्री तानाशाहों की निर्बाध कार्यकाल के कारण भी ये पोजीशन काफी महत्वपूर्ण हो गई है. इसके साथ ही पाकिस्तान में सिविल-मिलिट्री असंतुलन भी नवाज शरीफ को फूक-फूक कर कदम लेने के लिए बाध्य कर रहा है क्योंकि वो मिलिट्री के शैडो से मुक्त होना चाहते हैं.

अब प्रश्न ये उठता है कि शरीफ चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ का चयन किस आधार पर और किस तरह से करते हैं. उन्होंने पाकिस्तान के 8 आर्मी चीफ के साथ काम किया है. इनमे से जनरल परवेज मुशर्रफ, जनरल ज़ियाउद्दीन ख्वाजा और राहिल शरीफ की नियुक्ति उन्होंने खुद की थी. हालांकि जनरल ज़ियाउद्दीन ख्वाजा का बाद में कोर्ट मार्शल हो गया था. दो आर्मी चीफ जनरल आसिफ नवाज़ और जनरल वहीद काकर की नियुक्ति में उन्होंने सीमित भूमिका निभाई थी क्योंकि उस समय राष्ट्रपति इसहाक़ ख़ान काफी पावरफुल थे.

पहले भी दिया है शौक-

जब राहिल शरीफ के नाम की घोषणा 27 नवंबर 2013 को हुई थी उस समय के आर्मी चीफ कयानी भी चौंक गए थे क्योंकि उन्होंने राहिल शरीफ के लिए सिफारिश नहीं की थी. शायद इसी तरह का घोषणा इस बार भी नवाज़ शरीफ अंतिम समय में कर सकते हैं.

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इस बार सत्ता के गलियारों में भी ये भनक नहीं है कि किसे पाकिस्तान का अगला आर्मी चीफ बनाया जा सकता है. जनरल राहिल शरीफ और चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ़ स्टाफ समिति जनरल रशद महमूद के अलावा चार सीनियर जनरल भी अगले महीने रिटायर होने वाले हैं. वो हैं लेफ्टिनेंट जनरल नासिर जंजुआ, सईद तारिक़, मोहम्मद अयाज़ और नावेद जमान. उनके बाद जो आर्मी चीफ बनने के दावेदार हैं उनमे प्रमुख हैं लेफ्टिनेंट जनरल मक़सूद अहमद जो वर्त्तमान में यूनाइटेड नेशन्स में डेप्युटेशन में हैं, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल जुबैर हयात, लेफ्टिनेंट जनरल सईद वाजिद हुसैन (हैवी इंडस्ट्रीज तक्षशिला) और मुल्तान कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल इशफाक नदीम. इसके साथ-साथ बहावलपुर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल रामदे और इंस्पेक्टर जनरल ट्रेनिंग एंड इवेल्यूशन लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा भी रेस में हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल मक़सूद अहमद जो मिलिट्री सलाहकार के रूप में यूनाइटेड नेशन्स में हैं फ़िलहाल एक्सटेंशन में चल रहे हैं और इसलिए वो प्रमोशन के लिए योग्य नहीं हैं. तकनीकी तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल सईद वाजिद हुसैन योग्य नहीं ठहरते क्योंकि उन्हें सैन्य संचालन का अनुभव नहीं है.

जनरल राहिल शरीफ भारत के धुर विरोधी माने जाते हैं. वो पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय आर्मी चीफ रहे हैं. उनका ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है लेकिन हाल में ही भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक ने उनके रिकॉर्ड को खराब कर दिया. खबरें पाकिस्तान से निकल कर आ रहीं थीं कि उनके कार्यकाल का विस्तार होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. रिटायर होने में अब केवल एक हफ्ते का समय बचा है और अब उन्होंने अपनी फेयरवेल मुलाकातों में भी शरीक होना शुरू कर दिया है. इन सब के बीच अब देखना ये है कि नवाज़ शरीफ इस पद के लिए किसका चुनाव करते हैं और उनका भारत के प्रति दृष्टिकोण क्या रहता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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