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मोदी राज में खून की प्‍यासी क्‍यों हो रही है भीड़ !

    • आईचौक
    • Updated: 22 मई, 2017 10:18 PM
  • 22 मई, 2017 10:18 PM
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आखिर देश में भीड़ खून की प्‍यासी क्‍यों होने लगी है. पहले कभी भीड़ का जिक्र होता था धरने, प्रदर्शन और चक्‍काजाम को लेकर. अब बात होती है हत्‍या की.

मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस फिल्म में एक सीन आपको याद होगा. जब मुन्ना (संजय दत्त) के पिता हरि प्रसाद शर्मा (सुनील दत्त) और मां पार्वती अपने बेटे से मिलने मुंबई शहर में आते हैं. उस वक्त एक चोर उनका पर्स चुरा लेता है और पकड़ा जाता है. जिसके बाद स्टेशन पर खड़ी जनता उस चोर को खूब पीटती है और हरि प्रसाद जनता को उस चोर को मारने से रोक देते हैं.

खैर, उस फिल्‍मी सीन का इस लेख से ताल्‍लुक सिर्फ भीड़ के इंसाफ तक सीमित है. और ये भी कि अब भीड़ से हरि प्रसाद मिसिंग हैं. यानी कुछ भी गलत दिखे तो उसकी शिकायत पुलिस में न करके वहीं मौके पर ही फैसला कर दिया जा रहा है. जी हां, मोदी राज के तीन साल में ऐसे मामले में देश के कोने कोने में सामने आ रहे हैं. लव जिहाद हो या गौ रक्षा, इन के लिए भीड़ न सिर्फ जुटती है बल्कि व्यक्ति को पीट-पीटकर मार ही रही है.

झारखंड के जमशेदपुर में तनावपूर्ण माहौल

झारखंड में 6 लोगों की भीड़ ने की हत्या

झारखंड के औद्योगिक शहर जमशेदपुर में बच्चा चोरी के आरोप में 6 लोगों की हत्या के बाद वहां माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है. कुछ दिन पहले च्चा चोरी के आरोप में दो अलग-अलग जगहों पर भीड़ ने पीट-पीटकर कर 6 लोगों की हत्या कर दी थी. मरने वालों में चार आरोपी मुस्लिम थे. उस दौरान जब वहां पुलिस पहुंची थी तो गुस्साए भीड़ ने उनपर भी पत्थरबाजी की थी और दो पुलिस वाहन में आग लगा दी थी. यानी भीड़ को पुलिस पर भी भरोसा नहीं था. फैसला वहीं करना उन्होंने ठीक समझा.

बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या

मई में उत्तर प्रदेश के पहासू के एक गांव से...

मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस फिल्म में एक सीन आपको याद होगा. जब मुन्ना (संजय दत्त) के पिता हरि प्रसाद शर्मा (सुनील दत्त) और मां पार्वती अपने बेटे से मिलने मुंबई शहर में आते हैं. उस वक्त एक चोर उनका पर्स चुरा लेता है और पकड़ा जाता है. जिसके बाद स्टेशन पर खड़ी जनता उस चोर को खूब पीटती है और हरि प्रसाद जनता को उस चोर को मारने से रोक देते हैं.

खैर, उस फिल्‍मी सीन का इस लेख से ताल्‍लुक सिर्फ भीड़ के इंसाफ तक सीमित है. और ये भी कि अब भीड़ से हरि प्रसाद मिसिंग हैं. यानी कुछ भी गलत दिखे तो उसकी शिकायत पुलिस में न करके वहीं मौके पर ही फैसला कर दिया जा रहा है. जी हां, मोदी राज के तीन साल में ऐसे मामले में देश के कोने कोने में सामने आ रहे हैं. लव जिहाद हो या गौ रक्षा, इन के लिए भीड़ न सिर्फ जुटती है बल्कि व्यक्ति को पीट-पीटकर मार ही रही है.

झारखंड के जमशेदपुर में तनावपूर्ण माहौल

झारखंड में 6 लोगों की भीड़ ने की हत्या

झारखंड के औद्योगिक शहर जमशेदपुर में बच्चा चोरी के आरोप में 6 लोगों की हत्या के बाद वहां माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है. कुछ दिन पहले च्चा चोरी के आरोप में दो अलग-अलग जगहों पर भीड़ ने पीट-पीटकर कर 6 लोगों की हत्या कर दी थी. मरने वालों में चार आरोपी मुस्लिम थे. उस दौरान जब वहां पुलिस पहुंची थी तो गुस्साए भीड़ ने उनपर भी पत्थरबाजी की थी और दो पुलिस वाहन में आग लगा दी थी. यानी भीड़ को पुलिस पर भी भरोसा नहीं था. फैसला वहीं करना उन्होंने ठीक समझा.

बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या

मई में उत्तर प्रदेश के पहासू के एक गांव से युवती का अपहरण हो गया था. मामले में एक बुजुर्ग गुलाम मोहम्मद को दोषी बताते हुए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने रंजिशन गुलाम की हत्या की. जिसके बाद डीएम के आदेश पर आरोपियों को जेल भेज दिया गया.

हिंदू युवा वाहिनी ग्रुप 2002 में बनाया गया. बता दें, ये वाहिनी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की है. लव जिहाद के नाम पर ये ग्रुप मुस्लिम युवकों को पीटता है ये आम बात है. लेकिन, आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद ये ग्रुप ज्यादा अटैक करने लगा है. एन्टी रोमियो स्वार्ड बनने के बाद तो ये घटनाएं और बढ़ गई हैं. बीजेपी सरकार वाले प्रदेश मध्यप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भी लव जिहाद और गौ रक्षा के नाम पर भीड़ ने खूब उत्पात मचाया है.

गोमांस होने को लेकर 28 सितंबर 2015 की रात अखलाक के घर में घुसकर उग्र भीड़ उसके मकान में घुस गई और उसको पीट-पीटकर मार डाला और उसके बेटे दानिश को गंभीर रूप से घायल कर दिया था.

घर में घुसकर मारा अखलाक को

2015 की बात है... दादरी में एक अफवाह ऐसी फैली की मोहम्मद अखलाक के घर में गौमांस बन रहा है और उसके बाद करीब 200 लोगों की भीड़ ने अखलाक को घर से बाहर निकालकर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी. जिसमे अखलाख का बेटा 22 साल का दानिश हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया. उसका इलाज नोएडा के एक अस्पताल में चलाया गया था. जहां वह आईसीयू से बाहर आ गया था. लेकिन इस घटना के कारण देशभर में तब आक्रोशका माहौल था.

ये तो कुछ नहीं, कई खबरें ऐसी आती रही है और बहुत आम बात हो गई है. मोदी सरकार को तीन साल हो गए हैं. ऐसे मामलों को देखकर लगता है सरकार ने जनता को कुछ दिया हो या नहीं. लेकिन भीड़ को ऑन द स्पॉट फैसला सुनाने का अधिकार जरूर दे दिया है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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