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प्रशांत किशोर फिर से करेंगे नीतीश की नैया पार !

    • बिजय कुमार
    • Updated: 16 सितम्बर, 2018 05:40 PM
  • 16 सितम्बर, 2018 05:40 PM
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प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, बिहार से अपनी नई यात्रा की शुरुआत करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं. ऐसा माना जा रहा है कि वो बिहार से ना सिर्फ 2019 लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं बल्कि उन्हें पार्टी की ओर से कई अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं.

चुनावी रणनीतिकार और 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाने वाले प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हो गए हैं. बता दें कि प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार के लिए रणनीति बनायी थी और महागठबंधन को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी सत्ता हासिल करने में अहम मदद की थी जबकि वो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कुछ खास नहीं कर पाए थे. राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले 41 वर्षीय प्रशांत ने खुद ट्वीट करके अपनी इस नई यात्रा की जानकारी दी. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, बिहार से अपनी नई यात्रा की शुरुआत करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं.

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, बिहार से अपनी नई यात्रा की शुरुआत करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं.

ऐसा माना जा रहा है कि वो बिहार से ना सिर्फ 2019 लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं बल्कि उन्हें पार्टी की ओर से कई अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक के मौके पर पार्टी में शामिल हो रहे हैं जो अगले लोकसभा चुनाव के लिहाज से बुलाई गई है. बता दें कि एक समय चुनाव में जीत की गारंटी बन चुके प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को उन्होंने 'मोदी लहर' में बदल दिया था. लेकिन उसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से उनके मतभेद की खबरें आईं थीं और उन्होंने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रचार की कमान संभाल ली और इस चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन पिछले साल नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद से एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में समीकरण बदल गए हैं और ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साख पहले की तुलना में कम हुई है जिसकी झलक उपचुनावों के नतीजों में साफ देखी जा सकती है.

चुनावी रणनीतिकार और 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाने वाले प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हो गए हैं. बता दें कि प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार के लिए रणनीति बनायी थी और महागठबंधन को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी सत्ता हासिल करने में अहम मदद की थी जबकि वो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कुछ खास नहीं कर पाए थे. राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले 41 वर्षीय प्रशांत ने खुद ट्वीट करके अपनी इस नई यात्रा की जानकारी दी. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, बिहार से अपनी नई यात्रा की शुरुआत करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं.

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, बिहार से अपनी नई यात्रा की शुरुआत करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं.

ऐसा माना जा रहा है कि वो बिहार से ना सिर्फ 2019 लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं बल्कि उन्हें पार्टी की ओर से कई अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक के मौके पर पार्टी में शामिल हो रहे हैं जो अगले लोकसभा चुनाव के लिहाज से बुलाई गई है. बता दें कि एक समय चुनाव में जीत की गारंटी बन चुके प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को उन्होंने 'मोदी लहर' में बदल दिया था. लेकिन उसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से उनके मतभेद की खबरें आईं थीं और उन्होंने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रचार की कमान संभाल ली और इस चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन पिछले साल नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद से एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में समीकरण बदल गए हैं और ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साख पहले की तुलना में कम हुई है जिसकी झलक उपचुनावों के नतीजों में साफ देखी जा सकती है.

प्रशांत किशोर के जेडीयू में शामिल होने से लग रहा है कि एक बार फिर से 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' के दावे को मजबूती मिलेगी. अगर ऐसा होता है तो नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में बीजेपी से ज्यादा सीटें मांग सकते हैं और शायद बीजेपी को भी इसमें हिचकिचाहट नहीं होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका सीधा फायदा तो एनडीए को ही मिलेगा वैसे भी प्रदेश में तेजस्वी के नेतृत्व वाले विपक्ष से कड़े मुकाबले की उम्म्मीद जताई जा रही है. ऐसे में बीजेपी चाहेगी कि वो सहयोगियों के साथ अपने रिश्ते को मजबूत रखे. वैसे हाल ही में प्रशांत किशोर के एक बार फिर से बीजेपी का चुनावी रणनीतिकार बनने के कयास लगाए जा रहे थे, जिनको तब बल मिला जब उनसे जुड़ी संस्था इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) ने पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वे कर दावा किया कि सर्वाधिक 49 प्रतिशत लोगों ने देश के नेता के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था जताई. लेकिन इस पर सफाई देते हुए प्रशांत ने कहा था कि वो 2019 में किसी भी दल की तरफ से चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में नहीं होंगे. कह सकते हैं कि प्रशांत किशोर का जेडीयू में शामिल होना नीतीश के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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