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कर्नाटक और उत्तर प्रदेश दोनों के निशाने पर एयरो इंडिया शो

    • अमित अरोड़ा
    • Updated: 16 अगस्त, 2018 02:06 PM
  • 16 अगस्त, 2018 02:06 PM
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रक्षा कंपनियों को इतने बड़े स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारी एक साल पहले से करनी पड़ती है. समय की कमी के कारण अक्तूबर-नवम्बर 2018 का प्रस्तावित आयोजन शायद आर्थिक दृष्टि से अव्यवहारिक साबित हो सकता है.

एयरो इंडिया शो का अगला संस्करण बेंगलूरु की बजाए लखनऊ में होता नजर आ रहा है. केंद्र सरकार अगले एयरो इंडिया शो को फरवरी 2019 के बजाए इसी वर्ष 27 अक्तूबर से 4 नवम्बर के बीच में आयोजित कर सकती है. आगामी लोक सभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अगले संस्करण को लखनऊ के बख्शी का तालाब एयर स्टेशन में आयोजित करने का प्रस्ताव है. इस सारी कवायद के पीछे वैश्विक उड्डयन कंपनियों के समक्ष उत्तर प्रदेश को सेन्य उपकरणों के निर्माण के गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करना है. एयरो इंडिया शो का आरंभ 1996 में हुआ था. पिछले 22 सालों से बेंगलूरु ही इस कार्यक्रम की मेज़बानी करता आया है, जिसका आखरी बार आयोजन फरवरी 2017 में किया गया था.

फरवरी 2019 में होने वाला एयरो इंडिया शो इसी साल लखनऊ में हो रहा है

जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश लाने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह कर रहे हैं, वहीं कर्नाटक के राजनेता इस बदलाव का भरसक विरोध कर रहे हैं.

एयरो इंडिया शो को बेंगलुरू से बाहर ले जाने के पीछे जगह की कमी का तर्क दिया जा रहा है. यदि लखनऊ के प्रस्तावित स्थान की बेंगलुरू के येलहंका वायुसेना स्टेशन से तुलना की जाए तो बेंगलुरू की व्यवस्था लखनऊ से बहुत बहतर है.

क्यों लखनऊ में एयरो इंडिया...

एयरो इंडिया शो का अगला संस्करण बेंगलूरु की बजाए लखनऊ में होता नजर आ रहा है. केंद्र सरकार अगले एयरो इंडिया शो को फरवरी 2019 के बजाए इसी वर्ष 27 अक्तूबर से 4 नवम्बर के बीच में आयोजित कर सकती है. आगामी लोक सभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अगले संस्करण को लखनऊ के बख्शी का तालाब एयर स्टेशन में आयोजित करने का प्रस्ताव है. इस सारी कवायद के पीछे वैश्विक उड्डयन कंपनियों के समक्ष उत्तर प्रदेश को सेन्य उपकरणों के निर्माण के गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करना है. एयरो इंडिया शो का आरंभ 1996 में हुआ था. पिछले 22 सालों से बेंगलूरु ही इस कार्यक्रम की मेज़बानी करता आया है, जिसका आखरी बार आयोजन फरवरी 2017 में किया गया था.

फरवरी 2019 में होने वाला एयरो इंडिया शो इसी साल लखनऊ में हो रहा है

जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश लाने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह कर रहे हैं, वहीं कर्नाटक के राजनेता इस बदलाव का भरसक विरोध कर रहे हैं.

एयरो इंडिया शो को बेंगलुरू से बाहर ले जाने के पीछे जगह की कमी का तर्क दिया जा रहा है. यदि लखनऊ के प्रस्तावित स्थान की बेंगलुरू के येलहंका वायुसेना स्टेशन से तुलना की जाए तो बेंगलुरू की व्यवस्था लखनऊ से बहुत बहतर है.

क्यों लखनऊ में एयरो इंडिया शो एक गलत फैसला है

2016 में लखनऊ के बख्शी का तालाब एयर स्टेशन में बहुत छोटे पैमाने पर एक एयरो शो को आयोजित किया गया था. उस समय केवल 5000 लोग उपस्थति थे फिर भी यातायात, सुरक्षा और आधारभूत संरचना पर दबाव नजर आया था. इसके अलावा एक और चिंता का विषय है. रक्षा कंपनियों को इतने बड़े स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारी एक साल पहले से करनी पड़ती है. समय की कमी के कारण अक्तूबर-नवम्बर 2018 का प्रस्तावित आयोजन शायद आर्थिक दृष्टि से अव्यवहारिक साबित हो सकता है.

इन सब चीजों को ध्यान में रखकर तुलना की जाए तो एयरो इंडिया शो को बेंगलूरु से लखनऊ स्थानांतरित करना गलत निर्णय होगा. सबको पता है कि भाजपा सरकार 2019 के लोक सभा चुनावों को जीतने के लिए कई तरह के पापड़ बेलने को तैयार है. भाजपा उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश करवाना चाहती है. सैन्य उपकरणों का बाज़ार बहुत बड़ा है. यदि उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में जुड़ जाता है तो प्रदेश में बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश होगा और रोजगार के अवसर मिलेंगे, लोकिन अभी लखनऊ एयरो इंडिया शो के लिए तैयार नहीं है. इतने बड़े आयोजन के लिए लखनऊ के पास मूलभूत व्यवस्थाएं भी नहीं है.

रक्षा मंत्रालय राजनीतिक और चुनावी दबाव में आकर यदि यह आयोजन लखनऊ में (वह भी तय समय से पहले) करता है तो इसका असफल होना तय है. रक्षा मंत्री को समझना चाहिए कि देश का सम्मान, राजनीतिक दल और चुनावी हार-जीत से ज़्यादा महत्वपूर्ण है. इसलिए फिलहाल एयरो इंडिया शो को बेंगलुरू में ही आयोजित होने देना चाहिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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